बड़ी खबर: आर्य समाज का मैरिज सर्टिफिकेट मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आर्य समाज का काम विवाह प्रमाण पत्र जारी करना नहीं, जानें किस मामले में आया फैसला

Update: 2022-06-03 12:43 GMT

NPG डेस्क, 03 जून 2022। सुप्रीम कोर्ट ने आर्य समाज द्वारा जारी मैरिज सर्टिफिकेट को कानूनी मान्यता देने से इंकार कर दिया है। साथ ही, यह टिप्पणी भी की है कि आर्य समाज का काम मैरिज सर्टिफिकेट जारी करना नहीं है। यह काम सक्षम प्राधिकरण ही कर सकते हैं।

दरअसल, प्रेम विवाह से जुड़े एक केस की सुनवाई में जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने यह अहम निर्णय दिया है। प्रेम विवाह के एक मामले में वधु पक्ष ने लड़की के अपहरण और रेप की एफआईआर दर्ज कराई है। वर पक्ष का कहना था कि लड़की बालिग है। उसने अपनी मर्जी और अधिकार से विवाह का फैसला किया है। आर्य समाज मंदिर में विवाह हुआ है।

इसी मामले में युवक ने मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से जारी मैरिज सर्टिफिकेट भी कोर्ट में पेश किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे मानने से इंकार कर दिया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने को हामी भर दी थी। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने आर्य प्रतिनिधि सभा से स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 की धाराओं 5, 6, 7 और 8 प्रावधानों को अपनी गाइड लाइन में एक महीने के भीतर शामिल करने को कहा था

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