बड़ी खबरः स्कूलों में ऑनलाइन परीक्षा पर शिक्षा मंत्री और अफसरों में मतभेद, प्रायवेट स्कूल लॉबी भी नहीं चाह रही ऑफलाइन एग्जाम
रायपुर, 18 फरवरी 2022। सरकार से उलट फैसला लेते हुए बिलासपुर के ज्वाइंट डायरेक्टर ने ऑनलाइन एग्जाम का आदेश दे दिया था। इस पर बवाल मचा तो सरकार ने जेडी की क्लास ली और फिर आदेश वापिस लिया गया। मगर अंदर की खबर यह है कि ऑनलाइन परीक्षा को लेकर शिक्षा मंत्री और अफसरों में मतभेद उभर आए हैं।
सूत्रों के अनुसार स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह चाहते हैं कि स्कूलों को ऑनलाइन परीक्षा लेने की अनुमति दे दी जाए। मगर अधिकारी इसके लिए तैयार नहीं हैं। बताते हैं, अधिकारियों ने उपर में बताया है कि जब पूरे देश में स्कूल खुल रहे हैं, ऑफलाइन परीक्षाएं ली जा रहीं तब छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन परीक्षा सूबे के बच्चों के साथ अन्याय होगा। छत्तीसगढ़ के बच्चे जब परीक्षा पास करके बड़े संस्थानों में दाखिला लेने जाएंगे तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। स्कूल शिक्षा विभाग का तर्क है कि पिछले साल ऑनलाइन परीक्षा ली गई। लगातार ऑनलाइन परीक्षा से मानव संसाधन प्रभावित होगा।
पता चला है, प्रायवेट स्कूल लॉबी भी ऑनलाइन परीक्षा के लिए प्रेशर बना रही है। दरअसल, दो साल से स्कूल बंद हैं और स्कूलों का सिस्टम पूरा गड़बड़ाया हुआ है। बड़े स्कूल मालिकों ने बच्चों से फीस तो पूरी वसूले हैं मगर पैसा बचाने के लोभ में बहुत सारी चीजों में कटौती कर दिए हैं। स्कूलो में स्टाफ भी बहुत कम कर दिए हैं। बसों के ड्राईवर, क्लिनर को नौकरी से हटा दिए हैं। ऐसे में, आफलाइन परीक्षा होगी तो स्कूलों को इंतजाम करने में का फी दिक्कतें जाएंगी। अभी सरकार स्कूल खोलने बोल रही, उसी में प्रायवेट स्कूलों के हाथ-पैर कांप रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर के पहले सारे सरकारी स्कूल खुल गए थे मगर प्रायवेट स्कूल बंद रहे। जबकि, महीने की फीस लेने में प्रायवेट स्कूलों ने कोई नरमी नहीं बरती। अब ऑफलाइन एग्जाम लेने में भी आंधी आ रही हैं।