कैबिनेट का बड़ा फैसला, मार्च 2022 तक जारी रहेगी गरीब कल्‍याण योजना, 80 करोड़ परिवारों को मिलेगा फायदा

Update: 2021-11-24 11:48 GMT

नई दिल्‍ली 24 नवम्बर 2021। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है. केंद्रीय कैबिनेट से इसको बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है। यानी अब इस योजना के तहत मार्च 2022 तक लाभार्थियों को मुफ्त राशन मिलता रहेगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का मार्च 2020 में ऐलान किया गया था. इस योजना का मकसद कोरोना महामारी द्वारा हुए तनाव को कम करना है। शुरुआत में, स्कीम को अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए लॉन्च किया गया था। लेकिन बाद में इसे 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था। सरकार के इस फैसले से उन 80 करोड़ परिवारों को अगले छह महीने तक इस योजना का और लाभ अब मिलेगा, जिन्‍हें इसके तहत एक निश्चित मात्रा में नि:शुल्‍क चावल, आटा और बुनियादी जरूरत की अन्‍य चीजें मिलती रही हैं।

बता दें कि अनुराग ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट बैठक में निर्णय किया गया है कि कोविड महामारी के चलते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत देश के लगभग 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 5 किलो गेंहू और चावल मुफ़्त में देने की योजना जो मार्च 2020 से लेकर अब तक देने का काम किया है। उसे दिसंबर से लेकर मार्च 2022 तक और 4 महीनों के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

पीएम मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में गरीब कल्‍याण योजना को मार्च 2022 तक विस्‍तार देने का फैसला लिया गया। इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्‍यों को यह विकल्‍प दिया था कि वे चाहें तो इस योजना को संबंधित राज्‍य में विस्‍तार दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में इस पर आने वाला खर्च भी संबंधित राज्‍यों को ही वहन करना था, लेकिन अब केंद्र ने खुद इस योजना की अवधि अगले चार माह के लिए और बढ़ाने की घोषणा की है।

दिल्‍ली, ओडिशा सहित कई केंद्र शासित प्रदेशों और राज्‍यों की तरफ से इस संबंध में केंद्र सरकार से मांग की गई थी। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ ओडिशा के मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक ने भी केंद्र सरकार से योजना को विस्‍तार देने का अनुरोध किया था। दिल्‍ली सरकार ने बाद में इस योजना को मई 2022 तक बढ़ाने की घोषणा की थी।

वहीं, उत्‍तर प्रदेश में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने पहले ही इस योजना की अवधि को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ाने की घोषणा की है। यूपी सरकार के इस फैसले को राज्‍य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बेहद अहम बताया गया। अब केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को विस्‍तार देने को भी कई राज्‍यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए रणनीतिक फैसला बताया जा रहा है।

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