बिग ब्रेकिंग न्यूजः सिंहदेव का बीजेपी प्रवेश तय! बीजेपी प्रभारी ओम माथुर से बंद कमरे में हुई आदित्येश्वर की मुलाकात, सरगुजा की 14 सीटों पर नजर, एनपीजी से बोले माथुर...
रायपुर। सरगुजा से एक बड़ी खबर आ रही है...दो दिन पहले बीजेपी प्रभारी ओम माथुर के अंबिकापुर दौरे में देर रात बंद कमरे में आदित्येश्वर सिंहदेव की मुलाकात हुई थी। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के कल के बयान को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। मीडिया से बातचीत में सिंहदेव ने कहा कि वे भाजपा में नहीं जाएंगे, क्योंकि उनके विचार भाजपा से मेल नहीं खाते हैं। लेकिन उनके परिवार के लोग क्या करेंगे, बच्चे क्या करेंगे, यह वे नहीं बता सकते। बता दें कि सियासी गलियारे में पिछले कुछ दिनों से ऐसी बातें आ रही थीं कि आदित्येश्वर, जिन्हें समर्थक आदि बाबा कहते हैं, वे भाजपा से चुनाव लड़ सकते हैं। आदि बाबा सिंहदेव के भतीजे हैं। ओम माथुर और भतीजे आदित्येश्वर की मुलाकात की खबर किसी दूसरे माध्यम से वायरल हो, इससे पहले टीएस सिंहदेव ने खुद ही संकेत दे दिया कि उनके परिवार के लोग किसी भी पार्टी में जाएं, वे क्या कर सकते हैं।
सिंहदेव के इस बड़े बयान के बाद खबर है कि बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर दो दिन पहले कार्यकर्ता सम्मेलन में अंबिकापुर गए थे। वहां देर रात बंद कमरे में उनकी आदि बाबा से मुलाकात कराई गई। बताते हैं, पार्टी के दिग्गज नेता अमित शाह की नोटिस में ये बात है। आदि बाबा के बीजेपी में प्रवेश कराने का ब्लूप्रिंट दिल्ली में तैयार किया गया है। आदि बाबा से ओम माथुर की मुलाकात कराने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ0 रमन सिंह ने लाइनअप किया। दोनों की मुलाकात के समय कमरे में नो इंट्री थी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भी बाहर बैठे थे। खबर की सच्चाई जानने के लिए आदि बाबा से एनपीजी ने बात करने का प्रयास किया। मगर उन्होंने इस पर कोई कमेंट्स करने से इंकार कर दिया। उनसे प्वाइंटेड सवाल हुआ...क्या आप भाजपा ज्वाईन कर रहे हैं...आदि ने फिर दोहराया...नो कमेंट्स...और थैंक्यू बोलकर फोन डिस्कनेक्ट कर दिया।
बता दें, आदि के ससुर महेंद्र सिंह सिसोदिया पहले कांग्रेस में थे. वे ज्योतिरादित्य सिंह के करीबी हैं। टीएस सिंहदेव ने कल कहा कि उनके समधी उन्हें कहते हैं कि कांग्रेस ने उन्हें धोखा दिया। वे भाजपा में आ जाएं. हालांकि वे नहीं आना चाहते। हम लोग महाराजा थे. राजपाठ किसने लिया कांग्रेस ने. पहले ज्यादा ध्यान दिया जा रहा था. कुछ समय से जितना कांग्रेस का सिर पर हाथ होना चाहिए था वह नहीं है।
उधर, एनपीजी न्यूज ने बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर से मोबाइल पर बात की। माथुर ने माना कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा कि चिंता की बात नहीं...मैं नौ राज्यों का अब तक प्रभारी रह चुका हूं। यूपी से लेकर गुजरात तक चुनाव जिताया हूं। यहां भी बेहतर करने का प्रयास करूंगा। दरअसल, ओम माथुर से लेकर दिल्ली तक के नेता जानते हैं कि छत्तीसगढ़ में पार्टी की क्या स्थिति है। 15 साल जो लोग सत्ता में रहे, वे अप्रसांगिक हो गए हैं। और सेकेंड लाइन कोई तैयार हुआ नहीं। इसलिए बड़ी चतुराई से पत्ते फेंटे जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ कांग्रेस का गढ़ है। सीधी लड़ाई में बीजेपी का जीतना संभव नहीं है। 2003 से लेकर 2013 तक तीनों चुनाव में कांग्रेस के नेताओं के कर्मों और उनके अपरोक्ष सहयोग से बीजेपी सफल रही। इस बार भी बीजेपी का यही प्रयास है। बस्तर में आदिवासी आंदोलन चल रहा है। सर्व आदिवासी पार्टी करीब 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की कोशिश कर रही है। उधर, सरगुजा की 14 सीटों को सिंहदेव परिवार के जरिये साधी जाएगी। मैदानी इलाको में बीजेपी को कुछ खास संभावना नहीं नजर नहीं आ रहा। सीएम भूपेश की गांव और किसानों को लेकर बनाई गई योजनाओं से कांग्रेस का पलड़ा मैदानी इलाकों में भारी लग रहा है। लेकिन, बीजेपी जिस तरह कांग्रेस के घर में घुसने का प्रयास कर रही है, उससे ये जरूर है कि कांग्रेस का रास्ता कुछ कठिन हो जाएगा।
नोट-मित्रों होली का माहौल चालू हो गया है...हमारे साथी होलियाना मूड में खबर बना रहे हैं...अगर इधर-उधर हुआ....तो बुरा न मानो होली है।