भत्ता मिला न ट्रांसफर: कैबिनेट में 34% महंगाई भत्ते और ट्रांसफर पॉलिसी पर कोई निर्णय नहीं होने से कर्मचारी निराश, अब उग्र आंदोलन

Update: 2022-07-08 05:49 GMT

रायपुर। केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ते और गृह भाड़ा भत्ते की मांग को लेकर आंदोलित कर्मचारी अधिकारी कैबिनेट की बैठक के बाद निराश हैं। महंगाई भत्ते पर तो दूर दो साल से कर्मचारी ट्रांसफर से बैन हटने का इंतजार कर रहे हैं, उस पर भी कोई फैसला नहीं हुआ। अब कर्मचारियों ने 25 से 29 तक प्रस्तावित हड़ताल को और प्रभावी बनाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।

राज्य सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ नहीं मिल रहा। इसे लेकर दो चरणों में आंदोलन हो चुका है। तीसरे चरण के अंतर्गत 25 से 29 जुलाई तक सभी सरकारी दफ्तरों में काम बंद करने की तैयारी है। यदि इससे भी बात नहीं बनी तो कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस बीच गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों को इस बात की उम्मीद थी कि सरकार महंगाई भत्ते के संबंध में बातचीत करेगी। ट्रांसफर से बैन हटाने के फैसले से फैसले पर भी कर्मचारियों को राहत मिलती, लेकिन इस मामले में भी कोई निर्णय नहीं हुआ।

इस बीच गुरुवार को ही दो फैसलों ने कर्मचारियों की नाराजगी को थोड़ा बढ़ा दिया। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए क्रमोन्नति और सरगुजा में सीएमएचओ के पद पर संविदा नियुक्ति से कर्मचारियों में आक्रोश है। इससे पहले सरकार ने चार लाख से ज्यादा कर्मचारियों की नाराजगी को नजरंदाज कर आईएएस आईपीएस को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने का आदेश जारी कर दिया। इन सब मुद्दों को लेकर अब कर्मचारी संगठनों ने इस बार हड़ताल को और प्रभावी बनाने का निर्णय लिया है। आलम यह है कि कर्मचारी नेताओं में अब इस बात की चर्चा होने लगी है कि महंगाई और गृह भाड़ा भत्ते में जीत के बाद सरकार के किसी प्रतिनिधि के लिए सम्मान समारोह आयोजित नहीं करना है।

अवकाश नहीं, सामूहिक अवकाश के लिए आवेदन करें

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने सभी कर्मचारी संगठनों से अपील की है कि वे सीएल या ईएल के बजाय सामूहिक अवकाश शब्द का प्रयोग करें। फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने आग्रह किया है कि न्याय के लिए सभी कर्मचारी फेडरेशन द्वारा निर्धारित रास्ते को चुनें। सीएल ईएल के बजाय सिर्फ सामूहिक अवकाश शब्द का प्रयोग करें। शासन से इस अवधि का निर्णय कराएंगे। वर्मा ने कहा है कि मौलिक अधिकार के लिए आगे आएं। कमरे में बैठने से डीए नहीं मिलेगा। सड़क की लड़ाई में साथ दें।

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