Astro Plant Tips: घर में जरूर लगाएं ये पौधा, आपको बनाएगा मालामाल, आज ही लाएं आप

Update: 2022-07-08 00:00 GMT

NPG DESK

रायपुर। Astro Plant Tips: आने वाले दिन ज्योतिष के हिसाब से बहुत खास है। इन दिनों धार्मिक काम करने से लाभ होता है। धन वैभव के साथ खुशहाली बढ़ती है। क्योंकि अभी गुरु पूर्णिमा, देवशयनी एकादशी, सोम प्रदोष और सावन की शुरूआत होने वाली है। ऐसा समय पेड़-पौधों को लगाने और सेवा करने के लिए उत्तम है। ये बातें हमारे धर्म ग्रंथों में भी वर्णित है कि पीपल, केला और शमी का वृक्ष ऐसे पेड़ हैं, जो हमारे जीवन में सुख-समृद्धि देते हैं। पीपल और शमी दो ऐसे वृक्ष हैं, जिन पर शनि का प्रभाव होता है। पीपल का वृक्ष बहुत बड़ा होता है, इसलिए इसे घर में लगाना संभव नहीं हो पाता। इन धार्मिक तिथियों में इन पौधों को लगाने से लाभ होता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार नियमित रूप से शमी की पूजा करने और उसके नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष और उसके कुप्रभावों से बचा जा सकता है। शमी के वृक्ष को घर के मुख्य दरवाजे के बाईं तरफ लगाएं। मान्यता है कि शमी का पेड़ घर में लगाने से देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है। हम आपको बताते हैं कि शमी वृक्ष घर में लगाकर उसकी नित्य आराधना करने पर क्या फायदे हैं-

भगवान को प्रिय शमी का पत्ता

शमी को गणेश जी और शिवजी का प्रिय वृक्ष माना जाता है। इसलिए भगवान गणेश की आराधना में शमी के वृक्ष की पत्तियों को अर्पित किया जाता है। इस पेड़ की पत्तियों का आयुर्वेद में भी महत्व है। आयुर्वेद की नजर में शमी अत्यंत गुणकारी औषधि है। कई रोगों में इस वृक्ष के अंग काम लिए जाते हैं।

शमी से शनि का प्रकोप कम

शमी के पेड़ की पूजा करने से घर में शनि का प्रकोप कम होता है। शास्त्रों में शनि के प्रकोप को कम करने के लिए कई उपाय बताएं गए हैं। लेकिन इन सभी उपायों में से प्रमुख उपाय है शमी के पेड़ की पूजा। घर में शमी का पौधा लगाकर पूजा करने से आपके कामों आने वाली रुकावट दूर होगी।

शमी के वृक्ष पर कई देवताओं का वास होता है। शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र-मंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए होता है। शमी के पंचाग, यानी फूल, पत्तियों, जड़, टहनियों और रस का इस्तेमाल कर शनि संबंधी दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है।

शमी देता है ज्ञान

शमी वृक्ष की लकड़ी को यज्ञ की वेदी के लिए पवित्र माना जाता है। शनिवार को करने वाले यज्ञ में शमी की लकड़ी से बनी वेदी का विशेष महत्व है। एक मान्यता के अनुसार कवि कालिदास को शमी के वृक्ष के नीचे बैठकर तपस्या करने से ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

नवरात्रि के दशमी को विशेष पूजन

दशहरे पर शमी के वृक्ष के पूजन का विशेष महत्व है। नवरात्र में भी शमी के वृक्ष की पत्तियों से पूजन करने का महत्व बताया गया है। नवरात्र के नौ दिनों में प्रतिदिन शाम के समय वृक्ष का पूजन करने से धन की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शमी के वृक्ष के सम्मुख अपनी विजय के लिए प्रार्थना की थी।

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