आईपीएस के खिलाफ एक और केस दर्ज, कारोबारी से वसूले 55 लाख...

Update: 2022-04-10 12:46 GMT

मुंबई 10 अप्रैल 2022। 55 लाख की वसूली के लिए आईपीएस सौरभ त्रिपाठी का नाम फिर से उछला है। पहले ही आंगडिया व्यापारियों से 10 लाख वसूली के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद उन्हें निलबिंत कर दिया गया है। फिलहाल मुंबई पुलिस फरार चल रहे सौरभ त्रिपाठी की गिरफ्तारी के लिए जगह जगह छापेमारी कर रही है। ताजा मामला मालाबार हिल के एक व्यापारी से वसूली से जुड़ा है। शिकायत के अनुसार मालाबार हिल के एक व्यापारी से आईपीएस सौरभ त्रिपाठी ने भयादोहन कर 55 लाख रुपये मांगे थे। शिकायत के आधार पर पूलिस मामले की जांच कर रही है।

ज्ञातव्य हैं कि 2010 बैच के सौरभ त्रिपाठी मुंबई के परिमंडल -2 में डीसीपी के पद पर पदस्थ थे। दिसम्बर 21 में उनके खिलाफ शिकायत हुई कि आंगडिया व्यापारियो से अपने क्षेत्र में बिना किसी रुकावट के व्यापार करने के लिए उन्होंने व्यापारियों से भयादोहन कर 10 लाख रुपये प्रतिमाह की मांग की है। जिसके बाद सरकार ने उनके खिलाफ जांच के बाद एफआईआर करवा के उन्हें निलंबित कर दिया।

आईपीएस सौरभ त्रिपाठी ने जांच के दौरान व्यापरियों का एक ऑडियो भी सौपा था। और बताया था कि व्यापारी खुद ही उनके पास आये थे और घुस देने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि जांच अधिकारियो को यह ऑडियो टेम्पर्ड या स्क्रिप्टेड लगा।

फरार चल रहे आईपीएस सौरभ त्रिपाठी ने जमानत के लिए सेशन कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसमे उन्होंने बताया था कि फर्स्ट एफआईआर में उनका नाम नही है बाद में उनका नाम जांच में लाया गया है। हालांकि उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गयी।

उनके जीजा आशुतोष मिश्रा को 6 अप्रैल को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि फरारी के दौरान वो त्रिपाठी से लगातार उनके सम्पर्क में रह कर उनकी मदद कर रहे थे और उनके दो नम्बर के पैसो को भी मैनेज करते थे। आशुतोष मिश्रा बस्ती में चार साल से असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर पदस्थ है। 6 अप्रैल को उन्हें अरेस्ट कर पुलिस 8 अप्रैल को उन्हें लेकर मुंबई पहुँची। जहां उन्हें अदालत में पेश कर पुलिस हिरासत में लिया गया है उनसे पूछताछ की जा रही है।


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