उधारी की रैक से आज शुरू होगी अंबिकापुर-दिल्ली स्पेशल ट्रेन, कंप्लीट एसी ट्रेन को लेकर इसलिए फैला भ्रम...CM के ट्वीट पर लोग रिट्वीट करने लगे

Update: 2022-07-14 03:04 GMT

बिलासपुर। आज आदिवासी अंचल सरगुजा से दिल्ली के लिए सीधी रेल सेवा की शुरुआत होगी। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव वर्चुअली इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। अंबिकापुर में इस मौके पर केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह मौजूद रहेंगी। इसके साथ ही सरगुजा की पुरानी मांग पूरी होगी।

रेलवे द्वारा शुरू की जा रही यह ट्रेन पहले दिन उधारी में चलेगी। दरअसल, इस नई ट्रेन के लिए अपना रैक नहीं अभी आया है। लिहाजा, बिलासपुर जोनल रेलवे ने उधारी में दुर्ग से दिल्ली चलने वाली संपर्क क्रांति का रैक दिया है। 19 जुलाई को जब दिल्ली से यह ट्रेन लौटेगी, तो फिर इसका अपना रैक होगा। वह कंप्लीट एसी होगी।

इसलिए फैला भ्रम...

नई ट्रेन कंप्लीट एसी होगी, सबसे पहले यह यह खबर NPG NEWS ने ब्रेक किया। मगर रेलवे की प्रेस विज्ञप्ति से भ्रम फेल गई कि ये ट्रेन कंप्लीट एसी नहीं, बल्कि जनरल से लेकर सभी तरह की बोगियां होगी। असल में, रेलवे ने जो विज्ञप्ति जारी की, वो पहले दिन की ट्रेन की थी। पहले दिन संपर्क क्रांति की उधारी की रैक से ट्रेन शुरू हो रही है, तो जाहिर है, उसमे सभी तरह की बोगियां होगी ही। रेलवे ने ये क्लियर नहीं किया कि ट्रेन के बारे में जो जानकारी मीडिया को दी जा रही, वो सिर्फ उद्घाटन वाली ट्रेन की है। यही वजह है कि इसको लेकर भ्रम फैली।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर रेल मंत्री से जब एसी की जगह सामान्य एक्सप्रेस चलाने की मांग की तो लोग ट्वीटर पर लिखने लगे, यह ट्रेन एसी नहीं है। वैसे, रेलवे अधिकारी भी वस्तुस्थिति से अनभिज्ञ थे। एनपीजी की खबर पर बिलासपुर जोन के कमर्सियल अफसर का व्हाट्सएप मैसेज आया... आपकी खबर गलत है। एनपीजी आफिस से जवाब गया...आप अपने ऊपर के अफसरों से बात कीजिए। बीस मिनट बाद उनका जवाब आया, आपकी खबर सही है।

बहरहाल, सरगुजा संभाग वासियों की सुविधा के लिए शुरू करवाए जाने वाला अंबिकापुर-दिल्ली स्पेशल ट्रेन सरगुजा के आदिवासी इलाके के लिए मुंह चिढ़ाने वाला साबित होगा। क्योंकि, अंबिकापुर-दिल्ली ट्रेन की सारी बोगियां एसी होगी। एक फर्स्ट क्लास एसी बोगी भी। मतलब कि इस ट्रेन में जनरल व स्लीपर बोगी नही होगी। स्लीपर के किराए से सामान्यतः एसी थ्री का किराया तीन गुना होता है व एसी टू का किराया चार गुना होता है। यात्री अपनी सुविधा व बजट के हिसाब से ट्रेनों में रिजर्वेशन करवाते है। ऊपर से रही सही कसर स्पेशल ट्रेन के तमगे ने पूरी कर दी। स्पेशल ट्रेन की टिकट सामान्य ट्रेनों से तीस परसेंट महंगी होती है। आदिवासी बाहुल्य सरगुजा संभाग में गरीब अदिवासी लोगो की अधिकता है। इनको सुविधा देने के नाम से शुरू की गई ट्रेन में इतनी महंगी टिकट कटा कर यात्रा करना हर सरगुजिहा के लिए संभव नही है। इसलिए इसे सरगुजा के आदिवासियों को मुंह चिढ़ाने वाला ही माना जायेगा। ट्रेन यहां से जरूर चलेगी पर सरगुजिहा इसमें बड़ी संख्या में सवार होंगे इसमें संदेह है।

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