शिक्षा विभाग का गजब आदेशः गड़बड़ियों पर कार्रवाई नहीं...मीडिया की खबरों का खंडन करने अपाइंट किया खंडन अधिकारी, ये मीडिया पर प्रेशर तो नहीं

Update: 2022-03-01 07:02 GMT

रायपुर, 1 मार्च 2022। स्कूल शिक्षा विभाग भी इन दिनों कमाल का काम कर रहा है। मीडिया में आ रही खबरों पर कोई एक्शन तो हो नहीं रहा, अलबत्ता खबरों का खंडन करने के लिए विभाग ने खंडन अधिकारी अपाइंट कर दिया है। रायपुर डीईओ के आदेश में लिखा है कि मीडिया में जिस दिन खबर छपे, उसी रोज उसका खंडन करना है। इसके लिए सहायक संचालक डीएस चौहान को खंडन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

वाकई ये स्कूल शिक्षा विभाग की विडंबना हैं। राजधानी रायपुर और न्यायधानी बिलासपुर में दीगर स्कूलों को छोड़ दें, सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों को शिक्षा विभाग के खटराल अधिकारियों ने किस तरह पलीता लगाया, वह छिपा नहीं है। सबसे अधिक रायपुर और बिलासपुर के अंग्रेजी स्कूलों में डंके की चोट पर हिन्दी मीडियम के शिक्षकों की डेपुटेशन पर पोस्टिंग कर दी। शिक्षा विभाग ने इसकी जांच करने का आदेश दिया है लेकिन, झोल यह है कि भर्ती में गड़बड़झाला करने वाले वही हैं और वहीं लोग जांच कर रहे हैं, ऐसे में मिलीभगत का खेल समझा जा सकता है। बिलासपुर के अंग्रेजी स्कूलों में पैसा लेकर एडमिशन देने का आरोप लगा। जांच रिपोर्ट में लिखा गया है गड़बड़ी हुई है। मगर बाद में विभाग से जो खंडन आया, उसमें लिखा गया टंकन त्रुटिवश में गड़बड़ी पाई गई लिखा गया....वास्तव में नहीं छूट गया था। यानी गड़बड़ी नहीं पाई गई।


जाहिर है, खंडन अधिकारी इसी तरह मीडिया के खबरों का खंडन करेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग को खंडन की कसरत की जगह खबरों पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। क्योंकि, स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ का सबसे भ्रष्ट विभाग बनता जा रहा है। पिछले महीने ही 236 करोड़ की डायरी कांड सामने आया था। ये अलग बात है कि रायपुर पुलिस ने डायरी को फर्जी करार दिया। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि एक के बाद एक कारनामों का जिस तरह खुलासे हो रहे हैं, वह विभिन्न आरोपों पर मुहर लगाते हैं। बहरहाल, मीडिया में विभागों का पक्ष रखने प्रवक्ता अपाइंट किया जाता है। पुलिस, हेल्थ में मीडिया को ब्रीफ करने के लिए स्पोकपर्सन हैं। लेकिन, खबरों का खंडन करने लिखित में आदेश और खंडन अधिकारी की नियुक्ति ये देश में पहली बार छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में हुआ है। देखिए, खंडन करने के आदेश में क्या लिखा है...

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