अलर्ट: अब हवा से भी फैल रहा ओमिक्रॉन वैरिएंट? इस मामले ने बढ़ाई वैज्ञानिकों की चिंता....पढ़ें ये स्टडी

Update: 2021-12-06 13:41 GMT

नईदिल्ली 6 नवम्बर 2021. दुनियाभर में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) की दहशत के बीच टेंशन पैदा करने वाली एक और स्टडी सामने आई है. हांगकांग में एक होटल में क्वारंटाइन में रहने के बावजूद दो मरीजों के बीच ओमिक्रॉन का संक्रमण फैल गया है. होटल के आमने-सामने वाले कमरों में रहने वाले वाले दो यात्रियों के ओमिक्रॉन संस्करण से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.स्टडी में सामने आया है कि ओमिक्रॉन अब हवा में भी फैल रहा है. दरअसल, हांगकांग में एक होटल में देखा गया कि यहां क्वारंटाइन में रह रहे दो मरीजों के बीच ओमिक्रॉन का संक्रमण फैल गया. ये दोनों लोग होटल के आमने-सामने वाले कमरों में रह रहे थे. दोनों में ही ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि हुई है.

ये स्टडी हॉन्ग कॉन्ग के एक क्वारंटीन होटल के CCTV फुटेज पर आधारित है. ये स्टडी 'इमर्जिंग इंफेक्शियस डिजीज' नामक पत्रिका में छपी है.स्टडी की खास बातें- स्टडी में पाया गया कि हॉन्ग कॉन्ग के क्वारंटीन होटल में ठहरे दो यात्रियों से होटल के कॉरिडोर में ओमिक्रॉन वैरिएंट फैल गया. खास बात ये है कि ये दोनों यात्री वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके थे और होटल में रहते हुए भी किसी के संपर्क में नहीं आए थे. यहां तक कि ये दोनों अपने-अपने कमरे से भी बाहर नहीं निकले थे और ना ही इनसे मिलने कोई आया था. इनके कमरे के दरवाजे सिर्फ खाना लेने या फिर कोविड टेस्टिंग के लिए ही खुलते थे.बावजूद इसके ये संक्रमित हो गए और इनसे होटल के अन्य हिस्सों में भी संक्रमण फैल गया. यही वजह है कि इस वैरिएंट के एयरबॉर्न होने की आशंका जताई जा रही है.

कुछ दिन पहले दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने कहा था कि ओमिक्रॉन वैरिएंट में नेचुरल इम्यूनिटी से बच निकलने की क्षमता है. कोरोना का ये वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में ही पाया गया था.रोम के बम्बिनो गेसू अस्पताल द्वारा तैयार और पब्लिश की गई ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहली तस्वीर के अनुसार, डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट में बहुत सारे म्यूटेशन हैं, खासतौर से प्रोटीन के उस हिस्से में उसका म्यूटेशन सबसे ज्यादा है जो मानव कोशिकाओं के संपर्क में रहता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, इसका मतलब ये नहीं है कि ये बहुत खतरनाक हैं, बस वायरस एक और वैरिएंट बनाकर मानव प्रजाति के और अनुकूल हो गया है.WHO के लगभग 450 वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में जुट गए हैं कि ओमिक्रॉन वैरिएंट पर वैक्सीन कारगर है या नहीं और पूरी दुनिया में ये किस स्तर पर फैल सकता है. उम्मीद है कि इन सारे सवालों के जवाब वैज्ञानिकों को जल्द ही मिल जाएंगे. वहीं ,दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा का कहना है कि अस्पतालों को लोगों के लिए एक बार फिर से तैयार किया जा रहा है क्योंकि देश COVID-19 संक्रमण के चौथी लहर में प्रवेश करने जा रहा है.

Tags:    

Similar News