अद्भुत मंदिर: यहां 8 करोड़ रुपये के नोटों से सजाया देवी माता का दरबार, सोने के गहने, जानें 140 साल पुराने मंदिर की परंपरा

Update: 2022-10-01 08:17 GMT

NPG डेस्क। आप ने मंदिरों को फूलों से सजा हुआ देखा होगा, लेकिन आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं... जहां माता का श्रंगार 8 करोड़ों रूपए की करेंसी से होता है। ये मंदिर आंध्र प्रदेश नेल्लोर जिले के वासवी कन्याका परमेश्वरी है। मंदिर के दरबार को सजाने के लिए 6 करोड़ रुपये की करेंसी का इस्तेमाल किया जाता है। 100 से अधिक स्वयंसेवक नोटों के साथ कई घंटों तक सजाने का काम करते है।

ऐतिहासिक वासवी कन्याका परमेश्वरी मंदिर को दशहरा और नवरात्रि के उत्सव के कारण करोड़ रुपये के नोटों से सजाया जाता है। मंदिर की भव्य सजावट सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब मंदिर को इस तरह से सजाया गया हो। इसके पहले भी दशहरा पर इस मंदिर को करेंसी नोटों से सजाया जाता रहा। 

140 साल पुराने मंदिर में, 10 दिवसीय नवरात्रि उत्सव के दौरान मूर्ति को श्री महालक्ष्मी के विभिन्न अवतारों के रूप में पूजा जाता है। पूरे आंध्र प्रदेश में पारंपरिक रूप से देवताओं को नकद या सोने में चढ़ावा चढ़ाया जाता है, ताकि वे मन्नतें पूरी कर सकें या आशीर्वाद मांग सकें।

इस मंदिर में लगभग दो दशकों से दशहरा के दौरान देवी को सोने और नकदी से सजाने की परंपरा चली आ रही है। शुक्रवार को देवी महालक्ष्मी के अवतार को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।

लोगों का मानना ​​​​है कि पूजा के लिए अम्मावरु (देवी) से पहले मुद्रा और सोना रखना उनके लिए भाग्यशाली है। यह सभी सार्वजनिक योगदान है। हम यह नोट करते हैं कि किसने कितनी राशि दी है और पूजा के बाद उन्हें वापस कर दिया है। खत्म हो गया है। मंदिर समिति के अध्यक्ष कोल्लुरु वेंकटेश्वर राव ने बताया, यह मंदिर ट्रस्ट के पास नहीं जाता है। 140 साल पुराने मंदिर में, 10 दिवसीय नवरात्रि उत्सव के दौरान मूर्ति को श्री महालक्ष्मी के विभिन्न अवतारों के रूप में पूजा जाता है।

Tags:    

Similar News