इंक्रीमेट पर रोक से कर्मचारी संगठन नाराज… शिक्षक फेडरेशन ने कहा- वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक अव्यवहारिक ….फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार

Update: 2020-05-27 09:42 GMT

जशपुर 27 मई 2020। राज्य सरकार ने कर्मचारियों के इंक्रीमेंट व एरियर्स पर रोक लगा दी है। इस आदेश के बाद कर्मचारियों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रहीहै। शिक्षक फेडरेशन ने इस फैसले पर तीखा ऐतराज जताते हुए तुरंत निर्णय को वापस लेने की मांग की है। फेडरेशन के अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने इस निर्णय को कर्मचारी विरोधी और गैर वाजिब बताया है। जारी विज्ञप्ति में फेडरेशन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देश क्रमांक 12/2020 दिनांक 27 मई 2020 के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ के शासकीय कर्मचारियों का वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाई है।

छत्तीसगढ़ में अमूमन माह जुलाई में शासकीय कर्मचारियों का वार्षिक वेतन वृद्धि जोड़ा जाता है जो कि मूल वेतन का 3% वार्षिक वेतन वृद्धि के रूप में प्रदान किया जाता है। जिसके अनुसार शासकीय सेवकों को वर्ष में वेतन वृद्धि प्राप्त होता है और शासकीय सेवक इसका उपयोग अपने जीवन यापन को बेहतर बनाने एवं महंगाई को लड़ने के रूप में करते हैं। सरकार द्वारा वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक गैर वाजिब है।

फेडरेशन ने कहा है कि कोरोना के संक्रमण काल में सरकार समस्त वर्ग को अपनी विभिन्न योजनाओं एवं पैकेज देकर के सुदृढ़ बनाने का कार्य कर रही है, लेकिन शासकीय सेवकों का वार्षिक वेतन वृद्धि जैसा सुदृढ़ता को रोकना उनके और उनके परिवार के जीवन यापन पर निश्चित ही प्रतिकूल असर डालेगा। प्रांताध्यक्ष मनीष मिश्रा, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता संभाग अध्यक्ष सरगुजा विश्वास भगत ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्रीय भूपेश बघेल से मांग किया है कि शासकीय सेवकों के वेतन वृद्धि में रोक के आदेश को तत्काल वापस लिया जाए और उसे यथावत बने रहने दिया जाए ताकि शासकीय सेवकों को वेतन वृद्धि का लाभ यथावत मिले। इससे राज्य सरकार पर कुछ खास भार पडने वाला नहीं है। छतीसगढ़ सहायक शिक्षक फैडरेशन कोरोना काल में सरकार के प्रत्येक निर्णय व कदम पर साथ देकर अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है।

चाहे वह अपने वेतन को मुख्यमंत्री राहत कोष में देना हो ,ऑनलाइन पढ़ाई की बात हो या कोरोना वारियर के रूप में काम करने की बात हो।अतः फैडरेशन सरकार से पुनः मांग करता है कि वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक को वापस लेते हुए ,वेतन वृद्धि को यथावत रहने दिया जाए।

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