Teacher News: दिल्ली में CG के शिक्षक देंगे धरना, टेट की अनिवार्यता समाप्त करने को लेकर इस दिन जुटेंगे प्रदेशभर के टीचर

Teacher News: टेट की अनियवार्यता को समाप्त करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के शिक्षक दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किये हैं। पीएफआरडीए में जमा एनपीएस राशि कार्मिकों को वापस करने की मांग करेंगे।

Update: 2025-11-04 09:46 GMT

Teacher News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षक टेट की अनियवार्यता को समाप्त करने की मांग को लेकर दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने वाले हैं। संयुक्त मोर्चा ने वर्चुवल बैठक कर इसकी घोषणा की है।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के वर्चुअल बैठक में छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र दुबे, प्रदेश संयोजक लैलूंन भारद्वाज, प्रदेश संयोजक विकास राजपूत, राष्ट्रीय आईटी सेल प्रभारी बसंत चतुर्वेदी, विवेक शर्मा शामिल हुए, बैठक में शिक्षकों के लिए टेट की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग तथा पुरानी पेंशन बहाली राज्य के कार्मिकों का पीएफआरडीए में जमा एन पी एस राशि को वापस करने की मांग को लेकर जंतर मंतर दिल्ली में 4 जनवरी 2026 को धरना, प्रदर्शन एवं रैली निकालकर केंद्र सरकार एवं एनसीटीई को ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया है।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में देशभर के शिक्षक 4 जनवरी 2026 को जंतर मंतर दिल्ली में जुटेंगे तथा केंद्र सरकार से मांग रखेंगे कि जिस राज्य में टीईटी की अनिवार्यता जब से लागू की गई है उसके पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्यता को समाप्त करने का अध्यादेश पारित किया जाये।

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 सितम्बर 2025 को पारित निर्णय जिसमें 5 वर्ष अधिक सेवा वाले शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 17 अगस्त 2012 को जारी छत्तीसगढ़ राजपत्र शिक्षक पंचायत संवर्ग भर्ती तथा सेवा की शर्ते नियम 2012 के तहत शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य किया गया है, इसके पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य नहीं था, इसी तरह अन्य राज्यों में भी अलग अलग तिथि में टीईटी की अनिवार्यता की गई है, अतः केंद्र सरकार या तो माननीय सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप/पुनर्विचार याचिका दायर करें या लोक सभा में अध्यादेश लाकर सेवारत शिक्षकों के हितों की रक्षा करने आवश्यक पहल किया जाये।

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