Sakti News: सोशल मीडिया पर भगवान को गालीः उच्छृंखल शिक्षकों पर नहीं लगी लगाम तो बेलगाम हो जाएगा शिक्षा विभाग
Sakti News: छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक लेक्चरर के खिलाफ इसलिए एफआईआर हुआ है कि वह बच्चों को भगवान का नाम लेने पर पिटाई करता था। वह कहता था कि देवी-देवताओं की कोई क्वालिफिकेशन थी क्या, उससे अधिक मैं पढा-लिखा हूं। उधर, एक शिक्षक ने अब फेसबुक पर भगवान के खिलाफ जहर उगला है। छत्तीसगढ़ में ऐसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही है।
Sakti News: रायपुर। शिक्षकों को भगवान की तरह पूजा जाता है। लेकिन कलयुग में कुछ ऐसे शिक्षक भी पैदा हो गए हैं जो खुलेआम भगवान को ही गंदी-गंदी अभद्र गालियां दे रहे हैं। भगवान को लेकर उनकी जुबान इतनी गंदी है कि उनके द्वारा किए गए पोस्ट को यहां शेयर तक नहीं किया जा सकता।
ऐसे ही एक मामले में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मोहंदीखुर्द विकासखंड मालखरौदा जिला सक्ती के एक शिक्षक राधेश्याम उरांव ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर बाकायदा भगवान राम को सबसे बड़ी गाली दे डाली। यही नहीं अपने पोस्ट के नीचे कमेंट में वह अपने पोस्ट को जस्टिफाई करते हुए भी नजर आ रहे थे।
इसके बाद सर्व हिंदू समाज ने इस मामले की शिकायत की और जिला शिक्षा अधिकारी के रिपोर्ट पर जेडी बिलासपुर ने शिक्षक को निलंबित कर दिया है। ऐसे ही एक दूसरे मामले में कोरबा पाली पड़निया स्थित सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल के व्याख्याता राजकुमार ओगरे ने बच्चों से कहा कि आखिर देवी देवताओं की कोई शैक्षणिक योग्यताएं थी क्या और जब वह योग्य नहीं थे तो उन्हें मानते क्यों हो। मैं पढ़ा लिखा हूं मेरे पास डिग्री है तुम लोग मुझे प्रणाम किया करो। कक्षा के दौरान तो बच्चे शिक्षक के डर में चुपचाप सारी बातें सुनते रहे लेकिन बाद में स्कूल से छुट्टी के समय बाहर निकाल कर जय श्री राम के नारे लगाने लगे जिससे शिक्षक राजकुमार ओगरे इतने अधिक नाराज हो गए कि उन्होंने दो बच्चों की पिटाई कर दी इसके बाद मामला अभिभावकों तक पहुंचा और अभिभावकों ने फिर विभाग और थाने में शिकायत की। अभी इस मामले में कार्रवाई होनी बाकी है लेकिन बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या निलंबित कर देने से इन शिक्षकों को उनके किए की सजा मिल जाएगी ।
हो सकती है बड़ी घटना
शिक्षकों का मानना है कि इस मामले में कड़ा एक्शन होना चाहिए। वरना किसी भी दिन बड़ी घटना हो सकती है। इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसे मामले लगातार सामने निकलकर आ रहे हैं। पिछले साल भी धर्मांतरण के आरोप में बिलासपुर के एक शिक्षक को निलंबित किया गया था।
उसी प्रकार माइक में भी एक शिक्षक ने देवी देवता को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी जिसके बाद उसे निलंबित किया गया था। कुल मिलाकर बीते वर्षों में यह एक ट्रेंड सा चला आ रहा है, जिसमें शिक्षक खुलकर देवी देवताओं का विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं और विभाग केवल निलंबित और फिर बहाली की खानापूर्ति करते जा रहा है।
ऐसे मामलों को लेकर धार्मिक संगठन काफी नाराज हैं और आने वाले समय में यदि स्कूल में ऐसे शिक्षकों के साथ कोई हादसा हो जाए तो यह कोई बड़ी बात नहीं होगी। क्योंकि जिस प्रकार बच्चों को धर्म के विरुद्ध बरगलाया जा रहा है उसे लेकर अंदरखाने धार्मिक संगठन रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं और ऐसे शिक्षकों को अब ऑन द स्पॉट सबक सिखाने की बातें हो रही हैं तो जरूरी है कि शिक्षा विभाग इससे पहले कौवा मारकर लटका दे ताकि ऐसे शिक्षकों में भय व्याप्त हो जाए, जो किसी भी धर्म के खिलाफ आग उगल रहे हैं।