Pilot Kaise Bante Hain: पायलट कैसे बनते हैं? जानें DGCA ट्रेनिंग, CPL खर्च, कैडेट Pilot प्रोग्राम, भारत और विदेश में पायलट की कितनी होती है सैलरी?
Pilot Career India: जानिए पायलट कैसे बनते हैं, DGCA ट्रेनिंग, CPL खर्च, Cadet Pilot Program, और भारत व विदेश में पायलट की सैलरी कितनी होती है।
Pilot Career India | Aviation Jobs: एविएशन सेक्टर में हालिया उथल-पुथल के बीच पायलट की नौकरी एक बार फिर चर्चा में है। भारत में तेजी से बढ़ता एविएशन सेक्टर न सिर्फ इकॉनमी की बड़ी ताकत बन चुका है बल्कि लाखों नौकरियों का जरिया भी है। DGCA के आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 2024 में ही 1300 से ज्यादा नए कमर्शियल पायलट लाइसेंस जारी किए गए यानी हर साल बड़ी संख्या में युवा कॉकपिट तक पहुंच रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि पायलट बनते कैसे हैं, इसमें कितना खर्च आता है और सैलरी कितनी मिलती है?
पायलट बनने की योग्यता और शर्तें
भारत में पायलट बनने के दो रास्ते हैं- पहला ट्रेडिशनल CPL यानी कमर्शियल पायलट लाइसेंस ट्रेनिंग और दूसरा एयरलाइन कंपनियों का Cadet Pilot Program। दोनों ही मामलों में न्यूनतम उम्र 18 साल होनी चाहिए और 12वीं में Physics और Maths के साथ कम से कम 50 प्रतिशत अंक जरूरी हैं। आर्ट्स या कॉमर्स बैकग्राउंड के छात्रों को NIOS या किसी ओपन बोर्ड से फिजिक्स-मैथ्स पास करना होता है। ट्रेनिंग से पहले DGCA अप्रूव्ड डॉक्टर से Class-2 मेडिकल और फिर Class-1 मेडिकल सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है जिसमें आंख, ECG, ब्लड और ENT जैसी जांचें शामिल होती हैं। इन मेडिकल टेस्ट पर करीब 10 हजार रुपये खर्च आते हैं और कलर ब्लाइंडनेस होने पर पायलट बनना संभव नहीं होता।
ट्रेनिंग का स्ट्रक्चर: ग्राउंड से फ्लाइंग तक
एलिजिबिलिटी पूरी करने के बाद DGCA की CPL (Commercial Pilot License) लिखित परीक्षा देनी होती है, जो साल में आमतौर पर चार बार होती है। इसके बाद दो तरह की ट्रेनिंग होती है—ग्राउंड ट्रेनिंग और फ्लाइंग ट्रेनिंग। ग्राउंड ट्रेनिंग में Meteorology, Air Regulation, Navigation, Radio Telephony और Aircraft Technical Subjects पढ़ाए जाते हैं जिनकी परीक्षा में कम से कम 70 प्रतिशत अंक जरूरी हैं। इसके बाद DGCA अप्रूव्ड Flying Training Organisation (FTO) से 200 घंटे की फ्लाइंग ट्रेनिंग पूरी करनी होती है। यहीं से पायलट का असली कॉकपिट सफर शुरू होता है।
Cadet Pilot Program क्या है?
Cadet Pilot Program एयरलाइन-स्पेसिफिक ट्रेनिंग होती है, जिसमें एयरलाइन खुद 12वीं पास स्टूडेंट्स को टेस्ट के जरिए चुनती है। इसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग एक तय सिलेबस के तहत होती है, ताकि पायलट सीधे एयरलाइन की जरूरतों के हिसाब से तैयार हों। उदाहरण के तौर पर Air India का कैडेट प्रोग्राम जहां भारत और विदेश के पार्टनर स्कूलों में CPL और Type Rating दी जाती है। हालांकि इस रूट में फीस ट्रेनिंग से काफी ज्यादा होती है।
पायलट ट्रेनिंग का खर्च कितना आता है?
खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि ट्रेनिंग कहां से ली जा रही है। भारत में अच्छी फ्लाइंग स्कूल से ट्रेनिंग करने पर 14–15 महीने में करीब 50–55 लाख रुपये लगते हैं। अमेरिका में यही ट्रेनिंग 10 महीने में लगभग 50–52 लाख रुपये में हो जाती है, जबकि साउथ अफ्रीका में 12–14 महीने की ट्रेनिंग 35–40 लाख रुपये में पूरी हो सकती है। फर्क इस बात से नहीं पड़ता कि ट्रेनिंग किस देश से ली गई है असली चीज DGCA का भारतीय लाइसेंस होता है। कैडेट प्रोग्राम के जरिए ट्रेनिंग करने पर खर्च 1 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा तक भी पहुंच सकता है।
नौकरी, लाइसेंस और प्रमोशन का सिस्टम
ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पायलट एयरलाइन की वैकेंसी के लिए अप्लाई करता है। जॉइनिंग पर पहला पद First Officer (Co-Pilot) का होता है। कैप्टन बनने के लिए ATPL यानी Airline Transport Pilot License जरूरी होता है, जिसके लिए DGCA की अलग परीक्षा और कम से कम 1500 घंटे की फ्लाइंग एक्सपीरियंस चाहिए। एयरलाइन की भर्ती परीक्षाएं मेरिट-बेस्ड होती हैं, यानी ज्यादा स्कोर वालों को प्राथमिकता मिलती है।
पायलट की सैलरी
भारत में First Officer की सैलरी आमतौर पर 1.25 से 2.5 लाख रुपये प्रति माह के बीच होती है। वहीं Captain बनने के बाद सैलरी 4 से 8 लाख रुपये महीना तक पहुंच सकती है। इंटरनेशनल एयरलाइंस खासकर मिडिल ईस्ट में यह पैकेज और भी ज्यादा होता है जहां First Officer को भी 8–9 लाख रुपये प्रति माह मिल सकते हैं और टैक्स कम होता है। DGCA के नए नियमों के तहत पायलट्स के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस बेहतर किया गया है, जिसमें 12 घंटे का अनिवार्य रेस्ट और हफ्ते में 48 घंटे का ब्रेक शामिल है।
क्या आम परिवार का छात्र पायलट बन सकता है?
पायलट बनना जितना ग्लैमरस दिखता है उतना ही महंगा भी है। CPL ट्रेनिंग की कुल लागत 55 से 85 लाख रुपये तक जा सकती है। लेकिन एविएशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक Education Loan इसका सबसे अच्छा रास्ता है। अगर छात्र पर अन्य बड़ी जिम्मेदारियां न हों तो 5–6 साल में लोन चुकाना संभव हो जाता है। पायलट सिर्फ विमान उड़ाने तक सीमित नहीं रहते बल्कि आगे चलकर इंस्ट्रक्टर फ्लाइट डिस्पैचर या चार्टर्ड प्लेन पायलट जैसे रोल में भी करियर बना सकते हैं।