जैव विविधता का संरक्षण हमारी संस्कृति का हिस्सा...CU में जल्द स्थापित होगा बायो डायवर्सिटी सेंटर-कुलपति
बिलासपुर, 21 फरवरी 2022। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में आज बायोडायवर्सिटी एंड इट्स यूटिलाइजेशन एंड कंसर्वेशन इन सेंट्रल इंडिया विषय पर दो दिवसीय को नेशनल सिम्पोसियम कम वर्कशॉप का आगाज हुआ। स्वागत उद्बोधन प्राकृतिक संसाधन विद्यापीठ के अधिष्ठाता एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रो. एस.एस. सिंह ने किया।
उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में जैव विविधता की मैपिंग एवं कंसर्वेशन के लिए भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से बायो डायवर्सिटी सेंटर बनाने हेतु प्रस्ताव भेजा गया जिसके स्वीकृत होने की प्रबल संभावना है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को ब्रेंड के रूप में स्थापित करने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं।
कुलपति ने कहा कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के शोध, अनुसंधान एवं नवाचार की ब्रेंड वैल्यू को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का लक्ष्य हम जल्दी ही पूरा करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में आत्मनिर्भरता एवं मूल्यपरक शिक्षा को महत्व प्रदान किया गया है। सहचर्य की भावना एवं परंपरा हमारी संस्कृति अभिन्न हिस्सा है। जैव विविधता का संरक्षण एवं प्रकृति के संतुलन के साथ किसी तरह का छेड़छाड़ न करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है।
उद्घाटन अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रो. एस.पी. सिंह बायोसाइंस विभाग सौराष्ट्र विश्वविद्यालय गुजरात ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर आना सौभाग्य की बात है। इस तरह के आयोजनों से जैव विविधता के क्षेत्र में आपसी संवाद प्रारंभ होगा है। इस तरह की वर्कशॉप से जैव विविधता के विभिन्न आयामों को जानने एवं समझने का अवसर मिलता है।
प्रो. उमा शंकर वनस्पति विभाग नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी शिलांग मेघालय ने कहा कि कार्यशाला का आयोजन महत्वपूर्ण होने के साथ समीचीन है। मध्य क्षेत्र में जैव विविधता के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। भारत सरकार के विभिन्न विभाग डीबीटी, डीएसटी एवं अन्य संस्थाएं अनुदान प्रदान करती हैं।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने भी अपने वितार व्यक्त किये।