Chhattisgarh Teacher News: छत्तीसगढ़ में नौकर ने खरीदी BMW, पूर्व शिक्षक के पास मर्सिडीज, फाइव स्टार होटल और हर तीसरे महीने विदशों की सैर...

Chhattisgarh Teacher News: नौकर ने खरीदी बीएमडब्लू कार...यह हेडिंग इसलिए क्योंकि दो दिन पूर्व एक सहायक शिक्षक ने नौकरी से यह कहते हुए त्यागपत्र दिया कि वह अब नौकर के माइंडसेट से निकलना चाहता है। मगर इससे पहले वह बीएमडब्लू खरीद चुका है। शिक्षक का गुरू भी शिक्षक रहा है। मगर नौकरी छोड़ने के बाद 2021 में क्रेटा खरीदा, 2022 में बीएमडब्लू और 2024 में मर्सिडीज। एक सरकारी मुलाजिम...इतना कम समय में ऐसी तरक्की...नामुमकिन है। सरकारी एजेंसियों को इसे संज्ञान लेना चाहिए कि वो कौन सी जादुई छड़ी आ गई है कि शिक्षकों की एक वर्ग शिक्षा को तुच्छ काम बता बीएमडब्लू और मर्सिडीज की सवारी करने लगा है। खबर के नीचे सोशल मीडिया का स्क्रीन शॉट लगा हुआ है, इससे आप समझ जाएंगे कि छत्तीसगढ़ में क्या चल रहा है।

Update: 2025-01-06 07:52 GMT

Chhattisgarh Teacher News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुंगली जिले के लोरमी ब्लॉक के परसवारा प्रायमरी स्कूल के हेडमास्टर ज्ञान सिंह ने 2 जून को नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने अपने दिलचस्प इस्तीफे में स्कूल को चिड़ियाघर करार देते हुए लिखा कि 20 साल की नौकरी में उनका परिवार का जीवन स्तर नहीं बदला...वे अब नौकर माइंडसेट के साथ नहीं जीना चाहते...अब मालिक बनेंगे।

एनपीजी न्यूज ने उनका सोशल मीडिया एकाउंट खंगाला तो पता चला कि वे हाल ही में बीएमडब्लू कार खरीदे हैं। सवाल उठता है कि डेढ़ लाख वेतन पाने वाले स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ परदेशी भी बीएमडब्लू नहीं खरीद सकते मगर 40 हजार पगार पाने वाला उनका मुलाजिम ने 40 लाख की कार कैसे खरीद ली। ताज्जुब यह कि बीएमडब्लू खरीदने की हैसियत रखने वाले हेडमास्टर साब इस्तीफे में लिख रहे कि सरकारी नौकरी में मेरा मालिक कोई और है...मैं अब नौकर नहीं रहना चाहता।


गुरू और बड़े वाले

स्कूल को चिड़ियाघर बताने वाले और नौकरी को नौकर बताने वाले प्राइमरी स्कूल के हेड मास्टर ज्ञान सिंह के लिए पूर्व शिक्षक शशि कुमार बैरागी बने रोल माडल...जानिये वो कैसे?

शिक्षक पद से 2021 में इस्तीफा देने वाले शशि बैरागी की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। वनांचल के स्कूलों में पढ़ाने के दौरान दो-चार बच्चों को अंग्रेजी रटवाकर ख्याति अर्जित की। नेता और स्कूल विभाग के अधिकारी इसे छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल की लगे ब्रांडिंग करने।


इससे उनका प्रोफाइल बढ़ गया...मगर प्रोत्साहन और मदद का उपयोग करने के बजाय उन्होंने इसका दुरुपयोग किया। सरकार से तनख्वाह लेते रहे और हर्बल लाइफ से जुड़ गए। तब बच्चों के भविष्य की चिंता भी नहीं की। सरकारी तनख्वाह और साइड बिजनेस साथ-साथ चलाने के बाद जब भरपूर पैसा हो गया तब इसी अंदाज में उसने इस्तीफा दे दिया।

वैरागी का फेसबुक पेज देखकर आप हतप्रभ रह जाएंगे। शिक्षक की नौकरी छोड़ने के बाद तीन साल में तीन गाड़ी बदल ली। पहले क्रेटा। फिर बीएमडब्लू। और 2024 में मर्सिडीज।

फेसबुक पर विदेशों में सैर-सपाटा और लग्जरी गाड़ियों की लगातार फोटो अपलोड कर वैरागी ने लोगों को मोटिवेट कर रहा कि हर्बल लाइफ प्रोडक्ट न होता तो हम इस मुकाम पर नहीं पहुंचते। शिक्षकों का कहना है, वैरागी के प्रभाव में आकर ज्ञान सिंह ने हर्बल लाइफ का काम प्रारंभ किया और नौकरी छोड़ दी।

छत्तीसगढ़ के सैकड़ों शिक्षक वैरागी के प्रभाव में आकर पढ़ाई-लिखाई छोड़ हर्बल लाइफ का काम प्रारंभ कर दिए हैं...ऐसा शिक्षकों का कहना है। स्कूल शिक्षा विभाग के संज्ञान में यह मामला आया तो डीईओ को पत्र लिख हर्बल लाइफ प्रोडक्ट का व्यापार करने वाले शिक्षकों को चिन्हित करने कहा गया मगर यह भी खानापूर्ति ही रहा।


सरकारी नौकर के साथ धंधा भी

शिक्षक बिरादरी में चर्चा तो इस बात की भी हो रही है कि ज्ञान सिंह सरकारी तनख्वाह लेने के साथ ही बैरागी के साथ हर्बल लाइफ का धंधा भी कर रहे हैं। जेब में भरपूर पैसा आ जाने के बाद अब ज्ञान सिंह को स्कूल चिड़ियाघर और शिक्षक जैसे सम्मान के पेशे को नौकर समझने लगे हैं।

बीईओ को भेजे इस्तीफे को पढ़कर यह साफ समझ में आता है कि ज्ञान सिंह को अब सरकारी तनख्वाह की जरुरत नहीं है। सरकार और शिक्षा विभाग के आला अफसरों के आंखों में धूल झोंककर नौकरी करते-करते मोटा-पतला बनाने वाला हर्बल प्रोडक्ट का धंधा इतना चल निकला है कि अब उसने माइंडसेट कर लिया है।

माइंडसेट भी ऐसा-वैसा नहीं मालिक माइंडसेट से जीने की चाह रखने लगे हैं। रखें भी क्यों ना। जब बच्चों को स्कूल में पढ़ाना था, उस वक्त अपने रोल माडल बैरागी गुरुजी के साथ हर्बल लाइफ के धंधे में लगे हुए थे।

लोगों को सब्जबाग दिखाकर दवाई बेचना और भारी भरकम कमीशन के तौर पर मिलने वाली राशि को इकट्ठा करने का काम कर रहे थे। तब ना तो बच्चों के भविष्य के बारे में सोचा और ना ही उनकी चिंता की। तब स्कूल और सरकारी नौकरी को आय का जरिया बना लिया था।


बैरागी का सोशल मीडिया, क्रेटा से बीएमडब्ल्यू और अब मर्सडिज का सफर

शिक्षक की नौकरी छोड़ने वाले शशि कुमार बैरागी सोशल मीडिया में लगातार अपनी सफलता का पोस्ट डाल रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म में तीन साल की सफलता को कुछ इस अंदाज में उन्होंने अपने मित्रों के बीच रखा है। वर्ष 2021 में उसने क्रेटा कार खरीदी थी। वर्ष 2021 में बीएमडब्ल्यू और वर्ष 2024 में मर्सडीज। बैरागी कार के साथ अपनी फोटो डालकर लिखते हैं, कुछ समय में मेरी ऐसी सफलता।


बैरागी के साथ ज्ञान सिंह की फोटो

हेडमास्टर की नौकरी से त्यागपत्र देने वाले ज्ञान सिंह ध्रुव की बैरागी के साथ सोशल मीडिया में फोटो वायरल हो रहा है। हर्बल लाइफ की दुनिया में दोनों की सक्रियता और साझेदारी भी दिख रही है। ज्ञान सिंह के नौकरी छोड़ने के पीछे भी हर्बल लाइफ के जरिए बैरागी की तर्ज पर बीएमडब्ल्यू से मर्सडीज की सवारी तो नहीं, जैसा कि उसने अपने त्यागपत्र में लिखा है, मालिक माइंडसेट से जीने की चाह।

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