CG RI Exam Scam: आरआई एग्जाम घोटाले की दूसरी जांच कराने की लेटरबाजी में सात महीने निकाल दिया, गृह विभाग ने जांच से झाड़ा पल्ला...

CG RI Exam Scam: राजस्व विभाग ने आरआई एग्जाम घोटाले को लिंगारान करने के लिए गृह विभाग को जांच के लिए पत्र लिखा था, उसे लौटा दिया गया है। एक तरह से कहें तो गृह विभाग ने जांच से पल्ला झाड़ा है। वैसे भी गृह विभाग कोई जांच एजेंसी नहीं है। आईएएस केडी कुंजाम की पांच सदस्ययी जांच कमेटी की गोलमोल रिपोर्ट में भी कई ऐसी गंभीर बातें आ गई है, जो बड़े घोटोले की चुगली कर रही है। मसलन, 22 सगे-संबंधियांं को आसपास रौल नंबर देकर परीक्षा में बिठाया गया। और सभी पटवारी से आरआई चयनित हो गए। इसके बाद भी राजस्व विभाग ने घोटाले की दूसरी जांच के नाम पर सात महीने निकाल दिया।

Update: 2025-03-17 14:08 GMT

CG RI Exam Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ के आरआई परीक्षा घोटाले की जांच रिपोर्ट केडी कुंजाम ने 29 अगस्त 2024 को राजस्व विभाग को सौंप दी थी। उनकी जांच रिपोर्ट पढ़ने में राजस्व विभाग को पांच महीने निकल गए।

कुंजाम कमेटी की जांच पर फिर से जांच कराने के लिए राजस्व विभाग के अंडर सिकरेट्री ने 16 जनवरी 2025 को गृह विभाग को पत्र लिखा। गृह विभाग ने सीधे तौर पर जांच से इंकार तो नहीं किया है मगर उसने लौटती पत्र में जो लिखा है, वह इशारा कर रहा कि गृह विभाग को जांच से कोई संबंध नहीं है। वैसे भी किसी राज्य का गृह विभाग कभी जांच कराया हो, इसका कोई दुष्टांत नहीं मिलता। जांच का आग्रह विभाग के प्रमुख या तो पुलिस से करेंगे या फिर ईओडब्लू से।

बहरहाल, इस चक्कर में सात महीने निकल गए। कुंजाम कमेटी ने अगस्त 2024 में रिपोर्ट सौंपी थी और अब मार्च आधा निकल गया है। केडी कुंजाम कमेटी की जांच के बाद फिर दूसरी जांच होगी या राजस्व विभाग इस मामले में अब क्या स्टैंड लेगा, कोई मुंह खोलने तैयार नहीं।

गृह विभाग को क्यों पत्र लिखा?

केडी कुंजाम कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा था कि शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जिन पटवारियों को आरआई बनाने लेनदेन की गई, उन्हें दो दिन पहले रायपुर बुलाकर एक होटल में रुकाया गया और वहां उनसे प्रश्नपत्र हल कराया गया। फिर परीक्षा के बाद सहायक अधीक्षक भूअभिलेख कई बार बस्तर के जाकर पटवारियों से आरआई बनाने के लिए डील की। इन दो बिंदुओं पर कुंजाम कमेटी ने कहा कि उनके पास इस तरह की जांच के संसाध नहीं हैं, इसलिए इसका फैसला प्रशासकीय विभाग करें। मगर बाकी बिंदुओं को कुंजाम कमेटी ने उठाया है, उस पर राजस्व विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। सहायक अधीक्षक भूअभिलेख बार-बार बस्तर क्यों गए? इस पर जांच कमेटी ने लिखा है कि अफसर का जवाब समाधानजनक नहीं पाया गया। उनके खिलाफ राजस्व विभाग द्वारा नियमोचित कार्रवाई की जानी चाहिए। मगर आज तक इसमें कुछ भी नहीं हुआ।

कुंजाम कमेटी ने जांच रिपोर्ट में इस शिकायत की पुष्टि की है कि 22 सगे-संबंधियों को एक साथ रौल नंबर देकर परीक्षा में बिठाया गया और ये सभी चयनित भी हुए। इनमें पति-पत्नी, साली, भाई-भाई पटवारी से आरआई बन गए।

पढ़िये केडी कुंजाम कमेटी की नौ पेज की जांच रिपोर्ट के वो पांच बिंदु, इससे आप समझ जाएंगे कि पटवारी से आरआई बनाने में कितना बड़ा खेला किया गया।

1. शिकायत में उल्लेखित पारिवारिक रूप से संबंधित अभ्यर्थियों के संबंध में विभाग द्वारा प्रदाय जानकारी अनुसार 22 अभ्यर्थियों को आस-पास अनुक्रमांक प्रदाय किया था ये समस्त 22 अभ्यर्थी परीक्षा में चयनित हुए हैं। पारिवारिक रूप से संबंधित अभ्यर्थियों को आस-पास अनुक्रमांक प्रदाय किया जाना परीक्षा संचालन प्रक्रिया में हुई लापरवाही को दर्शित करता है तथा यह भी स्पष्ट करता है कि नीति प्राधिकारी द्वारा अनुक्रमांक प्रदाय करने में यादृच्छिक रीति (Randomization) का अनुसरण नहीं किया गया है।

2. राजस्व निरीक्षक विभागीय परीक्षा वर्ष 2018 की परीक्षा में व्डत् सीट में मोबाईल नंबर का उल्लेख किया गया था उसी की भांति इस वर्ष 2024 की परीक्षा के ओएमआर सीट में भी मोबाईल नम्बर का उल्लेख किया गया है। गोपनीयता की दृष्टिकोण से ओएमआर सीट में मोबाईल नम्बर उल्लेखित नहीं किया जाना चाहिए था।

3. हेमंत कौशिक, सहायक अधीक्षक भू अभिलेख के संबंध में शिकायत में उल्लेखित तथ्यों के संदर्भ में कौशिक से समिति द्वारा लिखित में पक्ष प्राप्त किया गया जो कि समाधानकारक नहीं होने के कारण विभाग द्वारा अपने स्तर से उक्त के संबंध में नियमोचित कार्यवाही किया जाना चाहिए।

4. नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा उनके कार्यालय से जारी पत्र दिनांक 05/09/2024 में लेख किया गया है कि अभ्यर्थी पवन नेताम, पटवारी, जिला कोंडागांव द्वारा अपने ओ.एम.आर शीट में रोल 241921 के मध्य में स्थित 1 के स्थान पर त्रुटिवश शून्य का गोला किया गया है जिसके कारण परीक्षा परीणाम में रोल नंबर 240921 प्रदर्शित हो रहा है जो कि हर्षवर्धन मोटघरे, पटवारी, जिला-कबीरधाम का है। अतः चयन सूची से हर्षवर्धन का रोल नंबर 240921 को निरस्त करते हुए वास्तविक चयनित अभ्यर्थी पवन का राजस्व निरीक्षक प्रशिक्षण के लिये किया जाता है। तत्संबंध में समिति का अभिमत है कि परीक्षा में अनुक्रमांक ओ.एम.आर शीट में भरने तथा अन्य उत्तर को अभिलिखित (गोला लगाना) की जिम्मेदारी परीक्षार्थी की थी, नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अनुक्रमांक भरने में हुई गलती के संबंध में की गई अपवादिक कार्यवाही का औचित्य स्पष्ट नहीं है।

5. परीक्षा पत्र में दो प्रश्न सेट A में प्रश्न कमांक 8. 18 सेट B में प्रश्न कमांक 33, 43, सेट C में प्रश्न कमांक 3, 43, एवं सेट D में प्रश्न कमांक 43, 48 में उत्तर ठ/ब् को माना गया है। नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा उक्त प्रश्नों के संबंध में प्रश्न के कथन (प) को विलोपित किये जाने के कारण उक्त प्रश्नों के उत्तर B एवं C दोनों विकल्पों को मान्य किया गया है। एक ही प्रश्न के दो उत्तर का आंकलन ओ.एम.आर रीडर द्वारा किया जाना तथा किसी प्रश्न का कोई भाग विलोपित किया जाना तर्कसंगत नहीं है। उक्त दोनों प्रश्न विलोपित किया जाकर प्रावीण्यता सूची निर्मित किया जाना चाहिए।

यहां देखिए जांच के पत्र







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