CG Bilaspur News: ठंड के चलते स्कूल का समय बदला, कलेक्टर के निर्देश पर आदेश हुआ जारी

CG Bilaspur News: शीतलहर और ठंड के चलते बच्चों के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए स्कूलों के समय में परिवर्तन किया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर डीईओ ने यह आदेश जारी किया है।

Update: 2025-11-26 09:32 GMT

CG Bilaspur News: बिलासपुर जिले में पड़ रही अत्यधिक ठंड और शीतलहर को देखते हुए स्कूलों के समय में परिवर्तन किया गया है। कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देश पर डीईओ विजय टांडे ने आदेश जारी किया है। जारी आदेश के तहत वर्तमान में जिले में अत्यधिक ठंड एवं शीतलहर के प्रकोप के कारण बच्चों के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखकर बिलासपुर जिले के सभी शासकीय/ अशासकीय / अनुदान प्राप्त/ सीबीएसई/ पाठ्यक्रम संचालित विद्यालयों के संचालन समय में परिवर्तन किया गया है।

जारी आदेश के अनुसार दो पाली में संचालित शालाएं प्रथम पाली में सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 8:00 से 11:45 तक लगेंगी। शनिवार दोपहर 12 से शाम 4:00 बजे तक के लगेंगी। वही द्वितीय पाली सोमवार से शुक्रवार तक दोपहर 12 से 4 बजे तक वही शनिवार को सुबह 8:00 से 11:45 बजे तक संचालित होंगी।

वही एक पाली में संचालित शालाएं सोमवार से शुक्रवार तक दस से चार बजे तक वही शनिवार को सुबह 8 बजे से 11.45 तक संचालित होंगी।

देखें आदेश



 

शीतलहर से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी

उत्तर भारत से लेकर मध्य भारत तक तेजी से बढ़ती शीतलहर के बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नई दिल्ली और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा आमजनों के लिए महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए व्यापक सतर्कता बरतने की अपील की गई है। विभिन्न विभागों को शीतलहर के मद्देनजर व्यापक तैयारियां और बचाव के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है।

राज्य में तापमान में अचानक गिरावट और बर्फीली हवाओं के चलते ठंड का असर गहरा हो गया है, यह मौसम बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम लेकर आता है। ऐसे में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा विभिन्न विभागों को एडवाइजरी जारी कर आमलोगों को शीतलहर से बचाव, जागरूकता, आवश्यक तैयारियों के लिए निर्देशित किया गया है। जारी एडवायजरी के अनुसार शीतलहर के दौरान अनावश्यक घर से बाहर न निकलने, गर्म कपड़े पहनने, शरीर को गर्म तरल पदार्थ देते रहने, गर्म कपड़ों का नियमित उपयोग करने, सिर, कान, हाथ, पैर को ढंकने की सलाह दी गई है। यदि किसी में अत्यधिक कंपकंपी, उंगलियों में पीलापन या सफेदपन, सुन्नता, बोलने में कठिनाई, सांस लेने में भारीपन हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेने के निर्देश दिए गए है। ये संकेत हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट जैसी जानलेवा स्थितियों की ओर इशारा कर सकते हैं। ठंड से बचने के लिए बंद कमरे में कोयला जलाना घातक हो सकता है। हाइपोथर्मिया में शरीर का तापमान गिरने पर खतरा कई गुना बढ़ जाता हैं। यदि किसी व्यक्ति का शरीर तापमान बहुत कम हो जाए, तो तत्काल कदम उठाना आवश्यक है। व्यक्ति को तुरंत गर्म स्थान पर लिटाकर कंबल, जैकेट या गर्म कपड़ों से ढंकें, शरीर को सामान्य तापमान देने की कोशिश करें, मांसपेशियों में जकड़न या बोलने में दिक्कत हो तो डॉक्टर से तत्काल संपर्क करें। हाइपोथर्मिया अचेतन अवस्था या जानलेवा हो सकता है। एडवाइजरी के अनुसार ठंड में सावधानी बरतें, मौसम के अनुसार कपड़े पहनें, आग जलाते समय कमरे को हवादार रखें, किसी भी स्वास्थ्य समस्या पर तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें और बच्चों व बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें।

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