Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के सेंट्रल यूनिवर्सिटी में स्थापित हुआ देश का पहला यूनिसेफ बेहेवियरल क्लब

Bilaspur News: chhattisgarh ke Central University mein sthapit hua desh ka pahala UNICEF Behavioral Club

Update: 2023-01-11 12:46 GMT

बिलासपुर। गुरू घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में यूनिसेफ इंडिया के सहयोग से देश के पहले बेहेवियरल क्लब की स्थापना हुई। इसके साथ ही वर्कशॉप ऑन रोलआउट ऑफ कम्यूनिकेशन फॉर सोशल एंड बेहेवियर चेंज (सीएसबीसी) मॉड्यूल विषय पर 09 से 11 जनवरी तक तीन दिवसीय कार्यशाला का आज समापन हो गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिलासपुर कलेक्टर सौरभ कुमार एवं अति विशिष्ट अतिथि के रूप में सिद्धार्थ श्रेष्ठ, प्रमुख एसबीसी यूनिसेफ भारत उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिलासपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए यूनिसेफ और गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए कहा कि युवाओं की ऊर्जा को ऐसे कार्यों में निवेशित किया जाना चाहिए जिससे उनके व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आये। यह कार्यशाला जिन उद्देश्यों के साथ आयोजित की गई वो युवाओं को व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रेरित करेगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने जिला कलेक्टर सौरभ कुमार (आईएएस) एवं सिद्धार्थ श्रेष्ठ, प्रमुख एसबीसी यूनिसेफ भारत के कार्यशाला के समापन अवसर पर विश्वविद्यालय में पधारने पर धन्यवाद ज्ञापित करते हे कहा कि व्यवहार में सभी को समाहित करने का गुण व्यक्ति को श्रेष्ठ बनाता है। हमें संसाधनों को साझा करने का गुण विकसित करना होगा ताकि उनका सर्वोतम उपयोग किया जा सके।

कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि बांटने और मिल बांटने में अंतर है, हम सभी को सहयोग के साथ कार्यों को मिल बांटकर विकास के पथ पर विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय अकादमिक श्रेष्ठता की ओर लेकर जाना है। उन्होंने कहा कि बरगद के पेड़ का बीज बहुत छोटा होता है लेकिन उसमें बड़ी संभावनाएं छिपी होती हैं। हमें युवाओं के भीतर मौजूद छोटे से छोटी क्षमता को उभारकर उसे बरगद के वृक्ष के समान बड़ा बनाना है।

कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित सिद्धार्थ श्रेष्ठ, प्रमुख एसबीसी यूनिसेफ भारत ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. चक्रवाल के नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यशाला में 12 विश्वविद्यालयों के प्रतिभागी शामिल हुए हैं। यहां देश के पहले यूनिसेफ बेहेवियरल क्लब की स्थापना की गई है। इस संपूर्ण कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं में व्यवहार परिवर्तन की पहल करना है जिसमें स्वच्छता, पोषण आदि के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा को प्रसारित करें।

इससे पूर्व यूनिसेफ दिल्ली से पधारे अति विशिष्ट अतिथि श्री संजय सिंह एसबीसी विशेषज्ञ ने कहा कि यूनिसेफ की यह कार्यशाला व्यक्तिगत बदलाव के साथ सामाजिक बदलावों क बात करती है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यूनिसेफ निरंतर प्रयासरत है। यूनिसेफ ने देश के 9 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर विभिन्न मॉड्यूल तैयार किये हैं।

देश के पहले बेहेविरयल क्लब की स्थापना

यूनिसेफ के सहयोग से केन्द्रीय विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के बी विंग के कमरा नंबर 55 में देश के पहले बेहेवियरल क्लब की स्थापना की गई है। इस क्लब में 50 युवा विद्यार्थियों को स्वयंसेवक के रूप में शामिल किया गया है। क्लब के माध्यम से युवाओं को ऊर्जा को सकारात्मक एवं सृजनात्मक गतिविधियों की ओर प्रसारित किया जाएगा। इस क्लब के माध्यम से युवा विद्यार्थी स्वच्छता, तनाव मुक्ति, अभिव्यक्ति एवं नवाचार जैसे विषयों में सहभागिता करेंगे।

सीएसबीसी मॉड्यूल को मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने पर विचार

कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि कम्यूनिकेशन फॉर सोशल एंड बेहेवियर चेंज (सीएसबीसी) मॉड्यूल को पाठ्यक्रम में मूल्य वर्धित पाठ्यचर्या के रूप में अगले सत्र से शामिल करने पर सकारात्मक रूप से विचार किया जा रहा है।

पूरी दुनिया में छत्तीसगढ़ के नाम की चर्चा

यूनिसेफ इंडिया के एसबीसी के प्रमुख सिद्धार्थ श्रेष्ठ ने कहा कि मोरक्को में आयोजित यूनिसेफ के अधिवेशन में 180 देशों के 1600 से ज्यादा प्रतिभागियों के बीच बस्तर और दंतेवाड़ा की कम्यूनिटी एंगेजमेंट की दो केस स्टडी ने सबी को प्रभावित किया।

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