Bilaspur High Court: पदोन्‍नति के मामले में शिक्षकों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत: कोर्ट ने पदोन्नत पद पर काम करते रहने का दिया निर्देश

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Update: 2024-02-20 14:04 GMT

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Bilaspur High Court: बिलासपुर। पदोन्‍नति के मामले में हाईकोर्ट ने शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शिक्षकों को पदोन्‍नत पद पर ही काम करने रहने का निर्देश दिया है। यह मामला मुंगेली जिला का है। वहां के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला निरजाम मे शिक्षक एलबी के पद पर पदस्थ शिवानी भट्ट, बिरतिला तिर्की और अंजू शुक्ला की भी पदोन्नति आदेश को संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर ने निरस्त दिया था। इसके विरुद्ध इन शिक्षकों ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी जितेंद्र पाली और नरेंद्र मेहेर के माध्यम हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

अधिवक्‍ता सिद्दीकी ने बताया कि शिवानी भट्ट की नियुक्ति वर्ष 2008 में सहायक शिक्षक के पद पर हुई थी। वर्ष 2018 में इनका संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में हो गया। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2019 में निर्धारित न्यूनतम अनुभव 5 वर्ष को केवल एक बार के लिए शिथिल करते हुए न्यूनतम अनुभव 3 वर्ष निर्धारित करने के फल स्वरुप संभागीय स्तर विभागीय पदोन्नति समिति से प्राप्त अनुमोदन उपरांत शिवानी भट्ट की पदोन्नति 15 मई 2023 को सहायक शिक्षक एलबी से शिक्षक एलबी के पद पर पदोन्नति करते हुए विकासखंड सारंगढ़ जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ में पदस्थ किया गया। इसे बाद में संशोधित करते हुए पूर्व माध्यमिक शाला निरजाम, जिला- मुंगेली किया गया।

पदोन्नति संशोधित शाला में कार्यभार ग्रहण करने के बाद संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर द्वारा 31 जनवरी 2024 को शिवानी भट्ट की पदोन्नति आदेश को निरस्त करने का आदेश पारित किया। संयुक्‍त संचालक ने कहा कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग भारती एवं पदोन्नति नियम 2019 के कंडिका दो में स्नातक उपाधि बीएचएससी गृह विज्ञान, विज्ञान विषय में सम्मिलित नहीं है जिसके कारण शिवानी भट्ट विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक दिनांक 25 अप्रैल 2023 की स्थिति में पदोन्नति के लिए पात्र नहीं हैं। अतः शिवानी भट्ट की शिक्षक एलबी के पद पर पदोन्नति निरस्त की जाती है। उनको पूर्ववत सहायक शिक्षक के पद पर प्राथमिक शाला गुरु घासीदास विकासखंड बिल्हा,जिला- बिलासपुर में पदस्थ किया जाता है। पदोन्नति आदेश निरस्त होने से व्यथित होकर शिवानी भट्ट ने हाई कोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी के माध्यम से 14 फरवरी 2024 को न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल के यहां हुई याचिका में यह आधार लिया गया कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2019 की अनुसूची दो के सरल क्रमांक 33 के कलम 8 में शब्द पदोन्नति/सीधी भर्ती सेटअप में स्वीकृत विषयावर पदों पर होगी का लोप किया जाता है छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्वयं विषय बाध्यता को समाप्त कर चुकी है। याचिकाकर्ता शिवानी भट्ट के स्थान पर अन्य कोई व्यक्ति का पदस्थापना नहीं हुई है उपरोक्त आधारों पर न्यायालय ने याचिकाकर्ता को पदोन्नत पद शिक्षक एलबी के पद पर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला निरजाम जिला मुंगेली में कार्य करने के निर्देश दिए। एक अभ्यावेदन 3 सप्ताह के अंदर में उत्तरवादी शिक्षा विभाग के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उत्तरवादी शिक्षा विभाग को 90 दिवस के भीतर प्रकरण निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।

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