बड़ी खबर: Bilaspur High Court News: TET को पदोन्नति में अनिवार्य रूप से लागू कराने शिक्षक पहुंचे हाई कोर्ट: याचिकाकर्ता ने राज्य शासन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का लगाया आरोप
Bilaspur High Court News: टेट टीईटी को शिक्षक पदोन्नति व भर्ती में अनिवार्य रूप से लागू करने की मांग को शिक्षकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता शिक्षकों ने राज्य सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को कहा है कि टीईटी को पदोन्नति में अनिवार्य बनाने के मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट करें।
Bilaspur High Court News: बिलासपुर। टीईटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार पर शीर्ष अदालत के आदेश का अवहेलना करने का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता शिक्षकों ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों के पदोन्नति में टीईटी को अनिवार्य शर्त के रूप में शामिल नहीं किया है। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
दिनेश कुमार साहू एवं अन्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में आरोप लगाया है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को पदोन्नति हेतु छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक एवं प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती एवं पदोन्नति नियम, 2019 के संबंध में इसकी अनिवार्यता नहीं रखा है। इससे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सीधा-सीधा उल्लंघन हो रहा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 23(1), राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) की अधिसूचना, और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के 1 सितंबर 2025 के निर्णय के अनुसार, जिन शिक्षकों का सेवा में पांच वर्ष से कम समय शेष हैं, वे बिना टीईटी पास किए भी सेवानिवृत्ति तक सेवा जारी रख सकते हैं, लेकिन यदि वे पदोन्नति चाहते हैं तो टीईटी पास करना आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षकों के सेवा में पांच वर्ष या उससे अधिक शेष है, उन्हें दो वर्षों के भीतर टीईटी परीक्षा पास करनी होगी, अन्यथा उन्हें सेवा से वंचित किया जाएगा या अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसके साथ अंतिम लाभ नियमों के अनुसार दिया जाएगा। बॉम्बे हाईकोर्ट के 16 सितंबर 2025 के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि कोर्ट ने कहा है कि जो शिक्षक 1 सितंबर 2025 से पहले टीईटी या केंद्रीय टीईटी (CTET) पास कर चुके हैं, वे सेवा में रहेंगे, और जिन शिक्षकों ने टीईटी/CTET पास नहीं किया है, उन्हें दो वर्ष का समय दिया जाए।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इन निर्णयों के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार से कहा है कि वे टीईटी को पदोन्नति में अनिवार्य बनाने के मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट करें। इस परिपेक्ष में छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष रविंद्र कुमार राठौर ने कहा कि राज्य सरकार को तत्काल टीईटी के खिलाफ अन्य राज्य सरकारों की तरह पुनर्विचार याचिका लगानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का TET पर यह फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सरकारी स्कूलों में 1 से 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य है। .यह नियम 2011 के बाद नियुक्त शिक्षकों पर लागू होगा। ऐसे शिक्षक जिनकी नियुक्ति 2010 के बाद हुई है, उन्हें नियुक्ति के दो साल के भीतर TET पास करना अनिवार्य होगा। अगर कोई शिक्षक TET परीक्षा दो साल में पास नहीं करता है, तो उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है या नौकरी से त्यागपत्र देना पड़ सकता है।
जिन शिक्षकों की सेवा में पांच साल से कम समय बचा है यानी वे जल्द ही रिटायर होने वाले हैं, उन शिक्षकों को TET पास करने से छूट दी गई है; लेकिन प्रमोशन के लिए TET अनिवार्य है। .जिन शिक्षकों की नियुक्ति RTE (राइट टू एजुकेशन एक्ट) लागू होने के पहले हुई है और जिनकी सेवा में 5 साल से अधिक बचे हैं, उन्हें अगले दो साल के भीतर TET पास करना होगा। .पुराने शिक्षकों को लेकर बढ़ी चिंताकोर्ट के इस आदेश के बाद अनेक पुराने शिक्षक संघों ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है।