Bilaspur High Court: गेस्ट लेक्चरर्स भर्ती विवाद: हाई कोर्ट ने कहा- राज्य के नीतिगत निर्णय में हम नहीं कर सकते हस्तक्षेप

Bilaspur High Court: महाविद्यालयों में गेस्ट लेक्चरर्स भर्ती को लेकर जारी विवाद का छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने पटाक्षेप कर दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार के नीतिगत निर्णय में हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते। पढ़िए सिंगल बेंच के फैसले को सही ठहराते हुए डिवीजन बेंच ने क्या फैसला सुनाया है।

Update: 2024-11-12 09:18 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के महाविद्यालयों में गेस्ट लेक्चरर्स के लिए जारी विज्ञापन करने सहित अन्य मांगों को लेकर दायर याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को सही ठहराते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि राज्य शासन के नीतिगत निर्णयों में न्यायालयों को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। डिवीजन बेंच ने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत भर्ती के लिए बनाई गई पालिसी बेहतर ही होगी। योग्य लेक्चरर्स आएंगे तो अध्ययन अध्यापन की व्यवस्था भी सुधरेगी। महाविद्यालयीन स्टूडेंट्स को गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिलेगी। यूजीसी के मापदंडों के अनुसार बनाई गई पालिसी ये योग्य लेक्चरर्स मिलेंगे।

राजधानी रायपुर के गर्ल्स कॉलेज में राजनीति शास्त्र विषय के गेस्ट लेक्चरर के पद पर कार्यरत गायत्री शर्मा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने प्रदेश के कालेजों में गेस्ट लेक्चरर्स की भर्ती के लिए राज्य शासन द्वारा बनाई गई पालिसी को चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया था। सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए गायत्री ने डिवीजन बेंच के समक्ष याचिका दायर की थी। दायर याचिका में उन्होंने

3 सितंबर 2024 को सिंगल बेंच के आदेश को रद्द करने के साथ ही शासकीय नवीन गर्ल्स कालेज रायपुर के प्राचार्य द्वारा 15 जुलाई 2024 को गेस्ट लेक्चरर्स के लिए जारी विज्ञापन को निरस्त करने की मांग की थी।

 याचिकाकर्ता ने यह भी की थी मांग

डिवीजन बेंच में पेश याचिका में याचिकाकर्ता ने दो प्रमुख मांगों को रद्द करने से पहले सचिव उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 12 जुलाई 2024 को जारी पत्र को निरस्त करने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने इसी तरह के एक मामले में हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए फैसले का भी हवाला दिया। याचिकाकर्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 24 मार्च 2022 को दीपा गोस्वामी व अन्य के मामले में शासन को फैसला दिया है कि पूर्व से कार्यरत गेस्ट लेक्चसर्स को किसी अन्य उम्मीदवार से रि-प्लेस नहीं किया जाएगा। याचिकाकर्ता ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश के बाद दभी कालेज ने नई भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है।

 यूजीसी के मापदंड के तहत बनाई है पालिसी

राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने बताया कि गेस्ट लेक्चरर्स की नियुक्ति एक शैक्षणिक सत्र के लिए की जाती है। शैक्षणिक सत्र पूर्ण होने के बाद हर वर्ष नियुक्ति के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी किया जाता है। विधि अधिकारियों ने डिवीजन बेंच को बताया कि राज्य सरकार ने नई नीति 2024 जारी कर दी है। यूजीसी के मापदंडों व दिशा निर्देशों के अनुसार भर्ती की जाएगी। इससे योग्य गेस्ट लेक्चरर्स मिलेंगे। शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी। कालेजों में अकादमिक माहौल भी बनेगा।

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