शिक्षा मंत्री की हालत नाजुक : कोरोना संक्रमित झारखंड के शिक्षा मंत्री की तबीयत बेहद गंभीर…..वेंटिलेटर से एकमो मशीन में किया गया शिफ्ट….एयर एंबुलेंस से चेन्नई भेजा गया, कोरोना से फेफड़ा पूरी तरह हुआ खराब

Update: 2020-10-20 00:33 GMT

“कोरोना से संक्रमित शिक्षा मंत्री की हालत बेहद नाजुक हैं, उन्हें एयर एंबुलेंस से तत्काल चेन्नई रवाना किया गया है। हालांकि पहले चेन्नई के डाक्टर को ही रांची बुलाया गया था, लेकिन अब उनकी तबीयत नाजुक देखकर मंत्री को ही चेन्नई रवाना किया गया है”

रांची 20 अक्टूबर 2020। झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत बेहद नाजुक बतायी जा रही है। कोरोना से संक्रमित जगरनाथ महतो पिछले दिनों पॉजेटिव पाये गये थे, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गयी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर चेन्नई से उनके इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक बुलाए गए थे। उनकी तबीयत नाजुक देखकर एयर एंबुलेंस से मंत्री जगरनाथ महतो को ही चेन्नई भेजा गया है।

कोरोना से संक्रमित होने के बाद फेफड़े के संक्रमण से जूझ रहे झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को एयरलिफ्ट करके चेन्नई ले जाया गया. सोमवार (19 अक्टूबर, 2020) को चेन्नई से आये फेफड़ा रोग विशेषज्ञों की देख-रेख में उन्हें शाम 6:35 बजे एयर एंबुलेंस से वहां भेजा गया. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के डुमरी के विधायक जगरनाथ महतो का फेफड़ा ट्रांसप्लांट भी करना पड़ सकता है. इससे पहले उन्हें मेडिका हॉस्पिटल में वेंटिलेटर से हटाकर एकमो मशीन पर डाला गया था. एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में अब जगरनाथ महतो का चेन्नई में ही इलाज होगा.

इससे पहले, चेन्नई के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का क्लिनिकल रिव्यू करने के बाद कहा था कि उन्हें एक्स्ट्रा कॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजेनेटर (एकमो) मशीन पर डालने की जरूरत है. विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह पर देर रात ही इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी. एकमो को आम बोलचाल की भाषा में आर्टिफिशियल लंग्स कहा जाता है. शिक्षा मंत्री को चेन्नई भेजे जाने से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मेडिका जाकर चेन्नई से आये विशेषज्ञ डॉक्टरों से बातचीत की थी.

 

शिक्षा मंत्री की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें एकमो मशीन पर डाल दिया गया था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विशेष आग्रह पर रविवार देर रात चेन्नई से रांची पहुंची विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की सलाह के बाद ऐसा किया गया. रात के करीब 11 बजे रांची पहुंचे तीन डॉक्टरों डॉ अपर जिंदल, डॉ मुरारी कृष्ण और डॉ जुनैद अमीन ने आधी रात के बाद शिक्षा मंत्री की जांच की और उन्हें एकमो मशीन पर डालने की सलाह दी.

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