SDM और SDO का शौचालय विवाद पहुंचा चीफ सिकरेट्री तक… आरपी मंडल बोले- जांच के बाद निष्पक्ष कार्रवाई होगी….. फारेस्ट SDO के बाथरूम यूज करने को लेकर हुआ था विवाद… थाने तक भी पहुंची थी विवाद की आंच

Update: 2020-01-16 12:23 GMT

रायपुर 20 जनवरी 2020। कानन पेंडारी में SDO और SDM के बीच विवाद अब चीफ सिकरेट्री तक पहुंच गया है। आज राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने चीफ सिकरेट्री से मुलाकात कर विवाद की जांच कर निष्पक्ष कार्यवाही की मांग की है। संघ के पदाधिकारियों का आरोप है कि मीडिया में पूरे प्रकरण को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया, वहीं मामले को VIP ट्रीटमेंट से जोड़ दिया गया, जबकि संघ ने पूरे प्रकरण में ऐसे किसी भी वाकये का खंडन किया है। हालांकि इस पूरे प्रकरण का ये भी दिलचस्प पहलू रहा कि इस विवाद के SDO को घंटे थाने में गुजारना पड़ा। ट्रैफिक पुलिस ने उनकी गाड़ी जब्त कर ली और आरोप ये लगाया कि उन्होंने सीट बेल्ट नहीं बांधी थी। इस प्रकरण के बाद एसडीओ को घंटों थाने में बैठा लिया गया।

दरअसल पूरा मामला रविवार का था, जब कानन-पेंडारी परिवार साथ घूमने गये कवर्धा SDM विपुल गुप्ता ने फारेस्ट विभाग के दफ्तर में SDO विवेक चौरसिया के चैंबर के वाथरूम का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद SDO भड़क गये और कर्मचारियों को जमकर फटकार लगा दी। पूरा घटनाक्रम एसडीएम के सामने हुआ, जिसके बाद उन्होंने साथी एसडीएम को इसकी शिकायत कर दी। आरोप है कि इस शिकायत के बाद एसडीओ की गाड़ी जब्त हो गयी और उन्हें घंटों थाने में गुजारने पड़े। हालांकि इस पूरे मामले को उस विवाद से जोड़कर देखा गया, जबकि राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों ने इसे गलत ढंग से उस विवाद से जोड़ने का आरोप लगाय़ा।

संघ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने शौचालय प्रयोग के अधिकार को मूलभूत अधिकारों से जोड़ा है ऐसे में इसे VIP ट्रीटमेंट बताया गया। उन्होंने चीफ सिकरेट्री को बताया कि जिलों में पदस्थ राजस्व अधिकारी का ज्यादातर समय शासन प्रशासन के महत्वपूर्ण आगंतुकों के प्रोटोकॉल में बीतता है। ऐसे में मूलभूत सुविधाएं के लिए भी यदि इस प्रकार का विवाद उत्पन्न होगा तब जिलों में प्रोटोकॉल व्यवस्था चरमरा जाएगी।

संघ के पदाधिकारियों ने ये भी कहा कि कानन पेंडारी बिलासपुर क्षेत्र के लिए एक मुख्य पर्यटन स्थल है और जब वहाँ का अधीक्षक ऐसे मूलभूत शौचालय प्रयोग मामले में असंवेदनशील होगा तो वहाँ आम जनता और खास कर महिलाओं और बुजुर्गों के लिए खासी असुविधा होगी। ऐसे में उसपर कार्यवाही करते हुए उसको वहाँ से हटाना जाना उचित होगा।

पूरे मामले चीफ सिकरेट्री ने संघ को आश्वस्त किया है कि वो इस मामले में निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि डिप्टी कलेक्टर पद राज्य के प्रशासनिक व्यवस्था में रीढ़ की हड्डी का काम करती है।वो अपने मेहनत और विजन के बल पर राज्य को विकास की ओर ले जाता है, और समाज में व्यवस्था बनाये रखने का काम करती है।

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