Raipur News: रायपुर संभाग में पहली बार कमिश्रर कांवरे ने की पिट एनडीपीएस एक्ट की कार्रवाई, चार को भेजा जेल

Raipur News: गृह मंत्री अमित शाह के कड़े निर्देश और ड्रग पैडलर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का अब छत्तीसगढ़ में प्रभावी असर देखने को मिल रहा है। रायपुर संभाग के कमिश्नर महादेव कावरे ने पिट एनडीपीएस एक्ट 1988 की धारा 10 के तहत चार को जेल की सजा सुनाई है। दो आरोपी छह-छह महीने और दो आरोपी को तीन-तीन की सजा दी है। सख्ती के पीछे मादक पदार्थों की अवैध बिक्री पर पूर्णतः रोक लगाना है।

Update: 2024-11-28 05:59 GMT

Raipur News: रायपुर। गृह मंत्री अमित शाह के कड़े निर्देश और ड्रग पैडलर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का अब छत्तीसगढ़ में प्रभावी असर देखने को मिल रहा है। रायपुर संभाग के कमिश्नर महादेव कावरे ने पिट एनडीपीएस एक्ट 1988 की धारा 10 के तहत चार को जेल की सजा सुनाई है। दो आरोपी छह-छह महीने और दो आरोपी को तीन-तीन की सजा दी है। सख्ती के पीछे मादक पदार्थों की अवैध बिक्री पर पूर्णतः रोक लगाना है।

आयुक्त रायपुर संभाग रायपुर महादेव कावरे द्वारा पिट एनडीपीएस एक्ट 1988 की धारा 10 के तहत ड्रग्स के धंधे में संलिप्त चार आरोपियों को सजा सुनाई है। कमिश्नर कावरे ने उदय जैन पिता नेमीचंद जैन थाना खमतराई (6 माह के लिए), बाबू उर्फ देंगा सरदार पिता हरिलाल सरदार थाना माना कैम्प (6 माह के लिए), अजीत सिंह पिता हृदय नारायण थाना आमा नाका (3 माह के लिए) व ⁠बैशाखू पिता ताराचंद ध्रुव थाना उरला को तीन माह की सजा सुनाई है। कमिश्नर कोर्ट से जारी आदेश के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को रायपुर सेंट्रल जेल भेज दिया है।

क्या है एनडीपीएस एक्ट 1988 की धारा 10

पिट यानी पीआइटी एनडीपीएस एक्ट 1988 उन गंभीर नशे का कारोबार करने वाले अपराधियों पर लगाया जाता है जो लगातार उस अपराध में शामिल पाए जाते हैं। यह कार्रवाई शासन की ओर से की जाती है। यह उन अपराधियों के खिलाफ लगाया जाता है जिनका जेल में बंद किया जाना बेहद जरूरी हो जाता है। इसके तहत ऐसे अपराधियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाती है, जिनके द्वारा लगातार अवैध रूप से मादक पदार्थों का व्यापार , गतिविधि की जा रही है। तथा निरूद्ध के बिना ऐसे कार्य को रोकने के अन्य कोई विकल्प नहीं हो।

स्वापक औषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार की रोकथाम अधिनियम, 198, स्वापक औषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार को रोकने के प्रयोजनार्थ कुछ मामलों में निरूद्ध करने और उससे संबंधित विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम बनाया गया है।

नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट या एनडीपीएस अधिनियम 1985 (NDPS Act of 1985 in Hindi), नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों के भंडारण, उपभोग, परिवहन, खेती, कब्ज़ा, बिक्री, खरीद और विनिर्माण को विनियमित करने के लिए एक व्यापक कानून है।

नशीले पदार्थों में पोस्ता स्ट्रॉ, अफ़ीम, कैनबिस (गांजा), और कोका की पत्तियां शामिल हैं।

धारा 2(xxiii) के अनुसार, मनोदैहिक पदार्थों में एनडीपीएस अधिनियम की अनुसूची में निर्दिष्ट कोई भी नमक, तैयारी, सिंथेटिक या प्राकृतिक सामग्री आदि शामिल हैं।

 अक्टूबर में सरगुजा संभाग के कमिश्नर ने की थी कार्रवाई

सरगुजा संभाग के कमिश्नर जी आर चुरेंद्र ने अक्टूबर के महीने में पिट एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। इसमें मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के इश्हाक कुरेशी उर्फ नाण्डी निवासी न्यू टिकरापारा गोदरीपारा चिरमिरी एवं सरगुजा जिले ब्रह्मपारा अंबिकापुर निवासी राजू नामदेव को जेल की सजा सुनाई थी।

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