Journalist Mukesh Murder: भ्रष्टाचार और दुष्कर्म के आरोपी को PWD ने बीजापुर का बना दिया EE, पत्रकार हत्याकांड के मास्टर माइंड ठेकेदार को दिया संरक्षण!...
Journalist Mukesh Murder: पीडब्लूडी ने साहस की नुमाइश करते हुए बीजापुर के पत्रकार मुकेश हत्याकांड के मास्टर माइंड सुरेश चंद्रकार का कंट्रेक्टर लायसेंस निलंबित करने के साथ ही उसके 207 करोड़ का ठेका निरस्त कर दिया। मगर उसे पालने-पोषणे वाले पीडब्लूडी के इंजीनियरों पर कोई कार्रवाई नहीं की। बीजापुर का ईई मधेश्वर प्रसाद न केवल आय से अधिक संपत्ति का आरोपी है बल्कि दुष्कर्म के केस में उसके खिलाफ चालान पेश हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जस्टिस बिलासपुर हाई कोर्ट के जस्टिस रहने के दौरान उसकी जमानत याचिका को तीखी टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया था। नीचे पढ़िये युवती का नग्न वीडियो बनाने वाले मधेश्वर प्रसाद की करतूतें...
Journalist Mukesh Murder: रायपुर। बीजापुर में पत्रकार मुकेश हत्याकांड के बाद पीडब्लूडी के कार्यपालन अभियंता मधेश्वर प्रसाद चर्चा में हैं। जाहिर है, देश के मीडिया को हिला देने वाला हत्याकांड सड़कों के भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है।
बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्रकार ने नेलसनार-गंगलूर रोड की अनियमितता का पर्दाफाश किया था। इस वजह से मुकेश को जान गंवानी पड़ गई।
सवाल उठता है कि जिस मामले को पत्रकार ने एक्सपोज किया, उसे पीडब्लूडी के ईई ने संज्ञान क्यों नहीं लिया? अपने उच्चाधिकारियों को इस बारे में क्यों नहीं बताया?
मुकेश की हत्या के खुलासे के तीन दिन बाद पीडब्लूडी को ध्यान आया कि सड़क निर्माण में अगर गड़बड़ी हुई है तो इसकी जिम्मेदारी आरोपी ठेकेदार की है। इसके बाद पीडब्लूडी के बीजापुर ईई मधेश्वर प्रसाद ने ठेकेदार सुरेश चंद्रकार का कंट्रेक्टर लायसेंस निलंबित करने के साथ ही 207 करोड़ का टेंडर निरस्त कर दिया।
अफसर पर कार्रवाई नहीं
मुकेश चंद्रकार हत्याकांड के बाद पीडब्लूडी ने ठेकेदार पर कार्रवाई तो कर दी मगर सवाल उठता है, सड़कों में भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाले अफसरों को कैसे बख्श दिया गया। जानकारों का कहना है कि पीडब्लूडी के अफसरों ने अगर अपनी जिम्मेदारी निभाई होती तो मुकेश चंद्रकार को सड़क निर्माण की व्यापक गड़बड़ियों का भंडाफोड़ नहीं करना पड़ता...ईई ने अगर समय रहते ठेकेदार पर कार्रवाई कर दी होती तो मुकेश की जान भी नहीं जाती।
भ्रष्टाचार के गंभीर केस
बीजापुर के ईई जिस जिले में रहे, भ्रष्ट कारनामों की वजह से हमेशा चर्चाओं में रहे। ईओडब्लू ने 2014 के उनके ठिकानों पर रेड किया था और उनके भिलाई स्थित घर से 60 लाख कैश बरामद किया था। इसके अलावे बड़ी संख्या में उनके पास से आय से अधिक संपत्ति के प्रमाण मिले थे। ईओडब्लू ने उनके खिलाफ अपराध क्रमांक 23/2014 धारा 13 (1) और 13 (2) करप्शन एक्ट 1988 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इसके अलावा बिलासपुर, बेमेतरा, बालोद, बलौदा बाजार में भी उनके खिलाफ शिकायतों की फेहरिश्त है। बालोद में टेंडर की गड़बड़ी की वजह से ही मधेश्वर प्रसाद को हटाया गया था।
दुष्कर्म केस में चालान
बिलासपुर में ईई रहते पीडब्लूडी के कार्यपालन अभियंता मधेश्वर प्रसाद के खिलाफ बुटिक चलाने वाली एक युवती ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। बुटिक चलाने वाले युवती ने 20 मार्च 2021 को बिलासपुर के सरकंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मधेश्वर प्रसाद ने साड़ी खरीदने के नाम पर नूतन कालोनी स्थित सरकारी बंगले में बुलाया।
जान-पहचान बढ़ाने के बाद एक दिन उन्होंने पानी में नशीला पदार्थ पीलाकर उनके साथ रेप किया। इसके बाद वे कई महीने तक होटलों और रिसोर्ट में ले जाकर दैहिक शोषण किया।
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में उसने मेरी नग्न अवस्था का वीडियो बना लिया और लगा ब्लैकमेल करने। उसने धमकी दी कि अगर किसी को इस बारे में बताई तो फिर तेरे पति की हाई कोर्ट की नौकरी छोड़वा दूंगा, मेरी उपर तक पहुंच है।
मैंने इंकार किया तो
पीड़िता ने पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में बताया कि मधेश्वर प्रसाद ने कहा कि तुमको बदनामी से बचना है तो मैं जैसा कहता हूं, करती जाओ। मेरे अनुसार तुम चलोगी तो तुम्हें पीडब्ल्यूडी में नौकरी में लगवा दूंगा। इसके बाद मैं बदनामी के डर से पति को कुछ नहीं बताई। मधेश्वर प्रसाद आए दिन मुझे फोन कर बुलाता। कभी अपने घर में, कभी होटल ले जाता, कभी पिकनिक पर बाहर चलने प्रेशर डालता और मेरी इच्छा के खिलाफ वह मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाता था। पैसे के बल पर उसने मेरी बड़ी बहन और उसके बेटे को अपने पक्ष में कर लिया है। उनकी गवाही का भय दिखाकर मुझे फंसाने की धमकी देता है। मधेश्वर मुझे बांधवगढ़, कवर्धा और अपने घर में उसने शारीरिक संबंध बनाया। 28 फरवरी 2021 को मधेश्वर प्रसाद ने मुझे नूतन चौक बुलवाया। मैं वहां पहुंची तो मुझे कार में बैठकर होटल चलने कहा। मैने मना किया तो मेरा शारीरिक संसर्ग करते नग्न वीडियो वायरल कर उसने मेरे बच्चों की हत्या कर देने व पति को नौकरी से हटवाने की धमकी दी। इसके बाद मैं लाचार हो गई। वो जैसा कहता, मैं करती गई।
पति ने दिया साहस
युवती ने रिपोर्ट के आखिर में बताया कि मधेश्वर के अत्याचार से आजिज आकर एक दिन मैं पति को पूरी घटना बताई। पति ने मेरा साथ दिया और हिम्मत बढ़ाते हुए पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने कहा। फिर मैं थाने आई हूं।
जमानत याचिका खारिज
सरकंडा थाने में केस दर्ज होने के बाद मधेश्वर प्रसाद लंबे समय तक फरार रहा। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें गठित की थी। इस दौरान आरोपी ईई ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई। तत्कालीन जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि, बाद में डबल बेंच से उसकी जमानत हो गई।
पुलिस ने किया चालान पेश
सरकंडा पुलिस ने दुष्कर्म मामले की जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। बिलासपुर के एसपी रजनेश सिंह ने एनपीजी न्यूज को बताया कि अपराध क्रमांक 326/21 में 2023 में चालान पेश किया गया है।
कोर्ट में दुष्कर्म केस का ट्रॉयल चल रहा है। विधि के जानकारों का कहना है कि इस मामले में साक्ष्य इतना मजबूत है कि आरोपी ईई मधेश्वर प्रसाद का बचना मुश्किल है।
सिस्टम लाचार
करप्शन और दुष्कर्म के आरोपी मधेश्वर प्रसाद का कुछ कागजी विसंगतियों की वजह से प्रमोशन नहीं हो पाया। मगर उसका हौसला देखिए कि प्रमोशन नहीं हुआ तो हाई कोर्ट चला गया और कोर्ट के फैसले के बाद पीडब्लूडी ने उसे प्रमोट कर दिया। पीडब्लूडी के निष्क्रिय अधिकारियों ने प्रमोशन मामले में कोर्ट में डिफेंड भी नहीं किया। जिस कार्यपालन अभियंता के खिलाफ इतने केस और मुकदमे हैं, उसे सरकार प्रमोशन देती रही।