Bilaspur Liquor News: शराब दुकान के 30 लाख रुपए लेकर ड्राइवर फरार, FIR दर्ज

Bilaspur Liquor News: शराब दुकान चलाने वाली प्लेसमेंट कंपनी ईगल हंटर के द्वारा शराब दुकान के सिक्योरिटी मनी जमा करवाने के लिए दिए गए 30 लाख रुपए को लेकर ड्राइवर फरार हो गया।

Update: 2024-12-11 15:20 GMT

Bilaspur Liquor News: बिलासपुर। शराब दुकान के लिए सिक्यूरिटी मनी जमा कराने के लिए दिए 30 लाख रुपयों को लेकर ड्राइवर फरार हो गया। इधर शराब दुकान चलाने वाली प्लेसमेंट कंपनी के आपरेशन हेड चार दिन तक ड्राइवर की तलाश करता रहा। बताया जाता है कि इस बीच कंपनी के अधिकारी ने घटना की शिकायत थाने में नहीं की। जब ड्राइवर का सुराग नहीं मिल पाया ताे उसने सकरी थाने में जुर्म दर्ज कराया है। अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

अंबिकापुर के सकालो में रहने वाले आलोक कुमार गुप्ता(38) शराब दुकान चलाने वाली प्लेसमेंट कंपनी इगल हंटर के आपरेशन हेड हैं। वे पांच दिसंबर की रात 10 बजे के करीब रायपुर से अंबिकापुर जाने के लिए निकले थे। उन्होंने बताया कि सरगुजा में रहने वाले जसविंदर सिंह ने शाम सात बजे शराब दुकान के घटती में जमा कराने के लिए थैले में 30 लाख रुपये दिए थे। रुपयों को उन्होंने अपने ड्राइवर सुमित विश्वास को कार में रखने के लिए दिए। इसके बाद वे अंबिकापुर के लिए निकल गए। रात करीब एक बजे वे सकरी के पास पेशाब करने के लिए रुके। वे कार से उतरकर सड़क किनारे गए। इसी बीच ड्राइवर रुपयों भरा थैला और कार लेकर भाग निकला। ड्राइवर की इस हरकत की जानकारी उन्होंने अपने दोस्त सावन गोयल और आयुष अग्रवाल को दी। दोनों रायपुर से सूरजपुर के लिए निकले थे। वे आलोक से रास्ते में मिले। इसके बाद वे ड्राइवर की तलाश करते हुए ग्राम सकालो चले गए। ड्राइवर के नहीं मिलने पर उन्होंने सकरी थाने में शिकायत की है।

कंपनी के अधिकारी ने पुलिस को बताया है कि वह चार दिनों तक ड्राइवर की तलाश कर रहा था। जब ड्राइवर नहीं मिला तब सकरी थाने में शिकायत की है। इसके बाद चर्चा है कि जब मालिक को रास्ते में छोड़कर ड्राइवर रुपयों और कार समेत फरार हो गया तो तत्काल इसकी सूचना थाने में क्यों नहीं दी गई। चार दिनों तक ड्राइवर का इंतजार क्यों किया जाता रहा। रकम को कंपनी या सरकारी खाते में सीधे जमा क्यों नहीं कराया गया। इन सब सवालों के जवाब पुलिस को नहीं मिले हैं।

पुलिस का गोलमोल जवाब

इधर पुलिस भी इस मामले में गोलमोल बातें कह रही है। पहले तो पीड़ित ही पुलिस के पास नहीं पहुंचा था। जब वह थाने पहुंचा तो घटना स्थल क्लीयर नहीं होने की बात कही गई। पीड़ित को यह पता नहीं था कि उसे किस जगह पर ड्राइवर छोड़कर भागा था। जब उन्हें जगह की क्लीयर नहीं थी वे अपने दोस्तों को कहां पर बुलाए। इसके बाद उनके दोस्तों को भी नहीं पता कि वे आलोक से किस जगह पर मिले। पुलिस ने पूछताछ के बाद सकरी थाने में जुर्म दर्ज किया है।

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