क्रिकेट डिप्लोमेसीः भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली को जन्मदिन की बधाई देने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता पहुंंची गुलदस्ता लेकर उनके घर, निकाले जाने लगे सियासी मायने

Update: 2021-07-08 08:08 GMT

0 जन्मदिन पर घर जाकर क्या दादा को गुलदस्ता देकर दीदी उन्हें राजनीतिक पिच पर ‘बोल्ड’ कर पाएंगी?

कोलकाता, 8 जुलाई 2021। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व बीसीसीआइ के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली के 49वें जन्मदिन पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को उनके घर जाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। हालांकि थोड़ी देर मुलाकात के बाद वह वापस लौट गईं। सूत्रों के अनुसार ममता बनर्जी को सौरव गांगुली ने एक साड़ी भी भेट की है। वहीं इस मुलाकात के बाद सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।

 

 

ममता और सौरव गांगुली की इस मुलाकात को बेहद महत्‍वपूर्ण बताया जा रहा है। हाल ही में हुए बंगाल चुनावों में बीजेपी सौरव गांगुली को अपनी पार्टी में शामिल करने के प्रयास में थी। उस समय गांगुली ने राजनीति के मैदान में उतरने से साफ इन्‍कार कर दिया था। बीजेपी की इच्‍छा थी कि सौरव गांगुली ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ें।

गौरतलब है कि ममता बनर्जी और सौरव गांगुली के बीच बेहद अच्‍छे संबंध हैं। इस साल जनवरी में जब सौरव गांगुली को हार्ट अटैक हुआ था तब ममता उनका हालचाल लेने अस्‍पताल भी गई थीं। सौरव को बंगाल क्रिकेट संघ का अध्‍यक्ष बनाने में ममता की बड़ी भूमिका रही है। बीसीसीआई अध्‍यक्ष बनने के बाद गांगुली ने यह पद छोड़ दिया था।

हालांकि, सौरव गांगुली की ‘ममता दीदी’ से भी नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। यह पहला मौका नहीं है जब ममता बनर्जी और सौरव गांगुली को एक साथ देखने के बाद सियासी कयास लगाए जा रहे हैं। इससे पहले जब जनवरी में सौरव गांगुली को सीने में दर्द की शिकायत हुई थी और वो एंजियोप्लास्टी से गुजरे थे तब उस वक्त भी ममता बनर्जी ने अस्पताल जाकर सौरव और उनकी पत्नी डोना गांगुली से मुलाकात की थी। विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी शिकस्त देकर ममता बनर्जी तीसरी बार बंगाल की सीएम बनी हैं।

राजभवन में आयोजित हुए शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित अतिथियों में सौरव गांगुली का भी नाम शामिल था। सौरव गांगुली उस शपथ समारोह में शामिल भी हुए थे। सौरव गांगुली का ममता बनर्जी से काफी पुराना संपर्क रहा है। ममता बनर्जी सौरव गांगुली को अकादमी बनाने के लिए न्यूटाउन में जमीन भी आवंटित की थी, हालांकि बाद में उन्होंने वह जमीन वापस कर दी थी। बहरहाल क्या सौरव गांगुली तृणमूल कांग्रेस के साथ जाएंगे या नहीं? अभी इस सवाल पर पूर्व कप्तान की तरफ से कुछ भी नहीं कहा गया है लेकिन राजनीति में अलग-अलग तस्वीरों के मायने भी अलग-अलग लगाए जाते हैं।

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