Atal Innovation Mission: देश में बिजनेस कल्चर और इनोवेशन को बढ़ावा देना लक्ष्य, एंटरप्रेन्योरशिप के लिए तैयार करता है ईको सिस्टम, जानें योजना में किन क्षेत्रों पर फोकस..

अटल इनोवेशन मिशन (AIM) केंद्र सरकार की योजना है। इसकी शुरुआत 26 अप्रैल 2018 को हुई थी। इसका उद्देश्य पूरे देश में व्यवसाय और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना है। आइए जानते हैं योजना की खास बातें...

Update: 2024-08-01 09:18 GMT

रायपुर, एनपीजी न्यूज। अटल इनोवेशन मिशन (AIM) केंद्र सरकार की योजना है। इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी। इसका उद्देश्य पूरे देश में व्यवसाय और नवाचार की संस्कृति (Culture of business and innovation) को बढ़ावा देना है। अटल इनोवेशन मिशन भविष्य के वर्षों के लिए Entrepreneurship की जरूरतों को बढ़ावा देने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI) आयोग द्वारा सेटअप किया गया है। 

AIM अलग-अलग स्तरों पर एंटरप्रेन्योरशिप के एक ईको सिस्टम की स्थापना और विकास के लिए काम करता है, जिसमें SME, MSME, कॉर्पोरेट, NGO, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और विज्ञान और इंजीनियरिंग संस्थान शामिल हैं। AIM ने स्टार्ट-अप, SME और माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लघु व्यवसाय नवाचार अनुसंधान और विकास (SBIR) को स्थापित करने और बढ़ावा देने की योजना बनाई है।


अटल इनोवेशन मिशन की 5 मुख्य एक्टिविटीज

  • अटल टिंकरिंग लैब्स
  • अटल इनक्यूबेशन सेंटर
  • अटल न्यू इंडिया चैलेन्जेस
  • मेंटर इंडिया अभियान
  • अटल कम्यूनिटी इनोवेशन सेंटर

अटल टिंकरिंग लैब्स- भारतीय स्कूलों में समस्या समाधान की मानसिकता विकसित करने को लेकर है।

अटल इनक्यूबेशन सेंटर- विश्व स्तर पर स्टार्टअप को बढ़ावा देना और इनक्यूबेटर मॉडल में एक नया आयाम जोड़ना।

अटल न्यू इंडिया चैलेंज- उत्पाद नवाचारों को बढ़ावा देना और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों/मंत्रालयों की ज़रूरतों के अनुरूप बनाना।

मेंटर इंडिया कैंपेन- मिशन की सभी पहलों का समर्थन करने के लिए ये सार्वजनिक क्षेत्र, कॉरपोरेट्स और संस्थानों के सहयोग से शुरू किया गया एक राष्ट्रीय मेंटर नेटवर्क है।

अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर- टियर-2 और टियर-3 शहरों सहित देश के असेवित क्षेत्रों में समुदाय केंद्रित नवाचार और विचारों को प्रोत्साहित करना।

लघु उद्यमों हेतु अटल अनुसंधान और नवाचार (ARISE)- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों में नवाचार और अनुसंधान (Innovation and Research) को प्रोत्साहित करना।

अब विस्तार से समझते हैं इन 5 पहलों को जो अटल इनोवेशन मिशन के तहत किए गए हैं-

अटल टिंकरिंग लैब्स (ATLs)- भारत में करीब 10 लाख बच्चों को नवीन अन्वेषक के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से अटल इनोवेशन मिशन स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब (ATL) स्थापित कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य युवा मन में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ावा देना है और उनमें डिजाइन मानसिकता, कम्प्यूटेशनल सोच, अनुकूल शिक्षा, भौतिक कंप्यूटिंग जैसे कौशल विकसित करना है।

ATL विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) की अवधारणाओं को सीखने और समझने के लिए बच्चों को उपकरण (Equipment) मुहैया कराता है। ATL इलेक्ट्रॉनिक्स, सेंसर, 3 डी प्रिंटर और कंप्यूटर सहित विभिन्न विषयों पर किट और Equipments भी देता है।

अटल टिंकरिंग लैब्स उन स्कूलों में स्थापित की जाती हैं, जो सरकार, स्थानीय निकाय, समाज, निजी ट्रस्ट द्वारा मैनेज किए जाते हैं। इन स्कूलों का छठवीं कक्षा से लेकर 10वीं कक्षा तक होना जरूरी है। अटल इनोवेशन मिशन हरेक स्कूल को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देते हैं। इसमें 10 लाख रुपए की एक बार की स्थापना लागत शामिल है, वहीं बाकी के 10 लाख रुपए 5 साल की अवधि के लिए हैं। एक तरह से अटल टिंकरिंग लैब्स भारतीय स्कूलों में समस्या समाधान की मानसिकता विकसित करने को लेकर है।

अटल इनक्यूबेशन सेंटर (AIC)

AIM अटल इनक्यूबेशन सेंटर (AIC) का समर्थन करता है, जो स्टार्ट अप उद्यमों को और अधिक स्थिर, कुशल और टिकाऊ बनाने में मदद करता है। AIM उद्यमशीलता स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहित करता है। मिशन सफल आवेदकों के लिए ग्रीनफील्ड इन्क्यूबेटरों की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपए तक की मदद देता है। इससे कृषि, शिक्षा, विनिर्माण, जल, ऊर्जा, स्वास्थ्य, परिवहन और स्वच्छता सहित विभिन्न विषय विशिष्ट क्षेत्रों में अटल इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जाती है।

योग्यता

अटल इनक्यूबेशन सेंटर का इस्तेमाल करने के लिए आवेदक को AIM को कम से कम 10,000 वर्ग फुट का रेडी-टू-यूज और बिल्ट-अप स्पेस उपलब्ध कराना होगा। अटल इनक्यूबेशन सेंटर व्यक्तियों, Business Accelerator, कॉर्पोरेट क्षेत्र, उच्च शिक्षण संस्थानों, आर एंड डी संस्थानों द्वारा लागू किया जा सकता है।

अटल न्यू इंडिया चैलेंज (ANIC) के बारे में जानें

इसका मकसद उत्पाद नवाचारों को बढ़ावा देना और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों या मंत्रालयों की जरूरतों के अनुरूप बनाना है।अटल इनोवेशन मिशन का उद्देश्य ऊर्जा, पानी, आवास, स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्रों में नए विचारों को प्रोत्साहित करना है।

ANIC MSME और स्टार्ट-अप से प्रौद्योगिकियों और प्रोडक्ट्स के लिए तंत्र और संरचना विकसित करता है। ANIC सामाजिक कारणों के लिए मौजूदा तकनीकों से प्रोडक्ट्स के निर्माण में मदद करता है। ANIC के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कृषि, गतिशीलता, स्वास्थ्य, शिक्षा, रेलवे, जल और स्वच्छता, खाद्य प्रसंस्करण, विद्युत गतिशीलता, आवास और शक्ति और ऊर्जा शामिल हैं।

अटल न्यू इंडिया चैलेंज यानी ANIC इन क्षेत्रों पर भी करती है फोकस

  • सड़क और रेल के लिए फॉग विजन प्रणाली
  • वैकल्पिक ईंधन आधारित परिवहन
  • डिजिटल और ग्रे जल प्रबंधन
  • सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई
  • जलवायु-स्मार्ट कृषि
  • कचरा डिस्पोजल उपकरण
  • तुरंत पोर्टेबल पानी की क्वालिटी टेस्टिंग
  • खाद के लिए ब्लेड को मिलाना
  • रोलिंग स्टॉक का प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस
  • पीने के पानी के स्रोतों को बनाए रखना
  • तकनीकों का उपयोग करके रेल की कमियों की पहचान, भविष्यवाणी और पहचान करने की प्रणाली
  • सार्वजनिक स्थानों पर अपशिष्ट
  • अटल न्यू इंडिया चैलेंज स्कीम के लिए MSME, स्टार्ट-अप, R&D ऑर्गेनाइजेशन, इनोवेटर्स और एकेडमिशियन आवेदन कर सकते हैं।

मेंटर ऑफ चेंज कार्यक्रम के बारे में जानें

अटल इनोवेशन मिशन के पास भारत में ATL और ATC इनक्यूबेटर्स और स्टार्ट-अप्स में छात्रों के लिए पेशेवर समुदाय से मेंटरिंग नेटवर्क है। लगभग 5000 निर्देशक रजिस्टर किए गए हैं और परिचालन ATL के साथ गठबंधन किए गए हैं। प्रतिक्रियाशील निर्देशकों को अधिक प्रयोगशालाओं में से हर हफ्ते कम से कम 1-2 घंटे खर्च करने की जरूरत होती है। मिशन एशिया-प्रशांत, अमेरिका, ब्रिटेन, लैटिन अमेरिका, यूरोप और अफ्रीकी देशों में अन्य देशों में नए संस्थाओं और सिस्टम के साथ भी काम करता है।

अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर के बारे में जानें

अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर राष्ट्र के ऐसे गैर-सेवारत और अवांछनीय क्षेत्रों (Undesirable areas) यानी ऐसे क्षेत्र जो उपेक्षित हैं, उस पर ध्यान केंद्रित करता है। साथ ही जिनमें वर्तमान में स्टार्ट-अप और इनोवेशन ईको सिस्टम नहीं है।

सब्सिडी

AIM ने कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के अनुपालन के बाद 2.5 करोड़ रुपए की फंडिंग दी है।

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