कोरोना से राहत देने वाली खबर: भारत की पहली कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू, इस राज्य में 18 लोगों पर हो रहा परीक्षण…. जानिए

Update: 2020-07-14 15:06 GMT

नई दिल्ली 14 जुलाई 2020। महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ भारत ने अपनी लड़ाई तेज कर दी है, देश की पहली कोविड-19 वैक्सीन COVAXIN का मानव परीक्षण शुरू हो चुका है। ‘कोवैक्सीन’ का ह्यूमन ट्रायल पटना एम्स में 18 वॉलंटियर्स पर किया जाएगा। इस वैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साझा सहयोग से तैयार किया गया है। करीब 10-11 दिन पहले सरकार ने यह कहा था कि देश के 13 बड़े चिकित्सा संस्थानों में इस वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा।

ह्यूमन ट्रायल में देशभर के 14 शहरों से 1500 वॉलंटियर्स शामिल होंगे। इन शहरों में नई दिल्ली, चेन्नई, पटना, कानपुर, गोआ, गोरखपुर, भुवनेश्वर, रोहतक, विशाखापट्नम और हैदराबाद शामिल हैं। 14 शहरों के लिए किट जारी कर दी गई हैं। सैम्पल कलेक्ट करने की ट्रेनिंग दी जा रही है।

बता दें वैक्सीन का एक ट्रायल पटना एम्स में होगा। इसके लिए 18-50 साल के 10 लोगों को शामिल किया गया है। पहले इनका मेडिकल चेकअप होगा। आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक, रिपोर्ट सही मिलने पर वैक्सीन का पहला डोज दिया जाएगा। पहला डोज देने के बाद डॉक्टरों की टीम 2-3 घंटे तक मरीज पर नजर रखेगी, उसके बाद भी घर जाने को कहा जाएगा।

वॉलंटियर को वैक्सीन का दूसरा डोज 14 दिन बाद दिया जाएगा। आईसीएमआर व भारत बायोटेक ने वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए एम्स में 5 विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है। चिकित्साधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि ट्रायल में शामिल होने के लिए फोन नंबर 9471408832 जारी किया गया था जिसपर 50 से ज्यादा लोगों के फोन आए।

भारत बायोटेक ने 29 जून को जारी अपने बयान में कहा था, ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की तरह से अनुमति मिल चुकी है। आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अध्ययन के आंकड़े देश के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DGCI) को भेज दिए गए हैं. वहां से दोनों वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण करने की इजाजत मिल गई है।

डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि इंसानों पर प्राथमिक चरण के टेस्टिंग की इजाजत मिल गई है। दोनों टीकों के लिए टेस्टिंग की तैयारी हो चुकी है और दोनों के लिए करीब 1-1 हजार लोगों पर इसकी क्लिनिकल स्टडी भी हो रही है।

डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में कोरोना वैक्सीन को भारत और चीन की तरफ से बढ़ावा दिया जाएगा। हर वैक्सीन बनाने वाला इस बात से परिचित है. उन्होंने बताया कि 2 स्वदेशी वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. वैक्सीन की जानवरों पर टॉक्सिसिटी स्टडीज सफल रही है. अब इंसानों पर इसकी क्लिनिकल स्टडी चल रही है। एनआईवी पुणे दिन-रात प्री-क्लिनिकल एक्सपेरिमेंट करने के लिए काम कर रहा है। इसमें तेजी बहुत जरूरी है।

डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि रूस ने वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है और उसमें प्रगति दिख रही है। चीन भी त्वरित गति से वैक्सीन बनाने में जुटा हुआ है। इसी तरह ब्रिटेन भी वैक्सीन बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. अमेरिका भी इस संबंध में काम कर रहा है. हम अपनी तरफ से पूरी तेजी से काम कर रहे हैं. इनमें कोई देरी नहीं होनी चाहिए।

Tags:    

Similar News