यह पहली बार हुआ- CG के नक्सल इलाका सुकमा के आदिवासियों ने वर्चुअल मोड में दी गवाही
0.नेशनल लोक अदालत में यह पहली बार हुआ जब बस्तर के नक्सल प्रभावित सुकमा के आदिवासियों ने वर्चुअल मोड से खंडपीठ के सामने अपनी गवाही दी। गवाही के बाद राजीनामा के लिए भी दोनों पक्ष वर्चुअल मोड पर ही अपनी सहमति जताई। खंडपीठ ने राजीनामा करते हुए प्रकरण को निराकृत कर दिया। 0.आठ लाख 84 हजार से अधिक प्रकरणों का हुआ निराकरण,खंडपीठों में चल रही सुनवाई चीफ जस्टिस ने किया वर्चुअल निरीक्षण
बिलासपुर। इस साल के तीसरे नेशनल लोक अदालत में यह पहली बार हुआ जब बस्तर के नक्सल प्रभावित सुकमा के आदिवासियों ने वर्चुअल मोड से खंडपीठ के सामने अपनी गवाही दी। गवाही के बाद राजीनामा के लिए भी दोनों पक्ष वर्चुअल मोड पर ही अपनी सहमति जताई। खंडपीठ ने राजीनामा करते हुए प्रकरण को निराकृत कर दिया।
नेशनल लोक अदालत में यह महत्वपूर्ण रहा है कि सुकमा जिले में बाढ़ के कारण पक्षकार जिला न्यायालय तक नहीं आ पाए। पक्षकारों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोडकर प्रकरणों में राजीनामा के आधार पर निराकरण किया गया। इस वर्ष के तीसरे नेशनल लोक अदालत में आठ लाख 84 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण हुआ। 229 करोड़ रूपए का अवार्ड पारित किया गया। राज्य के सभी 23 जिला एवं सत्र न्यायालयों में सुनवाई हुई। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने वर्चुअल मोड के जरिए सुनवाई का निरीक्षण किया।
वर्चुअल निरीक्षण के दौरान चीफ जस्टिस सिन्हा ने सभी जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीशों व अन्य खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारियों से संवाद व चर्चा कीऔर लोक अदालत की प्रगति का जायजा लिया।
छत्तीसगढ़ राज्य में उच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर न्यायालयों के साथ - साथ राजस्व न्यायालयों में आयोजित नेशनल लोक अदालत में आठ लाख 84 हजार से अधिक मामलों का निराकरण करते हुए 229 करोड़ रूपये से अधिक का अवार्ड पारित किया गया।