Tourist places of Chhattisgarh in monsoon: मानसून में बढ़ जाती है छत्तीसगढ़ के इन झरनों की खूबसूरती, जानिए बारिश में कहां जाएं घूमने

छत्तीसगढ़ पर प्रकृति ने सुंदरता भर-भरकर लुटाई है। यहां के जंगल, पहाड़, झरने और नदियां बरबस ही लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं। अभी बारिश का मौसम है, ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि यहां ऐसे कौन-कौन से झरने हैं, जिनका दीदार आप इस मानसून में कर सकते हैं।

Update: 2024-07-05 13:06 GMT

रायपुर, एनपीजी न्यूज डेस्क। छत्तीसगढ़ पर प्रकृति ने सुंदरता भर-भरकर लुटाई है। यहां के जंगल, पहाड़, झरने और नदियां बरबस ही लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं। यहां वन्यजीवों की भी विभिन्न प्रजातियां रहती हैं। छत्तीसगढ़ की संस्कृति भी लोगों को खूब लुभाती है। अभी बारिश का मौसम है, ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि यहां ऐसे कौन-कौन से झरने हैं, जिनका दीदार आप इस मानसून में कर सकते हैं।

तीरथगढ़ वाटरफॉल

तीरथगढ़ वॉटरफॉल छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में जगदलपुर शहर से लगभग 38 किलोमीटर दूर कांगेर नेशनल पार्क के पास है। कांगेर नदी की सहायक नदी मुनगा और बहार नदी इस खूबसूरत झरने का निर्माण करती है। इसकी ऊंचाई लगभग 300 फीट है और ये छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा जलप्रपात है।


दूधिया दिखाई देता है पानी

ये जलप्रपात पहाड़ी के सीढ़ीनुमा प्राकृतिक संरचनाओं पर गिरता है। इस कारण पानी दूधिया दिखाई देता है, जो देखने में बहुत ही आकर्षक लगता है। इस खूबसूरत झरने के अलावा यहां धार्मिक स्थल भी हैं, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित हैं। आसपास हरे भरे जंगल इस झरने की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। 

हजारों की संख्या में आते हैं पर्यटक

बारिश के मौसम में यहां हजारों की संख्या में सैलानी आते हैं। तीरथगढ़ जलप्रपात बिलासपुर से लगभग 450 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां आप रायपुर, कांकेर, कोंडागांव, जगदलपुर होते हुए पहुंच सकते हैं। 


बस्तर का चित्रकोट जलप्रपात

बस्तर जिले में स्थित चित्रकोट जलप्रपात को देख किसी का भी मन यहां रह जाने को करेगा। ये वॉटरफॉल छोटे-बड़े पहाड़ और घने जंगल से घिरा हुआ है। मानसून में जलस्तर बढ़ जाने से यहां का नजारा और भी खूबसूरत लगने लगता है। आप वॉटरफॉल के आसपास ट्रैकिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

चित्रकोट वॉटरफटल को कहा जाता है भारत का नियाग्रा

घोडे़ की नाल के समान मुख के कारण इस जलप्रपात को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है। इस जलप्रपात की ऊंचाई 90 फुट है। इसका रंग पहर के हिसाब से बदलता रहता है। जगदलपुर से 39 किमी दूर इंद्रावती नदी पर ये जलप्रपात है।


पानी की बूंदें लगती हैं कोहरे जैसी

गोदावरी की सहायक नदी इंद्रावती पर चित्रकोट नाम की जगह पर ये वॉटरफॉल भारत का विशालतम जलप्रपात है। बारिश के मौसम में इसका विस्तार अधिकतम होता है। उस समय इसके पाट की चौड़ाई डेढ़ सौ मीटर तक पहुंच जाती है। इस जगह पर इंद्रावती नदी की जलधारा 90 फीट की ऊंचाई से तेज आवाज के साथ गिरती है। इस विशाल जलराशि के नीचे गिरने से पैदा होने वाली जल की छोटी-छोटी बूंदें आसपास कोहरे जैसा नजारा पैदा करती हैं। सूर्योदय व सूर्यास्त के समय इसकी छटा और निराली लगती है, क्योंकि तब इस पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें इंद्रधनुषी प्रभाव पैदा करती हैं।

तामड़ा घुमर वॉटरफॉल

चित्रकोट के पास स्थित तामड़ा घुमर फॉल्स बेहद खूबसूरत है। यह छत्तीसगढ़ के सबसे अच्छे झरनों में से एक है। मानसून के मौसम में इसकी सुंदरता बेहद निखर जाती है। ये छत्तीसगढ़ में सबसे आकर्षक और शांत स्थानों में से एक है। इस क्षेत्र के चारों ओर मोर की मौजूदगी के कारण यह झरना स्थानीय रूप से मयूर घुमर के रूप में जाना जाता है। यह जगदलपुर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और चित्रकोट के बहुत करीब है। जगदलपुर से एक टैक्सी या बस आपको तामड़ा घुमर जलप्रपात तक ले जाएगी।

चित्रधारा वॉटरफॉल

चित्रधारा जलप्रपात जगदलपुर से चित्रकोट फॉल्स के रास्ते में 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये चित्रकोट फॉल्स के रास्ते में है, इसलिए जगदलपुर से यहां पहुंचने के लिए बसें ली जा सकती हैं या आप जगदलपुर से टैक्सी भी कर सकते हैं।

आसपास के शांत वातावरण के साथ झरने की कलकल आवाज कानों में संगीत घोलती है। यहां का पानी बहुत सफेद है। घने-घने जंगलों और चौड़ी चट्टानों से बहने वाली इंद्रावती नदी चित्रधारा जलप्रपात का स्रोत है। यात्रियों के लिए फॉल्स की यात्रा का सबसे अच्छा मौसम जुलाई से अक्टूबर तक है।

राजपुरी झरना

राजपुरी जलप्रपात छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में बहुत प्रसिद्ध पिकनिक स्थलों में से एक है। राजपुरी वाटरफॉल में काफी मछलियां हैं। यह झरना आदिवासी गांवों से घिरा हुआ है, जिनकी अपनी परंपराएं और रीति-रिवाज हैं, जो इस जगह को एक अलग आकर्षण देते हैं। ये जलप्रपात जशपुर मुख्य से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जशपुर छत्तीसगढ़ के बड़े और छोटे शहरों से सड़कों और राजमार्गों के अच्छे नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 78 जशपुर से होकर गुजरता है।

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