तहसीलदार, RI ट्रांसफरः छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में होंगे तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और आरआई के ट्रांसफर, लिस्ट बनना शुरू
Tehsildar, RI transfer: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव 2024 के आचार संहिता समाप्त होते ही राजस्व विभाग में बड़े स्तर पर तबादले होंगे। बड़े स्तर पर क्यों...पढ़िये नीचे खबर विस्तार से...
Tehsildar, RI transfer रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले करीब ढाई महीने से चल रहे लोकसभा चुनाव 2024 के आचार संहिता की अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 4 जून को काउंटिंग के साथ ही सरकार फिर से एक्शन मोड में आ जाएंगी। राज्य में जनता से जुड़ी अहम घोषणाएं, शिलान्यास, उद्घाटन, टेंडर, सप्लाई, ट्रांसफर, पोस्टिंग के काम प्रारंभ हो जाएंगे।
राजस्व की बड़ी लिस्ट
छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद पुलिस विभाग में डीएसपी से लेकर टीआई तक की ट्रांसफर लिस्ट निकल चुकी है। मगर राजस्व में उस टाईप के ट्रांसफर नहीं हो पाए। आचार संहिता से पहले 40 तहसीलदारों को राजस्व विभाग ने ट्रांसफर किया भी तो सरकारी वकीलों के ढंग से सरकार का बचाव नहीं करने की वजह से उस पर भी हाई कोर्ट से स्टे मिल गया। मगर सरकार अब राजस्व विभाग की बड़ी सर्जरी की तैयारी कर रही है।
लंबे समय से जमे हुए
वरिष्ठ अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अनेक तहसीलों में लंबे समय से कई तहसीलदार, नायब तहसीदार और आरआई जमे हुए हैं। 50 से अधिक ऐसे तहसीलदार, नायब तहसीदार और राजस्व निरीक्षक ऐसे हैं, जिनका दसेक साल से जिला नहीं बदला है और करीब पांच साल से उसी तहसील में टिके हुए हैं। विष्णुदेव सरकार राजस्व विभाग के ऐसे खटराल मुलाजिमों को लेकर काफी गंभीर है।
100 से उपर नाम
आचार संहिता समाप्त होने से पहले ही सरकार ने अफसरों को राजस्व अमलों के ट्रांसफर के लिए लिस्ट बनाने का निर्देश दे दिया है। खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का मानना है कि राजस्व विभाग के मुलाजिमों से आम आदमी ़सबसे अधिक त्रस्त रहता है। सबसे अधिक किसी विभाग में अगर लूटपाट है तो वह है तहसील और पटवारी लेवल पर। तहसील में तो बिना पैसा दिए पत्ता नहीं हिलता। अफसरों का कहना है कि राजस्व विभाग में सरकार बदलने के बाद ट्रांसफर नहीं हुए हैं, लिहाजा संख्या 100 को क्रॉस कर सकता है।
ताकतवर लॉबी
तहसीदार, नायब तहसीलदार और पटवारी जमीनों से जुड़े काम देखते हैं और सिस्टम के सारे ताकतवर लोग इन दिनों जमीन का ही काम कर रहे हैं। भूमाफियाओं से लेकर अफसर, नेता सभी। ऐसे में, तहसीलों के स्टाफ का उनके साथ गहरा गठजोड़ स्थापित हो जाता है। यही कारण है कि एक पटवारी का भी ट्रांसफर होता है, तो कोहराम मच जाता है। फिर जमीनों में पैसा इतना है कि ट्रांसफर या कोई कार्रवाई होने पर राजस्व विभाग के मुलाजिम सीधे हाई कोर्ट पहुंच जाते हैं। सरकार अब ऐसे मुलाजिमों पर शिकंजा कसने जा रही है।