CG News: स्वदेशी मेले में उमड़ी भारी भीड़, 23 वर्षों की सतत सफलता का प्रमाण
Swadeshi Mela: रायपुर। स्वदेशी मेले में निरंतर उमड़ रही भारी भीड़ इसकी लोकप्रियता और सफलता का सशक्त प्रमाण है। यह मेला केवल 23 वर्षों से आयोजित नहीं हो रहा, बल्कि शहर का लगभग हर नागरिक किसी न किसी रूप में इससे जुड़ा हुआ है। प्रतियोगिताएं, संगोष्ठियां, सामाजिक समागम और प्रतिदिन होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम इस मेले को विशेष बनाते हैं।
Swadeshi Mela: रायपुर। स्वदेशी मेले में निरंतर उमड़ रही भारी भीड़ इसकी लोकप्रियता और सफलता का सशक्त प्रमाण है। यह मेला केवल 23 वर्षों से आयोजित नहीं हो रहा, बल्कि शहर का लगभग हर नागरिक किसी न किसी रूप में इससे जुड़ा हुआ है। प्रतियोगिताएं, संगोष्ठियां, सामाजिक समागम और प्रतिदिन होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम इस मेले को विशेष बनाते हैं।
इस मेले में 4 वर्ष के बच्चों से लेकर 70 वर्ष तक के वरिष्ठ नागरिकों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिल रही है। स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल, झूले और देश के विभिन्न हिस्सों से आए 350 से अधिक स्टॉल लोगों को आकर्षित कर रहे हैं, जिनका वर्ष भर शहरवासियों को इंतजार रहता है
“भारत की सुंदरता, धरोहर और संस्कृति” विषय पर संगोष्ठी
मेले के प्रथम दिन “भारत की सुंदरता, धरोहर और संस्कृति” विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि मा. प्रधानाचार्य डॉ. अनिल तिवारी, मुख्य वक्ता डॉ. एस. एन. शुक्ला, अध्यक्षता चेयरमैन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ मा. सतीश थौरानी जी तथा वाइस चेयरमैन सीए चेतन तरवानी जी ने की।
सह संयोजक जसप्रीत सिंह सलूजा ने जानकारी देते हुए बताया कि वक्ताओं ने विद्यार्थियों को भारत की सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराते हुए उन्हें उद्यमिता (एंटरप्रेन्योरशिप) के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में महिला चैम्बर की अध्यक्ष डॉ. इला गुप्ता, कोषाध्यक्ष नम्रता अग्रवाल, स्वदेशी जागरण मंच के दिग्विजय भाकरे, मंजरी बख्शी, सुमन मुथा, स्वतंत्र कुमार शर्मा सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता, गणमान्य नागरिक तथा दिशा कॉलेज बी.एड. विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
रंगोली प्रतियोगिता में दिखी रचनात्मकता
दोपहर में दो वर्गों (12 वर्ष तक एवं 12 वर्ष से अधिक) में रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें लगभग 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने मोर, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, विकसित भारत और स्वदेशी मेला जैसे विषयों पर आकर्षक रंगोलियां बनाई। निर्णायक मंडल में मनीषा मोटवानी, सिद्धार्थ सोनी एवं पी. सोनाली नायडु शामिल रहे।
स्वदेशी मेले में केरल की सांस्कृतिक झलक
शाम 6 बजे सामाजिक समागम में केरल समाज द्वारा केरल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। पारंपरिक नृत्य, गीत और व्यंजनों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। थिरुवाथिरा कली, कैकोट्टिकली जैसे पारंपरिक नृत्यों के साथ मलयालम लोकगीतों की मधुर धुनों ने वातावरण को सांस्कृतिक रंगों से भर दिया।
केरल व्यंजन स्टॉल पर परिप्पु वड़ा, पदमपोरी, विभिन्न प्रकार के दोसे, केला चिप्स, हलवा, केक एवं शुद्ध शाकाहारी पारंपरिक व्यंजन उपलब्ध रहे, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा। इस अवसर पर केरल समाज अध्यक्ष विनोद पिल्लई, सचिव विज्जू फिलीप एवं कोषाध्यक्ष सजित नायर को मंच पर सम्मानित किया गया।
रात्रि में समूह नृत्य प्रतियोगिता
रात्रि में आयोजित समूह नृत्य प्रतियोगिता में लगभग 30 समूहों ने भाग लिया। छत्तीसगढ़ी, पंजाबी, राजस्थानी, पंथी, कर्मा नृत्य एवं ओड़िसा की महिषासुरमर्दिनी जैसी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। निर्णायक दीपेश होस्करे एवं मानसी पटेल रहे।
आज के कार्यक्रम
24 दिसंबर को मेला दोपहर 4:30 बजे से प्रारंभ होगा। दोपहर में “बेस्ट ऑफ बेस्ट” सामाजिक समागम तथा शाम 7 बजे आंध्र समाज की प्रस्तुति होगी। इसी दिन सुप्रसिद्ध गायक, कलाकार एवं सांसद मनोज तिवारी, बृजमोहन अग्रवाल एवं रामविचार नेताम भी शाम 6 बजे तक मेले में उपस्थित रहेंगे।