Sudarshan Prerna Manch: सुदर्शन प्रेरणा मंच के बैनर तले कार्यक्रम का आयोजन, भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ गुरु प्रकाश ने कहा- भारत में विघटनकारी संस्थाएं समाज में भ्रम फैलाने का कर रहे हैं काम
Sudarshan Prerna Manch: Social Equity: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ गुरु प्रकाश ने कहा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सर्वोदय, डा आंबेडकर ने ज्ञानोदय, राम मनोहर लोहिया ने अभ्युदय और पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योतय की बात कही। डा गुरु प्रकाश श्री सुदर्शन प्रेरणा मंच के बैनर तले आयोजित परिचर्चा में शामिल होने बिलासपुर आए थे। उन्होंने सामाजिक समरसता पर खुलकर अपनी बात कही। प्रार्थना सभा भवन में शहरवासियों की भारी भीड़ के बीच सामाजिक समरसता को लेकर बेबाकी ढंग से अपने विचार को रखा। जब तक वे बोलते रहे पूरे हाल में सन्नाटा पसरा रहा। जैसे ही उन्होंने अपनी समाप्त की,हाल तालियों की गड़गड़गाहट से देर तक गूंजते रहा।
Sudarshan Prerna Manch: बिलासपुर। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ गुरु प्रकाश ने कहा, छत्तीसगढ़ सामाजिक समरसता की पुण्य भूमि है। यहां सतनाम, कबीर और रामनमी पंथ समाज में समरसता का भाव पैदा करती है। एक कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि समाज में दुर्बलताएं रही हैं। बाला साहब देवरस ने कहा था, जो शास्त्र समान में भेदभाव पैदा करता है, ऐसे शास्त्रों को नकार देना चाहिए।
श्री सुदर्शन प्रेरणा मंच के बैनर तले प्रार्थना भवन में सामाजिक समरसता विषय पर राष्ट्रीय व्याख्यान का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में उपस्थित शहरवासियों को संबोधित करते हुए डॉ गुरु प्रकाश ने कहा कि भारत में विघटनकारी संस्थाएं हैं जो समाज में दुर्भावना और भ्रम फैला रहे हैं। जानबूझकर डॉ आंबेडकर के राष्ट्रवादी विचार को नजर अंदाज किया गया है। डॉ आंबेडकर ने भारत को विश्व में सांस्कृतिक राष्ट्रमंडल बनाने की बात कही थी क्योंकि वे भारत की सांस्कृतिक एकता को स्वीकार करते थे।
विदेशी विचारक सिग्मंड, डार्विन और एडम स्मिथ ने दुनिया भर में एक उपभोक्तावादी विचार पर जोर देते हैं, इससे समाज में दुख का अनुभव होता है। जबकि भारत में गांधी, आंबेडकर, लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय का विचार भारतीयता का विचार करता है, समाज में समता और समरसता का विचार करता है। गांधी जी ने सर्वोदय की बात की, आंबेडकर ने ज्ञानोदय की बात की, लोहिया ने अभ्युदय और दीनदयाल ने अंत्योदय की बात कही।
तटस्थ रहने से काम नही चलेगा, जवाब देना होगा
डॉ गुरु प्रकाश ने कहा, भारत विरोधी शक्तियां संसाधन से युक्त हैं इसलिए अब तटस्थ होने से काम नहीं चलेगा, जवाब देना होगा। भारत में तीन बड़े ग्रन्थ रामायण, महाभारत और संविधान के रचने वाले दलित और वंचित समाज से आते हैं जिन्हें पूरे देश ने स्वीकार किया। देश की कला, संस्कृति और उत्पादन में समाज के पिछड़े समाज की मुख्य भूमिका है। समाज के पर्व और संस्कारों में सभी समाज की भूमिका होती है। जाति यथार्थ है, जातिवाद व्यर्थ है और हिंदू समर्थ है।
भारत के मूल में सामाजिक समरसता- अरुण साव
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, भारत के मूल में सामाजिक समरसता है, विदेशी शासन के षड्यंत्रों के चलते भारत के समाज के बीच बंटवारे की भावना पैदा करने प्रयास किया। आज भी छत्तीसगढ़ के गांव में कोई भेदभाव दिखाई नहीं देता। सभी माताएं किसी की काकी, दाई, बाहिनी मानते हैं। सुदर्शन जी को स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने देश में हजारों लाखों राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी की है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने कहा, सुदर्शन जी ने संघ मेंं कई आयाम को जोड़े थे जिसमें प्रज्ञा प्रवाह महत्वपूर्ण है। उनका व्यक्तित्व बड़ा विराट था, उनकी भाषाई विद्वता अद्भुत थी, अनेक भाषाओं का ज्ञान था। वे भाषाई शुद्धता का भी विशेष ध्यान रखते थे।
आरएसएस के पांचवे सर संघचालक की स्मृति में आयोजित होता है कार्यक्रम
संयाजक डॉ प्रफुल्ल शर्मा ने बताया कि श्री सुदर्शन प्रेरणा मंच बीते 11 वर्षों से राष्ट्रीय व्याख्यान का आयोजन करते आ रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पंचम सरसंघचालक सुदर्शन जी का छत्तीसगढ़ से गहरा लगाव था। उनका जन्म रायपुर में हुआ, इसी धरती पर उन्होंने अपने प्रचारक जीवन को आरंभ किया। कार्यक्रम का संचालन संदीप गुप्ता ने किया, मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर कार्यवाह प्रदीप शर्मा उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन राजीव अग्रवाल ने किया।