सियोल से समीक्षा: प्रभारी सचिवों को जिलों में जाने का आदेश, CM विष्णुदेव ने बस्तर की बाढ़ पर विदेश से की कलेक्टर्स, कमिश्नर की वीडियो कांफ्रेंसिंग...
बस्तर में खासकर दंतेवाड़ा की बाढ़ से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय चिंतित है। उन्होंने सियोल से आज अफसरों की वीडियो कांफ्रेंसिंग कर अफसरों से कहा कि आम आदमी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने प्रभारी सचिवों को जिलों का दौरा करने का आदेश दिया।
रायपुर। नौ दिवसीय विदेश प्रवास के आखिरी पड़ाव में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस समय अफसरों के साथ दक्षिण कोरिया में हैं। उन्हें पता चला कि बस्तर संभाग के दंतेवा़ड़ा में बाढ़ से स्थिति काफी खराब है तो उन्होंने आज सियोल से ही अफसरों की वीडियोकांफ्रेंसिंग की।
आज सुबह राजस्व सचिव रीना बाबा कंगाले ने आईएएस ग्रुप में सीएम की वीडियोकांफ्रेंसिंग की खबर डाली। इसमें पीडब्लूडी और उर्जा सचिव के साथ ही कलेक्टर बीजापुर, बस्तर, दंतेवाड़ा और सुकमा को कनेक्ट होने कहा था। ठीक 12 बजे वीडियोकांफ्रेंसिंग शुरू हुई। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों से बात की। खासतौर, दंतेवाड़ा में बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कलेक्टर कुणाल दुदावत से वहां का पूरा ब्यौरा प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने चारों कलेक्टरों से कहा कि लोगों को कोई कठिनाई न हो, उन्हें अहसास हो कि विषम हालात में प्रशासन उनके साथ खड़ा है। सीएम ने इन चार जिलों के प्रभारी सचिवों को अपने जिलों का दौरा करने का निर्देश दिया।
43 शिविरों में 2,196 लोग सुरक्षित ठहराए गए
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि राहत शिविरों में ठहरे सभी लोगों को भोजन, चिकित्सा सुविधा और आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने प्रशासन को बाढ़ से प्रभावित गाँवों तक तुरंत सहायता पहुँचाने और आपदा नियंत्रण कक्षों से स्थिति की निगरानी करने के आदेश दिए।
उल्लेखनीय है कि लगातार हो रही बारिश से प्रदेश के चार जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, 26 और 27 अगस्त को सबसे अधिक वर्षा दंतेवाड़ा जिले में दर्ज की गई, जहाँ क्रमशः 93.7 मिमी और 118.4 मिमी बारिश हुई। सुकमा में 35 से 109.3 मिमी, बीजापुर में 34.9 से 50.2 मिमी तथा बस्तर में 67.3 से 121.3 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई जिससे 25 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
राजस्व सचिव एवं आपदा राहत आयुक्त श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने जानकारी दी कि प्रभावित लोगों के लिए 4 जिलों में कुल 43 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें दंतेवाड़ा जिले से 1,116, सुकमा से 790, बीजापुर से 120 और बस्तर से 170 , इस प्रकार कुल 2,196 प्रभावितों को राहत शिविर में ठहराया गया है। बाढ़ से अब तक 5 जनहानि, 17 पशुधन हानि, 165 मकानों को आंशिक और 86 मकानों को पूर्ण क्षति की सूचना मिली है। सभी जिलों में नगर सेना एवं एस.डी.आर.आफ के द्वारा राहत बचाव कार्य किया जा रहा है एवं राहत शिविर में ठहराये गये लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग जिलों से बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सतत संपर्क बनाये हुए है एवं आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। जिला सुकमा में आपदा मित्रों के द्वारा बाढ़ की स्थिति से निपटने हेतु जिला प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जनहानि और नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रभावित परिवारों को त्वरित सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी और पुनर्वास कार्य प्राथमिकता पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन और राहत दल लगातार सक्रिय रहें, हर जरूरतमंद तक तुरंत मदद पहुँचे और राहत सामग्री समय पर मिले।
मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों से अपील की कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी आवश्यकता की स्थिति में तुरंत स्थानीय नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि प्रशासन और जनता के सामूहिक सहयोग से हम इस आपदा पर शीघ्र काबू पाएंगे और प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जीवन जल्द बहाल होगा।