SIR Voter List Revision: छत्तीसगढ़ समेत 12 राज्यों में मतदाता सूचियों का SIR आज से शुरू, 51 करोड़ मतदाता दायरे में, पढ़ें क्या है SIR प्रक्रिया और क्यों है यह अहम?
SIR Voter List Revision: चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू की। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश समेत राज्यों में BLO घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे। अंतिम सूची 7 फरवरी 2026 को जारी होगी।
रायपुर। छत्तीसगढ़ समेत देश के 12 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मंगलवार से मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ECI के मुताबिक SIR का मकसद हर योग्य नागरिक को मतदाता सूची में शामिल करना और अयोग्य या दोहराए गए नामों को हटाना है। दूसरे फेज की यह प्रक्रिया 7 फरवरी 2026 तक पूरी की जाएगी जब अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, गोवा, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार द्वीप, लक्षद्वीप और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में यह अभियान चलाया जा रहा है। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 51 करोड़ मतदाता शामिल हैं।
बीएलओ घर-घर पहुंचेंगे
चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार 3 नवंबर तक एसआईआर के फॉर्म और दस्तावेजों की प्रिंटिंग होगी। इसके बाद सभी विधानसभा क्षेत्रों के बीएलओ (Booth Level Officers) को ट्रेनिंग दी जाएगी। 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करेंगे और फॉर्म भरवाएंगे।
छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार ने मीडिया को बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 2 करोड़ 12 लाख 30 हजार मतदाता हैं। राज्य में 24,371 मतदान केंद्र हैं और 38,338 राजनीतिक दलों के एजेंट इस प्रक्रिया से जुड़े हैं। यशवंत कुमार ने कहा कि हमने पहले ही तैयारी कर ली थी जिससे 71 प्रतिशत मतदाताओं के नाम पुराने और नए रिकार्ड से मिलान हो चुके हैं। BLO के फील्ड सत्यापन से यह रेश्यो 25 परसेंट और बढ़ेगा।
9 दिसंबर से दावे-आपत्तियां, फरवरी में अंतिम सूची
एक महीने के फील्ड सत्यापन के बाद 9 दिसंबर से 9 जनवरी तक मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां मंगाई जाएंगी। 9 दिसंबर से 31 जनवरी तक इन पर सुनवाई होगी और आखिरकार 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची पब्लिश की जाएगी।
SIR क्यों है अहम?
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि एसआईआर का उद्देश्य है कि कोई भी योग्य मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अयोग्य व्यक्ति सूची में शामिल न हो। उन्होंने बताया कि कई राज्यों में पिछला गहन पुनरीक्षण 2002 से 2004 के बीच हुआ था, इसलिए यह अपडेट बेहद ज़रूरी है।
तमिलनाडु में पूरी नई मतदाता सूची बनेगी, बंगाल में राजनीतिक टकराव
मद्रास हाई कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु में इस बार पूरी नई मतदाता सूची बनाई जाएगी क्योंकि राज्य में 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज कोलकाता में इस प्रक्रिया के खिलाफ मार्च करेंगी, जबकि भाजपा के नेता सुवेंदु अधिकारी उत्तर 24 परगना में घुसपैठियों को हटाने के समर्थन में जुलूस निकालेंगे।