SCR: स्टेट कैपिटल रीजन में रायपुर समेत इन 5 जिलों को किया जाएगा शामिल! हैदराबाद, मुंबई के बाद देश का तीसरा SCR होगा छत्तीसगढ़ में...
SCR: विधानसभा के मानसून सत्र में स्टेट कैपिटल रीजन विधेयक पास हो गया। बिल पास होने के बाद राज्य सरकार ने एससीआर बनाने की तैयारी तेज कर दी है। छत्तीसगढ़ के एससीआर में रायपुर समेत पांच जिलों को शामिल किए जाएंगे। मगर किस जिले के किस-किस हिस्से को शामिल करना है, यह अभी तय किया जाएगा। बहरहाल, बता दें छत्तीसगढ़ देश का तीसरा राज्य बन गया है, जहां एससीआर का बिल पास हो गया है। भोपाल और लखनउ का अभी बिल बनाने के प्रॉसेज में है।
SCR: रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद अब तक का यह सबसे बड़ा बिल होगा, जिसमें 56 क्लॉज बनाए गए हैं। स्टेट कैपिटल रीजन का बिल तैयार करने में छह-से-सात महीने का वक्त लगा। आवास पर्यावरण विभाग के सिकरेट्री अंकित आनंद, एनआरडीए के पूर्व और वर्तमान सीईओ सौरभ कुमार, चंदन कुमार दिन रात लगे रहे। तब जाकर यह बिल तैयार हुआ। दरअसल, रायपुर के साथ पांच जिले इस कैपिटल रीजन में शामिल किए जाएंगे, इसलिए पूरी जिम्मेदारी के साथ इसे विधेयक के शक्ल में पहुंचाया गया। आवास और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी के समक्ष कई दौर में प्रेजेंटेशन हुआ। ओपी से ओके होने के बाद फिर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष बिल का प्रस्तुतिकरण दिया गया। हरी झंडी मिलने के बाद फिर आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने इस बिल को मानसून सत्र में पटल पर रखा और पास कराया गया।
नोटिफिकेशन जारी होगा
अभी एससीआर का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है, इसलिए अभी आवास और पर्यावरण तथा एनआरडीए स्तर पर एससीआर के काम आगे बढ़ाए जा रहे हैं। नोटिकिकेशन के बाद एससीआर रुल्स बनाए जाएंगे। रूल्स बनने तक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमों के तहत काम होंगे। जब एससीआर का अपना रुल्स बन जाएगा, तब चिन्हित इलाकों में फिर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग वहां काम नहीं करेगा। फिर एससीआर के नियम प्रभावी हो जाएंगे।
एनआरडीएस से अलग होगा एससीआर
जाहिर है, एनआरडीए का गठन नवा रायपुर के विकास के लिए किया गया है। एनआरडीए का कार्यक्षेत्र सिफ नवा रायपुर एरिया है। इसके बाद एनआरडीए वर्क नहीं कर सकता। दिसंबर 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद नवा रायपुर से दुर्ग और राजनांदगांव के बीच मेट्रो ट्रेन चलाने की चर्चा शुरू हुई तो विषय आया कि नवा रायपुर विकास प्राधिकरण का कार्यक्षेत्र नवा रायपुर है तो फिर वह बाकी जिलों में काम कैसे करेगा। इसके बाद फिर आवास पर्यावरण विभाग ने एससीआर बनाने का सुझाव दिया। सरकार में इस पर कई दौर की बातचीत हुई। फिर विधानसभा में बिल पास किया गया।
एससीआर में ये पांच जिले?
हालांकि, स्टेट कैपिटल रीजन में आने वाले जिलों का खुलासा अभी नहीं किया गया है। रायपुर और दुर्ग तो रहेगा ही, फिर राजनांदगांव को मेडिकल हब बनाने की तैयारी चल रही है, इससे लगता है राजनांदगांव भी एससीआर में जुड़ेगा। इसके अलावा महासमुंद और धमतरी के कुछ हिस्से लिए जाएंगे। जाहिर है, महासमुंद जिले का आरंग और धमतरी का कुरूद नवा रायपुर से ज्यादा दूर नहीं है।
इकोनॉमिक मास्टर प्लान
अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि एससीआर के रुल्स बनाने के बाद जिन इलाकों को एससीआर में शामिल करना है, वहां का इकोनॉमिक मास्टर प्लान बनाया जाएगा। इसके लिए एजेंसी हायर किया जाएगा। इससे पहले एससीआर का एरिया डिसाइड किया जाएगा। याने कैपिटल रीजन में किस जिले का कौन-कौन सा हिस्सा शामिल किया जाए।
विकास को गति
स्टेट कैपिटल रीजन बनने के बाद छत्तीसगढ़ के बजट में इन इलाके में विकास के लिए अलग से राशि का प्रावधान किए ही जाएंगे, भारत सरकार से भी पैसे मिलेंगे। इकोनॉमी मास्टर प्लान के बाद इनमें मोबिलिटी प्लान बनेगा। इसमें कनेक्टिविटी के लिए मेट्रो से लेकर नई सड़कें, रिंग रोड, इंडस्ट्रियल एरिया, एजुकेशन जोन जैसी चीजें डेवलप की जाएंगी।
देश का तीसरा राज्य
देश में सबसे पहले दिल्ली में एनसीआर बना था। मगर इसमें सिर्फ दिल्ली नहीं बल्कि दूसरे राज्यों को भी शामिल किया गया। मसलन, यूपी, राजस्थान, हरियाणा जैसे राज्य शामिल हैं। इसी तर्ज पर हैदराबाद और मुंबई में स्टेट कैपिटल रीजन बनाया गया। इसके बाद छत्तीसगढ़ देश का तीसरा राज्य होगा, जहां एससीआर बन रहा है।