PM Narendra Modi in Chhattisgarh Vidhansabha: सियासत में क्रिकेटः PM मोदी ने क्रिकेट के कैप्टन और प्लेयर से की डॉ0 रमन सिंह की तुलना, सबके चेहरे पर मुस्कुराहट तैर गई, रमन ने हाथ जोड़ा
PM Narendra Modi in Chhattisgarh Vidhansabha: रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए विधानसभा भवन का लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह की राजनीति में कर्मठता,कर्त्तव्यपरायणता और कार्यकर्ता के रूप में उनके कामकाज की जमकर तारीफ की। पढ़िए पूरा अपडेट..
PM Narendra Modi in Chhattisgarh Vidhansabha: रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए विधानसभा भवन का लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह की राजनीति में कर्मठता,कर्त्तव्यपरायणता और कार्यकर्ता के रूप में उनके कामकाज की जमकर तारीफ की। सियासत और क्रिकेट को जोड़कर रमन सिंह की ना केवल तुलना की वरन उनके कामकाज के तरीके और पार्टी के प्रति समर्पण भाव की खुलेमन से प्रशंसा की। पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा और यहांं के निवासियों के लिए गौरव की बात है कि अनुभवी व्यक्ति विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हैं। रमन सिंह का जिक्र करने के साथ ही क्रिकेट उदाहरण देते हुए डा रमन के त्याग की तुलना है। पीएम बोले क्रिकेट में आप देखते हैं जो कभी कैप्टन रहता है वह टीम में एक खिलाड़ी के रूप में खेलते दिखाई देता है। यह क्रिकेट में ही होता है। सियासत में नहीं। सियासत में ऐसा उदाहरण देखने को नहीं मिलता। राजनीति में यह मिसाल डा रमन सिंह ने स्थापित की है। छत्तीसगढ़ की सेवा,समर्पण और कर्तव्यतपरायणता का एक उदाहरण उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता और कार्यकर्ताओं के बीच पेश किया है। छत्तीसढ़ की सेवा के लिए समर्पित एक ऐसे कार्यकर्ता जिन्होंने राजनीति में एक उदाहरण पेश किया है। यह भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणादायी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा के लिए आज का दिन एक स्वर्णिम शुरुआत का दिन है। मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर सुखद और अहम दिन है। मेरा कई दशकों से इस भूमि से आत्मीय नाता रहा है। एक कार्यकर्ता के रूप में, छग में बहुत समय बिताया,बहुत कुछ सीखने को मिला। मेरे जीवन को गढ़ने में यहां के लोग और यहां की पवित्र माटी का बड़ा योगदान रहा है। छत्तीसगढ़ की परिकल्पना उसके निर्माण का संकल्पना,हर एक क्षण का मैं साक्षी रहा हूं। आज छग 25 वर्षों की यात्रा का अहम पड़ाव पर पहुंचा है। मुझे इस क्षण का सहभागी बनने का अवसर मिला है। इस नई विधानसभा के लोकार्पण का सौभाग्य मिला है। छत्तीसगढ़वासियों को, राज्य सरकार काे इस अवसर पर शुभकामनाएं व बधाई देता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि 2025 का यह वर्ष भारतीय गणराज्य का अमृत वर्ष है। 75 साल पहले अपना संविधान देशवासियों को समर्पित किया था। संविधान निर्माण में छत्तीसगढ़ के प्रमुख मनीषियों की चर्चा करते हुए पीएम माेदी ने कहा कि
छत्तीसगढ़ के रविशंकर शुक्ला बैरिस्ट घनश्याम गुप्ता, किशोरी जैसे मनीषियों का मनन करते हुए श्रद्धांजलि देता हूं।
काफी पिछड़े रहे इस क्षेत्र से दिल्ली पहुंचकर इन विभूतियों ने बाबा साहेब के नेतृत्व में संविधान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
नए विधानसभा भवन केवल एक इमारत नहीं,जनगौरव
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह केवल एक इमारत का समारोह नहीं बल्कि 25 जनगौरव का उत्सव बन गया है। गौरवशाली क्षण में मैं उन महापुरुष को नमन करता हूं जिनकी दूरदृष्टि और करुणा ने छग का निर्माण हुआ है । वे महापुरुष हैं भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटलजी।
राज्य निर्माण का निर्णय विकास की नई राह खोलने, छग की आत्मा को पहचान दिलाने का निर्णय था। भव्य विधानसभा के साथ-साथ अटलजी की प्रतिमा का भी अनावरण हुआ है। अटलजी को स्मरण करते हुए पीएम मोदी भावुक हो उठे थे। उन्होंने कहा, अटलजी देखिए आपका सपना साकार हो रहा है। आपका बनाया हुआ छग आज आत्मविश्वास से भरा है विकास की नई ऊंचाइयों काे छू रहा है। विधानसभा का इतिहास अपने आपमें प्ररेणस्रोत है।
पहले विधानसभा को किया याद
पीएम मोदी ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद राजकुमार कालेज के जशपुर हाल में पहली विधानसभा की पहली बैठक हुई। सीमित संसाधनों के बीच असीम संभावनाओं को लिए हुआ था। दूसरे विभाग के परिसर से लोकतंत्र की यात्रा नई उर्जा के साथ प्रारंभ हुई। अब आधुनिक डिजीटल विधानसभा का उद्घाटन हुआ है। यह भवन लोकतंत्र का तीर्थस्थल है। हर स्तंभ पारदर्शिता, हर गलियारा जवाबदारी, हर कक्ष जनता के जवाब का प्रतिबिंब है। यहां लिए गए निर्णय दशकों तक छत्तीसगढ़ के भाग्य को दिशा देंगे। मुझे विश्वास है यह भवन आने वाले दशकों के लिए छग की नीति नियति और नीतिकारों का केंद्र बनेगा। छत्तीसगढ़ कभी यह राज्य नक्सलवाद और पिछड़ेपन से पहचाना जाता था। आज बस्तर ओलंपिक की चर्चा देश के कोने-कोने में है। बस्तर में विकास के साथ ही शांति और सुकून की लहर लौट आई है।
आज पूरा देश विरासत और विकास को साथ लेकर चल रहा है् यह भावना सरकार की हर नीति और निर्णय में दिखती है। नई संसद की नई गैलरी पूरी दुनिया को भारत के लोकतत्र की प्राचीनता से जोड़ती है भारत में लोकतंत्र की जड़ गहरी है। भारत की यही सोच यही भावना छग के इस नए विधानसभा में भी झलकती है। छग का नया विधानसभा परिसर राज्य की समृद्धि का प्रतिबिंब है। वंचितो काे वरीयता सबका साथ सबका विकास यही हमारे मनीषियों के दिए संस्कार है।
नए विधानसभा भवन में बस्तर आर्ट की सुंदर झलक दिखाई दी। कुछ महीने पहले थाइलैंड के पीएम को मैंने बस्तर आर्ट भेंट की थी। इस भवन की दीवारों में बाबा गुरुघासीदास जी का मनखे-मनखे एक समान का संदेश है। यहां के हर द्वार में माता सबरी की आत्मीयता है, सदन की हर कुर्सी में संत कबीर का सिखाया सच्चई का भाव है। भारत लोकतंत्र की जननी है। हमारा आदिवासी समाज को पीढ़ियों से लोकतांत्रिक परंपरा को जीते आया है। मुरिया दरबार इसका जीवंत उदाहरण है। समाज और शासन मिलकर समस्याओं का समाधान करते रहे हैं। इस विधानसभा में मुरिया दरबार को जगह मिला है।
प्रभु श्रीराम का ननिहाल है छत्तीसगढ़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा छग भगवान श्रीराम का ननिहाल है भगवान श्रीराम यहां के भांजा है। नए परिसर में श्रीराम के आदर्शों को याद करना इससे बेहतर दिन और क्या होगा। उनके आदर्श हमें सीख देता है। हमने राम से राष्ट्र कल्याण का संकल्प लिया है। सुशासन और जनकल्याण का संकल्प हमने लिया है। रामराज का मतलब है ना कोई गरीब हो और ना कोई दुखी हो। सुखी भारत का निर्माण करना, हर समाज में सामाजिक न्याय की स्थापना हो। आतंक की विनाश की प्रतीज्ञा कर आंतकवादियों का विनाश का संकल्प हमने लिया है।
छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य का दिन- सीएम साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए आज बड़ा सौभाग्य का दिन है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री व दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली नेता नरेंद्र मोदी हमारे बीच हैं। आज का दिन प्रभु श्रीराम का ननिहाल और माता कौशल्या का मायका छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा ही ऐतहासिक दिन है। आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। पीएम मोदी हमारे बीच हैं। छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की ओर से स्वागत और अभिनंदन करता हूं। नवनिर्मित विधानसभा भवन के लोकार्पण अवसर पर हमारे बीच उपस्थित हैं। हम लोगों का सौभाग्य हैं हमारे बीच हैं। ऐसा शख्स जो नए भारत का निर्माण कर रहे हैं। नया भारत का निर्माण उनकी अगुवाई में कर रहे हैं। ऐसा भारत जो किसी को छेड़ता नहीं है जो छेड़ता है उसको छोड़ता भी नहीं है। विधानसभा भवन लोकार्पण कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का साधुवाद। जनप्रतिनिधियों से लेकर आमजनों को बहुत-बहुत बधाई। इन 25 वर्षों में विधानसभा ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है। डा रमन सिंह के बतौर स्पीकर उनके अनुभवों का लाभ हम सबको मिल रहा है। नए विधायकों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका लाभ विधायकों को लगताार मिल रहा है। लोकतंत्र के इस मंदिर की परंपरा को हम सब मिलकर आगे बढ़ाते रहेंगे। मोदी की गारंटी को पूरा करने का प्रयास हमारी सरकार लगातार कर रही है। छत्तीसगढ़ के विकास के लिए आगे भी आपका मार्गदर्शन और आर्शीवाद यूं ही बना रहेगा।
छग विधानसभा ने उच्च परंपराओं का मानक तय किया है
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने छत्तीसगढ़ की जनता और जनप्रतिनिधियों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पीएम की मौजूदगी में नए विधानसभा भवन का लोकार्पण हुआ है। राज्य में समृद्धि और खुशहाली के नए आयाम स्थापित होंगे। हमारी लोकतांत्रिक संस्थाएं जन आस्था के विश्वास का केंद्र हुआ करती है। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने मर्यादा भरोसा और उच्च परंपराओं का मानक तय किया है। लोकतंत्र की भावनाओं को और मजबूत करे।
पढ़ें पूरा भाषण
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमन डेका जी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष, मेरे मित्र रमन सिंह जी, प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी, केंद्र सरकार में मेरे सहयोगी मंत्री तोखन साहू जी, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा जी, अरुण साव जी, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत जी, उपस्थित अन्य मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण और मौजूद देवियों और सज्जनों!
छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा के लिए, आज का दिन एक स्वर्णिम शुरुआत का दिन है। और मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर ये बहुत ही सुखद दिन है, अहम दिन है। मेरा बीते कई दशकों से इस भूमि से बहुत आत्मीय नाता रहा है। एक कार्यकर्ता के रूप में मैंने छत्तीसगढ़ में बहुत समय बिताया, यहां से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। मेरे जीवन को गढ़ने में यहां के लोगों का, यहां की भूमि का बहुत बड़ा आशीर्वाद रहा है। छत्तीसगढ़ की परिकल्पना, इसके निर्माण का संकल्प और फिर उस संकल्प की सिद्धि, हर एक क्षण पर मैं छत्तीसगढ़ के परिवर्तन का साक्षी रहा हूं। और आज जब छत्तीसगढ़ 25 वर्षों की यात्रा के अहम पड़ाव पर पहुंचा है, तो मुझे इस क्षण का भी, सहभागी बनने का अवसर मिला है। आज इस रजत जयंती के उत्सव पर, मुझे राज्य के लोगों के लिए, इस नई विधानसभा के लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला है। मैं छत्तीसगढ़ के लोगों को, राज्य सरकार को, इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देता हूं, बधाई देता हूं।
2025 का ये वर्ष भारतीय गणतंत्र का अमृत वर्ष भी है। 75 वर्ष पहले भारत ने अपना संविधान देशवासियों को समर्पित किया था। ऐसे में, आज इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं इस अंचल से संविधान सभा के सदस्य रहे, रविशंकर शुक्ल जी, बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल जी, घनश्याम सिंह गुप्त जी, किशोरी मोहन त्रिपाठी जी, रामप्रसाद पोटाई जी और रघुराज सिंह जैसे मनीषियों का स्मरण करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देता हूं। तब के काफ़ी पिछड़े रहे इस क्षेत्र से, दिल्ली पहुंच कर इन विभूतियों ने बाबा साहेब के नेतृत्व में, संविधान के बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
आज का दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बनकर चमक रहा है। आज जब हम इस भव्य और आधुनिक विधानसभा भवन का लोकार्पण कर रहे हैं, तो ये केवल एक इमारत का समारोह नहीं, बल्कि 25 वर्षों की जन-आकांक्षा, जन-संघर्ष और जन-गौरव का उत्सव बन गया है। आज छत्तीसगढ़ अपने स्वप्न के नए शिखर पर खड़ा है। और इस गौरवशाली क्षण में, मैं उन महापुरुष को नमन करता हूं, जिनकी दूरदृष्टि और करुणा ने इस राज्य की स्थापना की। वो महापुरुष हैं- भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी।
साल 2000 में जब अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया, तो वो निर्णय केवल प्रशासनिक नहीं था। वो निर्णय था विकास की नई राह खोलने का, और वो निर्णय था छत्तीसगढ़ की आत्मा को पहचान दिलाने का। इसलिए, आज जब इस भव्य विधानसभा के साथ-साथ अटल जी की प्रतिमा का भी अनावरण हुआ है, तो मन कह उठता है, मेरे भाव व्यक्त हो रहे हैं, अटल जी जहां भी हो- अटल जी, देखिए, आपका सपना साकार हो रहा है। आपका बनाया हुआ छत्तीसगढ़ आज आत्मविश्वास से भरा है, विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का इतिहास अपने आप में प्रेरणास्रोत है। 2000 में जब इस सुंदर राज्य की स्थापना हुई, तो पहली विधानसभा की बैठक राजकुमार कॉलेज, रायपुर के जशपुर हॉल में हुई थी। वो समय सीमित संसाधनों का तो था, लेकिन असीम सपनों का था। तब केवल एक भावना थी कि हम अपने भाग्य को और तेजी से उज्ज्वल बनाएंगे। बाद में विधानसभा का जो भवन तैयार हुआ, वो भी पहले किसी दूसरे विभाग का परिसर था। वहीं से छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की यात्रा नई ऊर्जा के साथ प्रारंभ हुई। और आज, 25 वर्षों के बाद, वही लोकतंत्र, वही जनता, एक आधुनिक, डिजिटल और आत्मनिर्भर विधानसभा के भवन का उद्घाटन कर रही है।
यह भवन लोकतंत्र का तीर्थ स्थल है। इसका हर स्तंभ पारदर्शिता का प्रतीक है। इसका हर गलियारा जवाबदेही की याद दिलाता है। और इसका हर कक्ष जनता की आवाज़ का प्रतिबिंब है। यहाँ लिए गए निर्णय दशकों तक छत्तीसगढ़ के भाग्य को दिशा देंगे। और यहां कहा हर एक शब्द, छत्तीसगढ़ के अतीत, इसके वर्तमान का और इसके भविष्य का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। मुझे विश्वास है, ये भवन आने वाले दशकों के लिए छत्तीसगढ़ की नीति, नियति और नीतिकारों का केंद्र बनेगा।
आज पूरा देश विरासत और विकास को साथ लेकर चल रहा है। और ये भावना, सरकार की हर नीति, हर निर्णय में भी दिखती है। आज देश की संसद को, हमारा पवित्र सेंगोल प्रेरणा देता है। नई संसद की नई गैलरियां, पूरी दुनिया को भारत के लोकतंत्र की प्राचीनता से जोड़ती हैं। संसद परिसर में लगी प्रतिमाएं, पूरे विश्व को ये बताती हैं कि भारत में लोकतंत्र की जड़ कितनी गहरी है। मुझे प्रसन्नता है कि भारत की यही सोच, यही भावना, छत्तीसगढ़ के इस नए विधानसभा में भी झलकती है।
छत्तीसगढ़ का नया विधानसभा परिसर राज्य की समृद्ध संस्कृति का प्रतिबिंब है। इस विधानसभा के कण-कण में, छत्तीसगढ़ की भूमि पर जन्मे हमारे महापुरुषों की प्रेरणा है। वंचितों को वरीयता, सबका साथ, सबका विकास, ये भाजपा सरकार के सुशासन की पहचान है, यही देश के संविधान की स्पिरिट है, यही, हमारे महापुरुषों, हमारे ऋषियों, मनीषियों के दिए संस्कार हैं।
मैं जब इस भवन को देख रहा था, तो मुझे बस्तर आर्ट की सुंदर झलक दिखाई दी। मुझे याद है, कुछ महीने पहले थाईलैंड के प्रधानमंत्री जी को मैंने यही बस्तर आर्ट भेंट की थी, बस्तर की ये कला हमारी सृजनशीलता और सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक है।
इस भवन की दीवारों में बाबा गुरु घासीदास जी का ‘मनखे-मनखे एक समान’ का संदेश है, जो हमें, सबका साथ, सबका विकास, सबका सम्मान सिखाता है। यहां के हर द्वार में, माता शबरी की सिखाई आत्मीयता है, जो हमें हर अतिथि, हर नागरिक का स्नेह स्वागत करने की बात बताती है। इस सदन की हर कुर्सी में संत कबीर का सिखाया सच्चाई और निडरता का भाव है। और यहां की नींव में, महाप्रभु वल्लभाचार्य जी का बताया- नर सेवा, नारायण सेवा का संकल्प है।
भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमॉक्रेसी है, हमारा आदिवासी समाज तो, पीढ़ियों से लोकतांत्रिक परंपराओं को जीता आया है। मुरिया दरबार- बस्तर की ‘आदिम संसद’ इसका जीवंत उदाहरण है। वो आदिम संसद थी, सालों से हमारे यहां समाज और शासन मिलकर, समस्याओं का समाधान करते रहे हैं। और मुझे प्रसन्नता है कि इस विधानसभा में भी मुरिया दरबार की परंपरा को स्थान मिला है।
एक ओर, इस सदन के हर कोने में, हमारे महापुरुषों के आदर्श हैं, तो वहीं इसकी अध्यक्ष पीठ पर, रमन सिंह जी जैसा अनुभवी नेतृत्व भी है। रमन जी, इस बात का बहुत बड़ा उदाहरण हैं कि एक कार्यकर्ता अपने परिश्रम से, अपने समर्पण भाव से लोकतांत्रिक व्यवस्था को कितना सशक्त बना सकता है।
क्रिकेट में तो देखते हैं, कि जो कभी कैप्टन रहता है, वो कभी टीम में खिलाड़ी बनकर के भी खेलता है, लेकिन राजनीति में ऐसा देखने को नहीं मिलता है, ये उदाहरण रमण सिंह जी दे सकते हैं, कि जो कभी कैप्टन हुआ करते थे, वो आज सच्चे स्पिरिट से कार्यकर्ता के छत्तीसगढ़ की सेवा के लिए समर्पित हर कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य कर रहे हैं।
राष्ट्रकवि निराला जी ने अपनी कविता में माँ सरस्वती से प्रार्थना की थी- प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे, यह केवल काव्य नहीं था, यह आज़ाद भारत के नवसृजन का मंत्र था। उन्होंने नव गति, नव लय, नव स्वर की बात कही, यानी कि एक ऐसे भारत की, जो परंपरा से जुड़ा हो, लेकिन भविष्य की ओर पूरे आत्मविश्वास से आगे बढ़े। आज जब हम छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा में खड़े हैं, तो यह भावना यहां भी उतनी ही सार्थक है। यह भवन भी उसी ‘नव स्वर’ का प्रतीक है, जहाँ पुराने अनुभवों की ध्वनि है, और नए सपनों की ऊर्जा भी है। और इस ऊर्जा के साथ, हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है, एक ऐसे छत्तीसगढ़ की नींव बनानी है, जो विरासत से जुड़कर, विकास के पथ पर आगे बढ़ सके।
नागरिक देवो भव:, ये हमारे सुशासन का मंत्र है। और इसीलिए, हमें विधानसभा के हर निर्णय में जनता के हित को ध्यान में रखकर काम करना होगा। यहां कानून ऐसे बनें, जो रिफॉर्म को गति दे, जिससे लोगों का जीवन आसान हो, जो लोगों के जीवन से सरकार के अनावश्यक दखल को बाहर करे। सरकार का न अभाव हो और न ही अनावश्यक प्रभाव हो, यही तेज़ प्रगति का एकमात्र मंत्र है।
यह हमारा छत्तीसगढ़ तो भगवान श्रीराम का ननिहाल है। भगवान श्रीराम इस धरती के भांजे हैं। आज इस नए परिसर में श्रीराम के आदर्शों को याद करने का इससे बेहतर दिन और क्या होगा। भगवान राम के आदर्श, हमें सुशासन की सीख देते हैं।
अयोध्या में राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के समय, हम सभी ने देव से देश और ‘राम से राष्ट्र’ का संकल्प लिया था। हमें याद रखना है, राम से राष्ट्र का अर्थ है- रामराज बैठे त्रैलोका। हरषित भए गए सब सोका। इसका अर्थ है, सुशासन और जनकल्याण का राज! इसका अर्थ है, सबका साथ, सबका विकास की भावना से शासन! राम से राष्ट्र का अर्थ है, नहिं दरिद्र कोउ, दुखी न दीना। जहां कोई ना गरीब हो, ना कोई दुखी हो, जहां भारत गरीबी से मुक्त होकर आगे बढ़े, राम से राष्ट्र का अर्थ है- अल्पमृत्यु नहिं कवनिउ पीरा। यानी, बीमारियों से असमय मृत्यु ना हो, यानी स्वस्थ और सुखी भारत का निर्माण हो, राम से राष्ट्र का मतलब है- मानउँ एक भगति कर नाता। अर्थात हमारा समाज ऊंच नीच के भाव से मुक्त हो, और हर समाज में सामाजिक न्याय की स्थापना हो
राम से राष्ट्र का एक अर्थ ये भी है कि, “निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह”। यानी, मानवता विरोधी ताकतों का, आतंक के विनाश की प्रतिज्ञा! और यही तो हमने ऑपरेशन सिंदूर में देखा है। भारत, आतंक के विनाश की प्रतिज्ञा करके आतंकियों की कमर तोड़ रहा है। भारत आज नक्सलवाद, माओवादी आतंक को भी समाप्त करने की तरफ बढ़ रहा है। भारत आज अभूतपूर्व विजय के गर्व से भरा हुआ है। और गर्व की यही भावना, आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के इस नए परिसर में हमें चारों तरफ दिख रही है।
पिछले पच्चीस वर्षों में छत्तीसगढ़ ने जो परिवर्तन देखा है, वह अद्भुत और प्रेरणादायी है। कभी यह राज्य नक्सलवाद और पिछड़ेपन से पहचाना जाता था। आज वही राज्य समृद्धि, सुरक्षा और स्थायित्व का प्रतीक बन रहा है। आज बस्तर ओलंपिक की चर्चा देश के कोने-कोने में है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आज विकास की लहर और सुकून की मुस्कान लौट आई है। और इस परिवर्तन के पीछे है छत्तीसगढ़ की जनता का परिश्रम और भाजपा सरकारों का दूरदर्शी नेतृत्व।
छत्तीसगढ़ के रजत जयंती समारोह का उत्सव, अब एक बड़े लक्ष्य का आरंभ बिंदु बनने जा रहा है। 2047 तक, जब भारत अपनी आजादी के 100 साल मनाएगा, हमें विकसित भारत निर्माण के जो लक्ष्य तय किए हैं, उसमें छत्तीसगढ़ की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है। और इसीलिए, मैं यहां उपस्थित सभी साथियों से भी कहूंगा, सभी जनप्रतिनिधियों से कहूंगा, कि आप एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण करिए, एक ऐसी विधानसभा का उदाहरण बनाइए, जो विकसित भारत के हर राज्य को कुछ नया करने के लिए प्रेरित करे। यहां होने वाले संवादों में, यहां पूछे जाने वाले प्रश्नों में, सदन में होने वाली कार्यवाहियों में, सब में एक श्रेष्ठता लाने का प्रयास हो, और हम जो भी करें, जिस भी रूप में करें, सबका लक्ष्य विकसित छत्तीसगढ, विकसित भारत का निर्माण हो।
छत्तीसगढ़ की इस नई विधानसभा की श्रेष्ठता इसके भवन की भव्यता से ज्यादा, यहां लिए जाने वाले जनकल्याण के निर्णयों से निर्धारित होगी। यह इस बात से तय होगी कि यह सदन छत्तीसगढ़ के सपनों को, इसकी सोच को कितनी गहराई से समझता है, और उन्हें साकार करने के लिए कितनी दूर तक चलता है। हमारा हर निर्णय ऐसा होना चाहिए, जो किसान की मेहनत को सम्मान दे, युवा के सपनों को दिशा दे, नारीशक्ति के जीवन में नई आशा की किरण लेकर आए, और समाज में अंत्योदय का माध्यम बने। हम सबको ये याद रखना है कि यह विधानसभा केवल कानून बनाने का स्थान नहीं, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के भाग्य निर्माण का प्रखर केंद्र है, जीवंत इकाई है। इसीलिए हम सब को ये सुनिश्चित करना होगा, कि यहां से निकलने वाले हर विचार में जनसेवा की भावना हो, विकास का संकल्प हो, और भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने का विश्वास हो। यही हमारी कामना है।
लोकतंत्र में कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए, हम सब सार्वजनिक जीवन में अपनी भूमिका निभायें, यह संकल्प लेना ही नए विधानसभा भवन के लोकार्पण के इस अवसर के सबसे बड़ी सार्थकता होगी। आइए इस परिसर से हम सभी, भारतीय गणतंत्र के इस अमृत वर्ष में यह संकल्प लेकर जाए, कि जनता-जनार्दन की सेवा को ही अपने जीवन का ध्येय बनाएंगे। आप सभी को लोकतंत्र के इस सुंदर नव मंदिर के लोकार्पण पर मैं पुन: शुभकामनाएं और बधाई देता हूं। मैं मुख्यमंत्री जी को और विशेष रूप से मेरे मित्र रमन सिंह जी को इस कल्पना को साकार करने के लिए हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जय भारत – जय छत्तीसगढ़। बहुत-बहुत धन्यवाद।