Nitin Nabin Chhattisgarh Story: कैसे नितिन नबीन ने ढहा दिया था छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का किला? भूपेश बघेल भी रह गए थे हैरान!

Nitin Nabin Chhattisgarh Story: जानिए कैसे नितिन नबीन ने 2023 विधानसभा और लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मात दी और बीजेपी के नए कार्यकारी अध्यक्ष बने।

Update: 2025-12-15 12:38 GMT

Nitin Nabin Chhattisgarh Story: बिहार सरकार में मंत्री और संगठन के सधे हुए चेहरे नितिन नबीन को भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें पार्टी का नया कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। यह नियुक्ति अचानक जरूर लगती है, लेकिन इसके पीछे छत्तीसगढ़ में उनकी रणनीतिक सफलता और लोकसभा चुनावों में मिले नतीजे मजबूत आधार माने जा रहे हैं। बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि नितिन नबीन ने जिस तरह कांग्रेस के मजबूत किले में सेंध लगाई, वह संगठनात्मक राजनीति का एक सटीक उदाहरण है।

2023 विधानसभा चुनाव
नितिन नबीन को 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पहले सह-प्रभारी और फिर प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई थी। उस वक्त भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बेहद मजबूत माना जा रहा था और ज्यादातर एग्जिट पोल कांग्रेस की वापसी तय मान रहे थे। ऐसे माहौल में नबीन ने प्रचार के बजाय संगठन पर फोकस किया। बूथ स्तर की तैयारी, टिकट वितरण में संतुलन और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद उनकी रणनीति का कोर रहा। नतीजा यह हुआ कि बीजेपी ने न सिर्फ सत्ता में वापसी की बल्कि क्लियर बहुमत हासिल कर सभी अनुमानों को गलत साबित कर दिया।
आते ही जमीन पर उतरे, कार्यकर्ताओं को जोड़ा
छत्तीसगढ़ पहुंचते ही नितिन नबीन ने दिल्ली मॉडल की बजाय स्थानीय जरूरतों को समझा। उन्होंने जिलों और बूथों पर समय दिया, नाराज कार्यकर्ताओं को सुना और संगठन में भरोसा बहाल किया। ‘महतारी वंदन योजना’ जैसी योजनाओं को जमीनी स्तर तक प्रभावी तरीके से पहुंचाने में उनकी भूमिका अहम मानी जाती है। इससे कांग्रेस के खिलाफ माहौल धीरे-धीरे बीजेपी के पक्ष में जाता दिखा।
बड़े चेहरों से हटकर बनाई अलग रणनीति
छत्तीसगढ़ में उस समय यह चर्चा आम थी कि बीजेपी के पास भूपेश बघेल के मुकाबले कोई बड़ा चेहरा नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल मौजूद थे लेकिन उन्हें सीएम फेस घोषित नहीं किया गया था। नितिन नबीन ने इसी स्थिति को अवसर में बदला। उन्होंने मैन टू मैन रणनीति अपनाई और संगठन को चेहरों से ऊपर रखा। यह प्रयोग सफल रहा और कांग्रेस का मजबूत समझा जाने वाला किला ढह गया।
लोकसभा चुनाव में भी दिखा संगठन का असर
विधानसभा के बाद लोकसभा चुनावों में भी नितिन नबीन की रणनीति रंग लाई। छत्तीसगढ़ की 11 में से 10 सीटों पर बीजेपी की जीत ने यह साफ कर दिया कि यह सिर्फ लहर नहीं, बल्कि मजबूत संगठनात्मक तालमेल का नतीजा है। बूथ प्रबंधन, अनुशासन और मतदाताओं से कंटीन्यूअस संपर्क को इस सफलता की बड़ी वजह माना जा रहा है।
बिहार से आगे, अब राष्ट्रीय भूमिका
बीजेपी के अंदर अब नितिन नबीन को ऐसे नेता के रूप में देखा जा रहा है जिनकी क्षमता राज्य की सीमाओं से कहीं आगे है। छत्तीसगढ़ जैसे कठिन राजनीतिक मैदान में नतीजे देने के बाद पार्टी नेतृत्व ने उन्हें राष्ट्रीय संगठन में आगे बढ़ाया है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में बीजेपी की चुनावी रणनीति में उनकी भूमिका और भी अहम हो सकती है।
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