Nankiram Kanwar News: कलेक्टर को हटाने की मांग पर पूर्व गृह मंत्री अडे़, 4 अक्टूबर से धरने पर बैठने का किया ऐलान, जानें क्या है पूरा मामला
Nankiram Kanwar News: छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री और भाजपा नेता ननकीराम कंवर (BJP leader Nankiram Kanwar) कोरबा जिले के कलेक्टर अजीत वसंत (Korba Collector Ajit Vasant) को हटाने की मांग को लेकर जिद पर अड़े हुए हैं. वहीँ, ननकीराम कंवर ने अब तीखा रुख अपनाया है. पूर्व गृहमंत्री मुख्यमंत्री निवास रायपुर के सामने धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री और भाजपा नेता ननकीराम कंवर (BJP leader Nankiram Kanwar) कोरबा जिले के कलेक्टर अजीत वसंत (Korba Collector Ajit Vasant) को हटाने की मांग को लेकर जिद पर अड़े हुए हैं. वहीँ, ननकीराम कंवर ने अब तीखा रुख अपनाया है. पूर्व गृहमंत्री मुख्यमंत्री निवास रायपुर के सामने धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया है.
कोरबा कलेक्टर को हटाने की मांग
दरअसल, पूर्व गृहमंत्री और दिग्गज भाजपा नेता ननकीराम कंवर ने कोरबा जिले के कलेक्टर अजीत वसंत को जिले से हटाए जाने के मांग को लेकर 22 सितम्बर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा था. जिसमे उन्होंने भ्रष्टाचार और अनियमितता का आरोप लगाते हुए कलेक्टर अजीत वसंत को हटाने के मांग की थी. उन्होंने कहा था, तीन दिनों के भीतर कलेक्टर को नहीं हटाया गया वे धरने पर बैठेंगे. वे धरने पर बैठेंगे. लेकिन चेतावनी की तीन दन बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई.
4 अक्टूबर को धरने पर बैठेंगे
जिसके बाद ननकीराम कंवर ने धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया है. ननकीराम कंवर 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास रायपुर के सामने अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठेंगे. इस सम्बन्ध में उन्होने नया पत्र जारी कर दिया है. पढ़िए उन्होंने पत्र में क्या लिखा...
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने पत्र में लिखा, "मेरे द्वारा 14 बिंदु में दिए शिकायत के संबंध में कई बार मुख्यमंत्री सहित कई केबिनेट मंत्री के समक्ष शिकायत कर चूका हूँ लेकिन ऐसे भ्रष्ट हिटलर प्रशासक के विरुद्ध कोई जाँच नहीं किये जाने पर ही मुझे ऐसा करने के लिए बढे दुःख के साथ बाद्य होना पड़ रहा है. इनको सरकार का क्यों संरक्षण प्राप्त हो रहा है? इसका मतलब मुझे समज में आ रहा है की मुख्यमंत्री जी का आवास कार्यालय में बैठे कुछ आई.ए.एस अधिकारी के कंट्रोल में सरकार चल रहा है ऐसा मुझको लगता है. इसलिए भ्रष्ट अधिकारी को बचाने की दिशा में मुख्यमंत्री जी को वास्तविक जानकारी से अवगत नहीं कराया जाता है उन्हें गुमराह कर अंधकार में रखा गया है.
मेरे द्वारा पूर्ववर्ती कार्यकाल में हुए सभी भ्रष्टाचार जैसे पी.एस.सी. परीक्षा घोटाला, शराब घोटाला, सी.जी.एम.एस.सी. दवाई खरीदी घोटाला, कोयला घोटाला, डी.एम.एफ घोटाला, एन.एच.ए.आई. सड़क हेतु फर्जी मुवाबजा घोटला जैसे कई बड़े घोटाले को केंद्र कि मोदी सरकार से शिकायत दिया जिसमे मेरे शिकायत का सभी बिंदु प्रमाणित हुई और एक दर्जन से अधिक आई.ए.एस. अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर और कई बड़े राजनेताओं के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही हुई है उसी तरह जब पी. दयानंद जब कोरबा कलेक्टर के पद रहते शौचालय ओ.डी.एफ घोटाला का विषय केबिनेट मंत्री केदार कश्यप के सामने मंच से उठाया था जिसे कलेक्टर ने मेरे बालो को काट दिया लेकिन कोरबा जिले में आज भी हजारो लोगो का शौचालय का पैसा घोटाले के संबंध में एस.डी.एम कार्यालय में प्रकरण दर्ज हुआ जिससे मेरा शिकायत की वास्तविकता स्पष्ट प्रमाणित हुआ है.
उसके बव्जुद मेरे शिकायत पर हमारी भाजपा के प्रदेश सरकार में संज्ञान नहीं लिया जाना स्पष्ट प्रमाण है की मुख्यमंत्री को अधिकारी कब्जे में गुमराह करके रखे हुए है. जब मेरे जैसे वरिष्ठ अनुभवी नेता के शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है तो अन्य जनप्रतिनिधियों के शिकायत को किस तरह से संज्ञान लिया जा रहा होगा समझा जा सकता है. कलेक्टर कोरबा के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में सरकार में बैठे बड़े अधिकारियो का योगदान होना लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है."