Liquor News: शराब फैक्ट्री का वेस्ट मटेरियल नदी में, बोर्ड के रिपोर्ट की सच्चाई जानने हाई कोर्ट ने टीम बनाकर निगरानी का दिया निर्देश

Liquor News: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के ग्राम धूमा में भाटिया वाइन फैक्ट्री है। फैक्ट्री से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल को बिना शोधन के सीधे शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा था। हाई कोर्ट के निर्देश पर फैक्ट्री की जांच के बाद पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। बोर्ड द्वारा पेश रिपोर्ट की सच्चाई जानने के लिए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने टीम बनाकर निगरानी करने और दोबारा रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

Update: 2024-12-17 10:40 GMT

Liquor News: बिलासपुर। सरगांव के पास ग्राम धूमा में भाटिया वाइन फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है। शराब निर्माता कंपनी द्वारा फैक्ट्री के संचालन व मापदंड व मेंटनेंस के लिए पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा तय की गई शर्तों का उल्लंघन करते हुए वेस्ट मटेरियल को बिना शोधन के सीधे शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा था। इसके चलते शिवनाथ नदी में हजारों की संख्या में मछलियां मरी, लोगों को चर्म रोग की शिकायतें भी हुई।

मीडिया में इस बात की रिपोर्ट प्रमुखता के साथ प्रकाशित की गई थी। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसे गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड करने का निर्देश रजिस्ट्रार जनरल को दिया था। पीआईएल में वाइन फैक्ट्री के संचालक के अलावा कलेक्टर, पर्यावरण संरक्षण मंडल व राज्य शासन को प्रमुख पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया गया था। बीते सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने पर्यावरण संरक्षण मंडल को वाइन फैक्ट्री की जांच करने और वेस्ट मटेरियल को सीधे नदी के पानी में छोड़ने के बजाय क्या उपाय किए जा सकते हैं, पूर्व में क्या व्यवस्था व दिशा निर्देश जारी किए गए थे। वाइन फैक्ट्री के संचालक द्वारा नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं, जैसे प्रमुख बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी थी।

सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई।

पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि वाइन फैक्ट्री में प्रदूषण कम हुआ है। जिस पर कोर्ट ने टीम बनाकर निगरानी करने निर्देश जारी किया है। पीआईएल की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने तीन फरवरी 2025 की तिथि निर्धारित कर दी है।

मामला मुंगेली जिले धूमा स्थित भाटिया वाइन फैक्ट्री का है। जहां नियमों को ताक पर रखकर फैक्ट्री के वेस्ट मटेरियल और दूषित पानी को शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा था। प्रदूषित और जहरीले पानी से लाखों मछलियां मर गई। इस पर आई मीडिया रिपोर्ट को हाई कोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की। जो लगातार चल रही है।

0 डिवीजन बेंच ने शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने दिया था निर्देश

पीआईएल में 23 सितंबर 2024 को सुनवाई के बाद हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने जिम्मेदार अफसरों से पूछा था कि दूषित जल का स्रोत निर्धारित किया गया है या नहीं। शराब फैक्ट्री के दूषित जल के कारण नदी में पाए गए प्रदूषण को देखते हुए, इस मुद्दे को तार्किक निष्कर्ष पर लाया जाना चाहिए, ताकि दूषित जल का स्रोत पता लगाया जा सके। इस मामले में नया हलफनामा दायर करने कहा था।

वहीं 23 अक्टूबर 2024 को डिवीजन बैंच में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि वाइन फैक्ट्री से दूषित पानी कहां से बह रहा है, इसका पता नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन सुधारात्मक उपाय किए जाने और फैक्ट्री पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद पानी की गुणवत्ता में सुधार किया गया है। इसे देखते हुए 16 दिसंबर, 2024 को आगे की निगरानी के लिए फिर से सूचीबद्ध किया गया था। पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से 21 नवंबर 2024 और 4 दिसंबर 2024 को जांच कर रिपोर्ट पेश की गई है। जिसमें पानी का स्तर ठीक पाया गया।

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