Korba News: स्वर्गलोक से आए दो किसान, ले गए अपने साथ खाद, कलेक्टर नाराज FIR के निर्देश...

Korba News: सेवा सहकारी समिति में बड़ा खाद घोटाला। जांच में मिले चौंकाने वाले तथ्य। अब होगी कार्रवाई।

Update: 2025-10-16 09:34 GMT

Korba News: कोरबा। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति केंद्र मोरगा, विकास खण्ड पोड़ी उपरोड़ा में बड़ा खाद घोटाला सामने आया है। सेवा सहकारी समिति में 295 बोरी खाद का हिसाब ही नहीं मिल रहा है। और तो और समिति के रजिस्टर पर उन दो किसानों के हस्ताक्षर मिले हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक का हौसला इतना बुलंद था कि उसने दूसरे किसानों के खाते में खाद का कोटा आवंटित किया और उसके पैसे खुद ही दे दिए। ग्रामीणों की शिकायत के बाद कलेक्टर ने जांच कमेटी बनाई। जांच कमेटी ने घोटाले की पुष्टि की है। इसके बाद कलेक्टर अजीत वसंत ने प्रबंधक को बर्खास्त करने और एफआईआर का आदेश दिया है। साथ ही गबन की राशि की भी वसूली प्रबंधक से की जाएगी।

प्रबंधक के विरूद्ध खरीफ वर्ष 2025-26 में खाद वितरण में गड़बड़ी एवं अनियमितता करने संबंधी शिकायत हुई थी। जांच में शिकायत सही पाये जाने पर कलेक्टर अजीत वसंत द्वारा समिति प्रबंधक महेन्द्र शर्मा के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने, आरोपी कर्मचारी को सेवा से पृथक करने और गबन की गई राशि आरोपी से वसूलने के निर्देश दिया गया है। कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पोंड़ी उपरोड़ा द्वारा दिये गये जांच प्रतिवेदन के आधार पर उक्त कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। जांच रिपोर्ट में समिति में कुल 295 बोरी खाद गायब होना बताया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि दो मृत किसानों के भी फर्जी हस्ताक्षर कर खाद का उठाव किया गया है।

इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार पोंड़ी उपरोड़ा मोरगा क्षेत्र के किसानों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा आदिम जाति सेवा सहकारी समिति केंद्र मोरगा के प्रबंधक के विरूद्ध खरीफ वर्ष 2025-26 में खाद वितरण में गड़बड़ी एवं अनियमितता करने संबंधी शिकायत की गई थी। कलेक्टर द्वारा प्राप्त शिकायत की जांच कराई गई। जांच हेतु राजस्व व कृषि विभाग के 04 सदस्यीय संयुक्त जांच दल गठित किया गया, जिसमें सुमनदास मानिकपुरी नायब तहसीलदार पोड़ी उपरोड़ा, अखिलेश देंवागन प्रभारी वरिष्ठ ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी विकास खण्ड पोड़ी उपरोड़ा, रंजीत भगत राजस्व निरीक्षक और राकेश यादव ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी मोरगा शामिल थे।

नौ ट्रक खाद आई, हिसाब नहीं मिला

संयुक्त जांच दल द्वारा मोरगा समिति में संधारित अभिलेखों, बिक्री पंजी, डिलवरी मेमो, पीओएस मशीन की एन्ट्री का अवलोकन एवं जांचोपरांत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित मोरगा में उपलब्ध डिलवरी मेमो एवं चालान के अनुसार 01 अपै्रल 2025 से 01 सितंबर 2025 तक समिति को 09 ट्रक खाद (उर्वरक) का प्राप्त हुए जिसमें यूरिया 45 किलोग्राम-2180 बोरी, सुपर फास्फेट-400 बोरी, डीएपी- 320, एनपीके-1800, पोटाश-160, नैनो यूरिया 480 तथा नैनो डीएपी 240 बोरी प्राप्त हुई थी। जांच दल ने जांच कर अपने निष्कर्ष में बताया है कि समिति द्वारा संधारित वितरण पंजी एवं पी.ओ.एस. पंजी में खाद (उर्वरक) की मात्रा में यूरिया-164 बोरी, डी.ए.पी.-44 बोरी, एन.पी.के.-79 बोरी, पोटाश (एमओपी)-08 बोरी का अंतर पाया गया है। कुल 295 बोरी गायब मिली। इसे घोर अनियमितता मानी गई और उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 की धारा 35 और आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की धारा 03 व 07 का उल्लघंन होने पर प्रबंधक को तत्काल प्रभाव से हटाने एवं उचित कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा की गई।

पांच ट्रक खाद ही बांटी

प्रबंधक एवं डाटा एन्ट्री ऑपरेटर दोनों पद पर कार्यरत है। जिन्होंने अपने बयान कथन में स्वीकार किया है कि धान खरीदी एवं खाद बिक्री से संबंधित समस्त कार्य का निष्पादन एवं स्टॉक अद्यतन का कार्य प्रबधंक अर्थात स्वयं के द्वारा ही किया जाता है। प्रबंधक द्वारा स्कंद पंजी का संधारण नहीं किया गया है, केवल डिलवरी चालान एवं इनवॉरस की मूल प्रति की उपलब्धता है। प्रबंधक द्वारा यह तथ्य स्वीकार किया गया है कि केवल 09 ट्रक खाद (उर्वरक) आया है, जिसमें से 05 ट्रक खाद (उर्वरक) का वितरण किया जा चुका है एवं शेष खाद (उर्वरक) को अन्य किसानों के खाते में जोड़ा गया है, जिसका भुगतान प्रबंधक द्वारा स्वयं किया जायेगा। ग्रामीणों के द्वारा जिन दो व्यक्तियों की मौत होना बताया गया है, उनके खाते से मृत व्यक्ति का फर्जी हस्ताक्षर कर खाद (उर्वरक) का उठाव किया गया है, उक्त संबंध में प्रबंधक द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।

जांच दल ने मानी गंभीर चूक

प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन और संलग्न दस्तावेजों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित मोरगा के प्रबंधक द्वारा स्कंध पंजी का संधारण नहीं किया गया है। समिति द्वारा संधारित पंजी, पी.ओ.एस. मशीन से किये गये खाद (उर्वरक) की बिक्री रजिस्टर तथा कृषकों के लिखित बयान (कथन) भिन्नता होने से प्रबंधक के विरूद्ध कृषकों द्वारा की गयी शिकायत की पुष्टि हो रही है। यह घोर अनियमितता की श्रेणी में आता है। समिति के प्रबंधक महेन्द्र शर्मा द्वारा उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 35, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 03 व 07 तथा सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 74 (झ), (ट), (ठ) के उपबंधों का अनुपालन में गंभीर चूक की गई है। अत: प्रबंधक के विरूद्ध एफआई आर दर्ज कराते हुये तत्काल प्रबंधक को पद से हटाते हुये वसूली की कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा पर कलेक्टर श्री वसंत द्वारा समिति प्रबंधक महेन्द्र शर्मा के विरूद्ध संबंधित विभाग को एफआईआर दर्ज कराने, आरोपी कर्मचारी को सेवा से पृथक करने और गबन की गई राशि आरोपी से वसूलने के निर्देश दिया गया है।

Tags:    

Similar News