Kanker News: CG में कब्र को लेकर आदिवासी-ईसाई समुदाय भिड़े, झड़प में कई ग्रामीण, पुलिसकर्मी घायल... गांव को किया गया सील...

Kabra Ko Lekar Bawal: छत्तीसगढ़ के कांकेर के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर आदिवासी-ईसाई समुदाय आपस में भिड़ गये। दोनों तरफ से हुई झड़प में कई ग्रामीण घायल हो गये। वहीं, बीच बचाव करने पहुंची पुलिस की टीम पर भी हमला हो गया। पुलिस ने गांव को सील कर दिया है। गांव में फैले तनाव को देखते हुये क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती भी की गई है।

Update: 2025-12-18 07:45 GMT

Kabra Ko Lekar Bawal:  कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र में धर्मांतरित व्यक्ति के शव को दफनाने को लेकर बड़ा बवाल हो गया। शव को कब्र से निकालने के दौरान ईसाई और आदिवासी समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों के बीच जमकर झूमा-झटकी हुई है। घटना में  पुलिसकर्मी सहित कई ग्रामीणों को गंभीर चोटे आई है। 

जानिए कैसे फैला तनाव 

यह पूरा मामला आमाबेड़ा थाना क्षेत्र का है। 16 दिसंबर को गांव के धर्मांतरित सरपंच के पिता के शव को दफनाया गया। शव दफनाने को लेकर गांव के ही आदिवासी समाज के लोगों ने इसका विरोध किया। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्ष आमने सामने आ गए। विवाद ने हिंसक रूप तब ले लिया जब ग्रामीण शव को कब्र से बाहर निकालने की कोशिश करने लगे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर झूमा-झटकी और मारपीट हुई। इस घटना में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। वहीं बीच बचाव करने पहुंची पुलिस पर भी कुछ लोगों ने हमला कर दिया।

सरपंच के पिता ने अपनाया था ईसाई धर्म   

जानकारी के मुताबिक, बड़े तेवड़ा गांव के सरपंच रजमन सलाम ने धर्म परिवर्तन करते हुए ईसाई धर्म अपना लिया था। वहीं 15 दिसंबर को सरपंच रजमन सलाम के पिता चरमा राम सलाम की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद सरपंच ने अपने पिता के शव को 16 दिसंबर को गांव में ही दफना दिया। ऐसे में शव को गांव में दफनाने से ग्रामीण नाराज हो गए। 

ग्रामीणों ने बताया नियम के खिलाफ

आदिवासी समाज के लोगों ने इसे नियम के खिलाफ बताया है। गांव में नियम है कि जिस भी धर्म का मानने वाला हो उसके शव दफन के लिए एक निश्चित जगह दिया जाता है, लेकिन रजमन सलाम ने गांव का सरपंच होने के नाते दादागिरी दिखाई और गांव में ही अपने पिता के शव को दफना दिया। इसी के साथ ही ग्रामीणों ने पुलिस प्रसाशन पर संरक्षण देने का भी आरोप लगाया है।

विवाद ने लिया हिंसक रूप

वहीं ग्रामीण शव कब्र से बाहर निकालने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए। इधर सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाइश देने की कोशिश की, लेकिन नहीं माने। बुधवार को विवाद ने हिंसक रूप तब ले लिया जब ग्रामीण शव को कब्र से बाहर निकालने पहुंचे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच झूमा-झटकी और मारपीट हुई।

ग्रामीण सहित पुलिसकर्मी घायल  

इस झूमा-झटकी में ग्रामीण सहित पुलिसकर्मीयों को चोटे आई है। सभी घायलों को इलाज के लिए आमाबेड़ा स्वास्थ्य केंद में भर्ती कराया गया है। फिलहाल गांव में भारी पुलिसबल तैनात करते हुए गांव को पूरी तरह से सील कर दिया गया है


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