High Court News: क्रमोन्नति वेतनमान पर 300 याचिकाओं पर एक साथ हुई सुनवाई, सरकार के रूख से कोर्ट नाराज, कोर्ट ने कहा- केस तय था तैयारी....

क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। 300 याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार ने जवाब मांगा। राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के लॉ अफसरों ने जवाब पेश करने के लिए कोर्ट से समय मांगा। सरकार के रूख से कोर्ट की नाराजगी और तल्खी दोनों सामने आई। कोर्ट ने कुछ इस अंदाज में नाराजगी जताई और सरकार को जवाब पेश करने के लिए मोहलत भी दे दी।

Update: 2025-08-21 12:22 GMT


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बिलासपुर। 300 शिक्षकों की ओर से अलग-अलग दायर याचिका पर एकसाथ सुनवाई हुई। शिक्षकों ने क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में समान मामले में स्कूल शिक्षा विभाग व डीपीआई द्वारा भेदभाव करने का आरोप लगाया है। सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा। इस पर कोर्ट नाराज हो गया। नाराज कोर्ट ने कहा कि जब पहले से ही आज की सुनवाई तय थी तब तैयारी पूरी करके क्यों नहीं आए। नाराजगी जताने के साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए मोहलत दे दी है। अब सभी 300 याचिकाओं पर 15 सितंबर के बाद सुनवाई होगी। 15 सितंबर तक राज्य सरकार को अपना जवाब पेश करना है।

शिक्षकों की क्रमोन्नत वेतनमान की मांग वाली याचिका पर जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरों ने कोर्ट को बताया कि क्रमोन्नत वेतनमान के संंबंध में पहले भी इसी कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। राज्य सरकार की ओर से पेश जवाब को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई और जवाब पेश करने का निर्देश दिया। राज्य शासन के अलावा याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं को रिज्वाइंडर पेश करने की अनुमति दी है।

पैरवी करने पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के वकील

क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर शिक्षकों की रुचि इस बात से झलकती है कि याचिकाकर्ताओं की ओर से इस मामले में पैरवी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से वकील आए थे। सर्व शिक्षक एलबी संवर्ग कल्याण समिति की ओर से सुप्रीम कोर्ट के एडवाेकेट आन रिकार्ड देवाशीष तिवारी ने पैरवी की। उनके साथ स्थानीय वकील भी उपस्थित थे।

शिक्षिका सोना साहू के बाद बड़ी संख्या में शिक्षकों ने दायर की याचिका

शिक्षिका सोना साहू की याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने क्रमोन्नत वेतनमान के साथ ही एरियर्स की राशि का भुगतान करने का निर्देश राज्य शासन को दिया था। कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य शासन ने याचिकाकर्ता शिक्षिका के बैंक खाते में क्रमोन्नत वेतनमान के साथ ही एरियर्स की राशि भी जमा करा दी थी। राज्य सरकार की ओर से जब कोर्ट को यह जानकारी दी जा रही थी, तब याचिकाकर्ता शिक्षिका वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा था और एरियर्स की राशि में कमी की बात कही थी। याचिकाकर्ता शिक्षिका का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने कहा था कि हम आदेश कर रहे हैं। आदेश में सब साफ हो जाएगा।

हाई कोर्ट का यही आदेश शिक्षकों के लिए टर्निंग पाइंट साबित हुआ। इसके बाद क्रमोन्नत वेतनमान काे लेकर याचिका दायर करने का सिलसिला चल पड़ा। एक जानकारी के अनुसार अब तक 27 हजार से अधिक शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दिया है। इन याचिकाओं पर भी अब सुनवाई प्रारंभ होगी। बहरहाल आज एकसाथ 300 याचिकाओं पर सुनवाई होगी। लंच के बाद इन याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई शुरू होगी।

DPI ने अभ्यावेदन को कर दिया है अस्वीकार

क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर जिन शिक्षकों ने सोना साहू के प्रकरण में फैसले आने के तुरंत बाद याचिका दायर की थी उन सभी याचिकाकर्ता शिक्षकों को हाई कोर्ट ने विभाग के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने और अभ्यावेदन पन नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश राज्य सरकार को दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षकों ने अभ्यावेदन पेश किया था। अभ्यावेदन पर सुनवाई के बाद स्कूल शिक्षा विभाग और डीपीआई ने अभ्यावेदन को खारिज कर दिया था। ऐसे शिक्षक भी इस निर्णय के खिलाफ दोबारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।


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