High Court News: हाई कोर्ट ने ट्रिपल मर्डर केस के आरोपी आरक्षक की अपील की खारिज, उम्रकैद की सजा बरकरार
रायपुर जिले के उरला थाना क्षेत्र में अक्टूबर 2019 में महिला और उसके दो बेटों की हत्या के मामले में पुलिस ने प्रधान आरक्षक चंद्रकांत निषाद को आरोपी बनाया था और चालान प्रस्तुत किया था। ट्रायल कोर्ट ने इस पर दोष सिद्ध करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ आरोपी प्रधान आरक्षक ने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि अंतिम बार आरोपी का मृतकों के साथ देखा जाना और बरामद वस्तुओं पर खून के निशान पाया जाना महत्वपूर्ण साक्ष्य है। इसके साथ ही दोष सिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखते हुए आरक्षक की याचिका को खारिज कर दी गई।
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बिलासपुर। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक महिला व उसके दो बेटों की नृशंस हत्या के दोषी पुलिस के प्रधान आरक्षक चंद्रकांत निषाद की अपील को खारिज करते हुए उसकी दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी है। मामला 10 अक्टूबर 2019 का है। उरला थाना क्षेत्र में महिला और उसके दो बेटों की हत्या के बाद खुद प्रधान आरक्षक ने पुलिस को सूचना दी। बाद में हुई जांच में प्रधान आरक्षक खुद हत्या का दोषी निकला। साक्ष्य छुपाने के बाद पुलिस से बचने के लिए वह खुद ही प्रार्थी बन गया था। जांच के बाद प्रधान आरक्षक को गिरफ्तार कर विवेचना के बाद चालान प्रस्तुत किया गया। जिस पर ट्रायल कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
सजा के खिलाफ प्रधान आरक्षक में हाई कोर्ट में अपील की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच कहा कि आरोपी को मृतकों के साथ अंतिम बार देखा गया हो और बरामद वस्तुओं पर खून के निशान पाए जाएं तथा आरोपी इन तथ्यों की कोई विश्वसनीय व्याख्या नहीं दे सके, तो यह अभियोजन के पक्ष में सशक्त साक्ष्य बन जाता है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, न्यायमूर्ति बिभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने यह निर्णय दिया। रायपुर के 14 वें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा 26 नवंबर 2020 को पारित सजा के विरुद्ध अपील दायर की गई थी।
यह है मामला-
रायपुर जिले के उरला थाना क्षेत्र के ग्राम बाना निवासी दुलौरिन बाई व उसके बेटे सोनू निषाद और संजय निषाद की हत्या से संबंधित है। 10 अक्टूबर 2019 को पुलिस को आरोपी चंद्रकांत निषाद द्वारा सूचना दी गई, जिसके आधार पर मृत्यु की मर्ग सूचना दर्ज की गई। जांच में आया तीनों की हत्या कर साक्ष्य छिपाने उनके शवों को घर में जलाकर नष्ट करने का प्रयास किया गया।
जांच में चंद्रकांत निषाद को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। आरोपी के पास से खून से सनी टी-शर्ट और घटना में प्रयुक्त स्कूटी भी जब्त की गई।