Employees News: कर्मचारियों के आंदोलन पर डिप्टी सीएम का बड़ा बयान, बोले-उन्हें आंदोलन की बजाय...

Employees News: छत्तीसगढ़ में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कल से कर्मचारी अधिकारी तीन दिनों तक हड़ताल पर रहेंगे। डिप्टी सीएम ने हड़ताल को लेकर बड़ा बयान दिया है।

Update: 2025-12-28 13:28 GMT

Employees News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन द्वारा डीए, अवकाश समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कल से तीन दिनों तक हड़ताल पर रहेंगे। कल से शुरू हो रहे कर्मचारियों के हड़ताल को लेकर डिप्टी सीएम अरूण साव ने बड़ा बयान दिया है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कर्मचारियों के आंदोलन पर कहा कि, राज्य सरकार कर्मचारियों की हित में लगातार कार्य कर रही है। वहीं कर्मचारियों की समस्याओं का समय पर समाधान हो रहा है एवं नई भर्तियां भी हो रही है। साथ ही कर्मचारी हित के काम लगातार हो रहे हैं। उन्हें आंदोलन की बजाय बातचीत का रास्ता अपनना चाहिए।

 उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नवा रायपुर अटल निवास कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि, जब भी देश में कोई रिफार्म होता है, राष्ट्रहित में कोई बड़ा निर्णय होता है। कांग्रेसियों के पेट में दर्द होता है। मोदी सरकार विकसित भारत जी राम जी योजना लेकर आई है। लोगों को अब 100 दिन के बजाय 125 दिनों का रोजगार मिलेगा। यह लोगों के लिए ज्यादा उपयोगी और कारगार साबित होगा, इसलिए कांग्रेसियों को तकलीफ हो रही है। यह योजना राष्ट्रहित और जनहित में हैं। 

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि, बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री दुर्ग में हनुमंत कथा सुना रहे हैं। लेकिन आज कांग्रेस पार्टी घोषित रूप से सनातन विरोधी हो चुकी है, जिस तरह से बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री को लोग सुनने आ रहे हैं, उनके प्रति लोगों में जो सम्मान, आदर और आस्था का दर्शन हो रहा है, कांग्रेसी नेताओं को घबराहट हो रही है। डर और घबराहट में इस तरह की बातें कर रहे हैं। इन लोगों का सनातन विरोधी चेहरा बार बार उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि, धर्म की चर्चा और प्रचार करने साधु सन्त महात्मा आते हैं, और कांग्रेसी नहीं चाहते कि, सनातन मजबूत हो, सनातनियों में एकजुटता आए, कांग्रेस तो बांटने का काम करती है। 

डिप्टी सीएम साव ने रायगढ़ मामले पर कहा कि, इस घटना के पीछे किसका हाथ है, उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। सभी को शांतिपूर्वक अपनी बात रखने का अधिकार है।


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