Education Minister Meating: मंत्री के तीखे सवालों के बीच गश खाकर गिरे बीईओ: बैठक में मचा हड़कंप...

Education Minister Meating: मंत्री के सवालों के बीच कोटा बीईओ नरेंद्रनाथ मिश्रा की तबीयत बिगड़ने लगी। उनके चेहरे पर तेज़ पसीना उतर आया और देखते ही देखते वे कुर्सी से नीचे गिर पड़े. अधिकारियों ने तत्काल उन्हें बाहर ले जाकर पानी पिलाया।

Update: 2025-12-11 15:41 GMT

Education Minister Meating: बिलासपुर। शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव बुधवार को एक दिवसीय प्रवास पर मंथन सभागार पहुंचे। जैसे ही शिक्षा मंत्री ने बैठक संभाली, उनका पहला ही सवाल कोटा के खंड शिक्षा अधिकारी नरेंद्रनाथ मिश्रा से किया । मंत्री ने पूछा-कोटा में कितने हायर सेकेंडरी, हाई स्कूल, मिडिल और प्राथमिक स्कूल संचालित हो रहे हैं? आखिरी बार कब निरीक्षण किया? कौन-कौन सी गड़बड़ियां मिलीं और उन्हें कैसे हैंडल किया? सवालों के बीच अचानक नरेंद्रनाथ मिश्रा की तबीयत बिगड़ने लगी। उनके चेहरे पर तेज़ पसीना उतर आया और देखते ही देखते वे कुर्सी से नीचे गिर पड़े. अधिकारियों ने तत्काल उन्हें बाहर ले जाकर पानी पिलाया। कुछ पल तक किसी को कुछ समझ नहीं आया. चर्चा एक ही फैली-मंत्री की ताबड़तोड़ फटकार सुनकर BEO बेहोश हो गए।


शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने कहा है कि राज्य में शिक्षक एवं शैक्षणिक संसाधनों की कोई कमी नहीं है। जरूरत अपने स्कूल के प्रति प्रेम करने वाले और पढ़ाई में रूचि दिखाने वाले समर्पित शिक्षकों की है। राज्य सरकार अच्छे शिक्षकों को जहां पुरस्कृत करेगी वहीं लापरवाह किस्म के शिक्षकों को सजा देने में भी कोई कोताही नहीं बरतेगी।


शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्कूलों के निरंतर निरीक्षण पर जोर दिया। श्री यादव ने जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर संकुल समन्वयक तक निरंतर स्कूलों का दौरा करने के निर्देश दिए। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परेदशी, समग्र शिक्षा की एमडी डॉ. प्रियंका शुक्ला, डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी सहित संभाग के सभी आठों जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी, डीएमसी, बीईओ, बीआरसी शामिल थे।

तीन वर्षीय समग्र कार्ययोजना बनाने के निर्देश

मंत्री यादव ने सभी जिलों को अगले तीन वर्षों के लिए एक समग्र कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यालय अधोसंरचना के मजबूत विकास, शैक्षणिक माहौल के संवर्धन और शिक्षण गुणवत्ता में ठोस सुधार को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चों की बेहतर शिक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी और दीर्घकालिक योजनाएँ ही स्थायी सुधार की नींव बनेंगी।

ऑनलाइन बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य

शिक्षा मंत्री ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी शिक्षक एवं कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की जाए। उन्होंने बताया कि समय पर उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए विभाग द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है। साथ ही डीईओ, बीईओ और बीआरसी अधिकारियों को विद्यालयों के नियमित निरीक्षण, दौरा चार्ट तैयार करने और उसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार हो सके।

शैक्षणिक परिणाम सुधार हेतु लक्ष्य निर्धारित

वार्षिक परीक्षा परिणामों की समीक्षा करते हुए मंत्री श्री यादव ने कक्षा 10 वीं का परिणाम 85 प्रतिशत तथा 12 वीं का परिणाम 90 प्रतिशत लाने का लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य केवल उत्तीर्ण तक सीमित नहीं रहे बल्कि विद्यार्थियों को उच्च श्रेणी में उत्तीर्ण कराना है। उन्होंने सभी जिलों को मासिक परीक्षा की सतत निगरानी, ब्लूप्रिंट आधारित अध्ययन, उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग और कुशल शिक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण अध्यापन सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कमजोर बच्चों को चिन्हित कर उनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं आयोजित करने को कहा है।

बेसिक लर्निंग पर विशेष फोकस

मंत्री ने कक्षा 3 से 5 तक के विद्यार्थियों के लिए धारा- प्रवाह हिंदी पढ़ने को बढ़ावा देने हेतु विशेष योजना तैयार करने को कहा। साथ ही माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थियों की बेसिक गणित और अंग्रेजी दक्षता बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्यार्थियों के अपार आईडी को 100 प्रतिशत पूरा करने पर भी जोर दिया। उन्होंने स्कूलों की यू-डाइस को भी अपडेट करने के निर्देश दिए। बिलासपुर और सक्ति जिले में अपार आईडी के निर्माण की कम प्रगति पर नाराजगी जाहिर की और इसमें अगले एक सप्ताह में सुधार लाने के कड़े निर्देश दिए। ड्रॉपआउट रोकने को सर्वाेच्च प्राथमिकता बताते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की बात कही और समुदाय व पालकों के साथ नियमित संवाद को भी आवश्यक बताया।

सेवानिवृत्त शिक्षकों के लंबित स्वत्व देयकों का त्वरित निराकरण करें

बैठक में मंत्री ने निर्देश दिए कि सेवानिवृत्ति के दिन ही शिक्षकों की सेवा पुस्तिका, पासबुक और स्वत्वों का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को इस कार्य को अत्यंत गंभीरता से लेने के लिए कहा, ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

पंचायतों को दें स्कूल मरम्मत का काम

मंत्री ने स्कूल मरम्मत के छोटे-छोटे काम स्थानीय ग्राम पंचायतों के माध्यम से कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि स्कूल में आमतौर पर शौचालय निर्माण, शौचालय मरम्मत, पोताई, बिजली, पानी के काम होते है। देखा गया है कि अन्य एजेंसियों के माध्यम से कार्य कराने पर काफी विलंब होता है। पंचायतों के माध्यम से काम होने से स्थानीय समुदाय का इसमें लगाव भी होता है और बहुत सारी समस्याएं अपने आप ठीक हो जाती है। उन्होंने 31 जनवरी तक शौचालय संबंधी सभी काम पूर्ण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

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