Dhmatari Nathukonha Road Story: 25 साल का इंतजार.... जनता ने उठाली कुदाल! तोड़ी पहाड़ियां! बना दी सड़क, धमतरी के नाथूकोन्हा गांव की कहानी हैरान कर देगी

Dhmatari News Today: विकास की बुनियाद सड़क पर टिकी होती है, लेकिन जब ये बुनियाद ही हिल जाए, तो कुछ लोग इतिहास रच देते हैं। ऐसा ही हुआ धमतरी जिले के नाथूकोन्हा गांव में, जहां प्रशासनिक लापरवाही से तंग आकर ग्रामीणों ने खुद पहाड़ काटकर सड़क बना दिया।

Update: 2025-07-23 17:16 GMT

धमतरी, छत्तीसगढ़। Dhmatari News Today: "जहां चाह वहां राह" इस कहावत को हकीकत में बदल दिया है धमतरी जिले के नाथू कोहना गांव के ग्रामीणों ने। पिछले 24 साल से सड़क की मांग कर-करके थक चुके इन ग्रामीणों ने आखिरकार खुद ही फावड़ा उठाया और 25 फीट ऊंचे पहाड़ को काटकर 1600 मीटर लंबा रास्ता बना डाला।

प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद जब गांव तक पक्की सड़क नहीं पहुंची, तब नाथू कोहना गांव के लोगों ने खुद की ताकत से ‘विकास का रास्ता’ खोलने की ठान ली। यह गांव बरसात में पूरी तरह से बाकी इलाकों से कट जाता था। कीचड़ और फिसलन भरे रास्तों से होकर गांव तक पहुंचना नामुमकिन सा हो जाता था।

250 मीटर के पहाड़ को काटा, 1600 मीटर सड़क बनाई

नाथू कोहना के लोग दशकों से सड़क की मांग कर रहे थे। गांव से बाहर निकलने के लिए केवल दो ही रास्ते थे, एक 5 किलोमीटर लंबा जर्जर कच्चा मार्ग, दूसरा एक पथरीला पहाड़ी ट्रैक। लेकिन अब ग्रामीणों ने मिलकर 250 मीटर लंबे और 25 फीट ऊंचे पहाड़ी हिस्से को काटकर एक नई अस्थाई सड़क बना ली है, जो 1600 मीटर लंबी है।

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बरसात में टूट जाता था संपर्क

नाथू कोहना में 140 की आबादी है और बारिश में यह पूरी तरह से अलग-थलग हो जाता है। राशन, दवा, स्कूल या किसी भी सुविधा के लिए केरे गांव जाना जरूरी होता है। मगर केरे तक पहुंचने वाली सड़क बरसात में कीचड़ और गड्ढों से भर जाती है, जिससे कोई वाहन नहीं जा सकता। कई बार मरीजों को पीठ पर लादकर ले जाना पड़ता था।

हर शख्स बना दशरथ मांझी

जब प्रशासन से मदद नहीं मिली तो गांव के हर शख्स ने कुदाल-फावड़ा उठाया और महीनों तक मेहनत कर 1600 मीटर लंबी नई राह बना डाली। हर पुरुष, हर महिला और यहां तक कि बच्चे भी इस काम में जुड़ गए। किसी ने पत्थर हटाया, किसी ने रास्ता समतल किया।

कलेक्टर भी रह गए हैरान

नाथू कोहना गांव की इस अनोखी मिसाल की जानकारी जब धमतरी के कलेक्टर को लगी तो वे खुद चौंक गए। उन्होंने ग्रामीणों की सराहना करते हुए कहा कि यह मामला प्रशासन के लिए एक आईना है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार स्थायी सड़क निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।

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